लखीमपुर कांड के चश्मदीद गवाह की सुरक्षा हटाई, किसानों में आक्रोश - Gurjit Singh Kotia security controversy
चश्मदीद गवाह गुरजीत सिंह कोटिया की सुरक्षा हटाए जाने से किसानों में आक्रोश है. कोटिया का कहना है कि अगर परिवार सहित उनको कुछ होता है तो उसके जिम्मेदार शासन प्रशासन होंगे.
रामपुर: लखीमपुर खीरी कांड के घायल और चश्मदीद गवाह गुरजीत सिंह कोटिया की सुरक्षा हटाए जाने को लेकर किसानों में आक्रोश है. इसके चलते संगठन के सभी किसान गुरुद्वारे में जमा हुए और सुरक्षा हटाए जाने पर चर्चा की. बता दें कि गुरजीत सिंह कोटिया को सुप्रीम कोर्ट से सुरक्षा मिली हुई थी और पिछले 2 दिन से सुरक्षा हटा दी गई है, जिसके बाद किसान अब सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में है.
दरअसल, लखीमपुर खीरी में एक मंत्री के बेटे ने किसानों को गाड़ी से कुचला था. इस दौरान कई किसान घायल हुए थे. इसमें रामपुर तहसील बिलासपुर के इंद्रपुर गांव के रहने वाले किसान गुरजीत सिंह कोटिया भी घायल हुए थे, जो कि किसान नेता और बीडीसी मेंबर होने के साथ ही इस घटना के चश्मदीद गवाह दी है. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने गुरजीत सिंह कोटिया को सहित सभी घायलों को सुरक्षा प्रदान की थी. लेकिन पिछले 2-3 दिनों से सुरक्षा हटा ली गई, जिससे किसानों में आक्रोश है.
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इस दौरान गुरजीत सिंह कोटिया का कहना है कि ट्रक ड्राइवर को कुछ समस्या हो गई थी, जिसके चलत वह कंप्रोमाइज के लिए गया था. इस वजह से जिला प्रशासन पुलिस उनके घर पहुंची और दबिश देने के साथ ही काफी टॉर्चर किया. यह लोग किसी न किसी बहाने दबाव बना रहे हैं, जिसके चलते अपने संगठन को बुलाया है और उनसे चर्चा की है. गुरजीत सिंह ने कहा उनरी सिक्योरिटी सुप्रीम कोर्ट ने दी है, न कि थाने और एसपी साहब ने. यह हर दूसरे तीसरे दिन दबाव बनाने के लिए घर पर पुलिस भेज देते हैं. इतना ही नहीं दो-तीन दिन से सिक्योरिटी भी नहीं दी जा रही है, जिसके चलते परिवार सहित उनपर जान माल का खतरा बना हुआ है और अगर कुछ होता है तो उसका जिम्मेदार शासन प्रशासन तहसील और यह फैक्ट्री मालिक होगा.
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