रामपुर : उत्तर प्रदेश के जिला रामपुर की तहसील स्वार के खुदालपुर गांव के लोग नाग-नागिन का एक जोड़े से परेशान हैं. नाग-नागिन का यह जोड़ा आए दिन आबादी में चला आता है. ग्रामीणों को डर है कि गलती से पैर पड़ने पर यह जोड़ा किसी को सर्पदंश दे सकता है. फिलहाल इस नाग-नागिन के इस जोड़े को लेकर लोगों ने एक कहानी बुन ली है. लोगों का कहना है कि नाग जब रुठकर जंगल छोड़कर गांव में चला आता है तो नागिन भी पीछे-पीछे उसे मनाने चली आती है. ग्रामीण दोनों को किसी तरह जंगल में छोड़ आते हैं मगर नाग रूठकर गांव में आ जाता है. हालांकि डीएफओ राजीव कुमार का कहना है कि सर्दियों में सांप सुस्त रहते हैं. नाग नागिन बायोटिक प्रेशर या भोजन की तलाश में बाहर निकलते होंगे. उन्होंने ग्रामीणों की कहानी को साइंस के नजरिये से मानने से इनकार कर दिया. हालांकि उन्होंने आश्वासन दिया है कि वह टीम भेजकर नाग-नागिन को रेस्क्यू करेंगे.
खुदालपुर निवासी संजीव कुमार वर्मा ने बताया गांव में एक प्राथमिक स्कूल है. उसके पास एक पुरानी बगिया है. वहां पर एक नाग नागिन का जोड़ा काफी समय से रह रहा है. नाग नागिन कहानी बताते हुए संजीव दावा करते हैं कि नाग नाराज होकर नागिन को छोड़कर बाहर बस्ती में आ जाता है. उसे पीछे से ढूंढने नागिन भी आ जाती है. यह सब देखकर गांव वाले डरे हुए भी हैं. लोग नाग-नागिन को डंडे से कोने में छोड़ देते हैं, मगर नाग बस्ती में फिर से आ जाता है. इस तरह नाग के रूठने और नागिन के मनाने का सिलसिला चलता रहता है. काले नाग-नागिन को देखकर लोग डर रहे हैं.
डीएफओ रामपुर राजीव कुमार ने बताया देखिए जनवरी में कड़ाके की ठंड होती है. ऐसा मौसम सांप और रैक्टाइल के लिए हेबरनेशन पीरियड होता है. कड़ाके की सर्दी में सांप खुद को मिट्टी के अंदर छुपा के रखते हैं. कई बार विपरीत परिस्थितियां होती हैं. बायोटिक प्रेशर, ह्यूमन प्रेशर या अत्याधिक भूखा होने के कारण रैक्टाइल बाहर आ जाते हैं. ऐसा कहा जा रहा है कि नाग रूठ जाता है और नागिन उसको मनाने के लिए उसके पीछे घूम रही है, ऐसा संभव तो नहीं है. अभी उनका कोई मेटिंग टाइम भी नहीं है. सांप अप्रैल के बाद जब पहली बारिश पड़ती है, तब ज्यादा एक्टिव होते हैं. रूठने-मनाने के किस्से को साइंस नहीं मानता है लेकिन फिर भी लोग इस तरह से कह रहे हैं तो हम इस पूरे मसले को देखेंगे. टीम को भेजकर इसकी जांच कराएंगे.
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