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रामपुर: आजम खां की जौहर यूनिवर्सिटी पर चला बुलडोजर, तोड़ी गई दीवार

यूपी के रामपुर से सपा सांसद आजम खां की जौहर यूनिवर्सिटी के खिलाफ प्रशासन की कार्रवाई जारी है. गुरुवार को प्रशासन ने बुलडोजर से जौहर यूनिवर्सिटी की दीवार को गिरवा दिया.

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Published : Feb 20, 2020, 5:03 PM IST

Updated : Feb 20, 2020, 8:06 PM IST

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जौहर यूनिवर्सिटी की तोड़ी गयी दीवार.

रामपुर: सपा सांसद आजम खान की जौहर यूनिवर्सिटी के खिलाफ प्रशासन की कार्रवाई जारी है. गुरुवार को जिला प्रशासन ने बु़लडोजर से दीवार को गिरवा दिया.

जौहर यूनिवर्सिटी की तोड़ी गयी दीवार.

बता दें, पिछले दिनों आजम खां की जौहर यूनिवर्सिटी से जिला प्रशासन ने 26 किसानों की जमीन कब्जा मुक्त कर उन्हें कब्जा दिलाया था और उसके साथ ही साथ आजम खां की यूनिवर्सिटी के अंदर कुछ सरकारी चकरोड थे, जो आजम खान ने अपनी यूनिवर्सिटी में लेकर दीवार बना ली थी. गुरुवार को जिला प्रशासन ने चकरोड पर बनी दीवार को जेसीबी से गिरा दिया और आलियागंज के किसानों के लिए उनकी जमीन पर जाने का रास्ता बनाया.

जानकारी देते डीएम.

इन सब कार्रवाई के चलते जिला प्रशासन के किसी भी अधिकारी ने मीडिया से बात करने से मना कर दिया. इस दौरान उप जिलाधिकारी, तहसीलदार और कई थानों की पुलिस बल मौजूद रहा.

सपा सांसद आजम खां की जौहर यूनिवर्सिटी हमेशा विवादों के घेरे में रहती है. गुरुवार को जिला प्रशासन ने आजम खान की जौहर यूनिवर्सिटी की दीवार तोड़कर किसानों के लिए रास्ता बनाया.

ये पूरा मामला आलियागंज के 26 किसानों से जुड़ा हुआ है. कुछ दिन पहले 26 किसानों की जमीन जौहर यूनिवर्सिटी के अंदर कब्जा कर ली गई थीं, जिसको कुछ दिन पहले ही आजम खां की जौहर यूनिवर्सिटी से कब्जा मुक्त कराकर किसानों की जमीन दिलाई थी.

उसके अलावा आजम खां की जौहर यूनिवर्सिटी में सरकारी चकरोड कब्जाने का मामला था, जिसकी पैमाइश की गई थी. उसके बाद उस चकरोड पर आजम खान ने यूनिवर्सिटी की बाउंड्री बना ली थी. गुरुवार को उस यूनिवर्सिटी की दीवार ढहा कर रास्ता खुलवाया गया और इस रास्ते को किसानों के लिए उनकी जमीनों पर जाने के लिये खोला गया है.

बात करें तो इस सब कार्रवाई के दौरान मौके पर मौजूद उप जिलाधिकारी, तहसीलदार सहित कई थानों की पुलिस मौजूद थी. उसके बावजूद हमने इस मामले पर उपजिलाधिकारी पीपी तिवारी से जानना चाहा तो उन्होंने इस मामले पर कुछ भी कहने से मना कर दिया.

वहीं जौहर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर मोहम्मद यूनुस मौके पर पहुंचे और उन्होंने उपजिलाधिकारी से बात की, लेकिन कुछ बात बनी नहीं. उसके बाद उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमारा ये मामला तहसील में और रेवेन्यू बोर्ड में विचाराधीन है. डिमोलिशन ऑर्डर भी हमें कोई सर्व नहीं हुआ है. उसके बावजूद यह डिमोलिशन कर रहे हैं. एसडीएम साहब से रिक्वेस्ट की है कि यह पढ़ने लिखने की जगह है. फिलहाल इसे रोक दें और आगे जो भी फैसला होगा उसे देखा जाएगा.

रामपुर: सपा सांसद आजम खान की जौहर यूनिवर्सिटी के खिलाफ प्रशासन की कार्रवाई जारी है. गुरुवार को जिला प्रशासन ने बु़लडोजर से दीवार को गिरवा दिया.

जौहर यूनिवर्सिटी की तोड़ी गयी दीवार.

बता दें, पिछले दिनों आजम खां की जौहर यूनिवर्सिटी से जिला प्रशासन ने 26 किसानों की जमीन कब्जा मुक्त कर उन्हें कब्जा दिलाया था और उसके साथ ही साथ आजम खां की यूनिवर्सिटी के अंदर कुछ सरकारी चकरोड थे, जो आजम खान ने अपनी यूनिवर्सिटी में लेकर दीवार बना ली थी. गुरुवार को जिला प्रशासन ने चकरोड पर बनी दीवार को जेसीबी से गिरा दिया और आलियागंज के किसानों के लिए उनकी जमीन पर जाने का रास्ता बनाया.

जानकारी देते डीएम.

इन सब कार्रवाई के चलते जिला प्रशासन के किसी भी अधिकारी ने मीडिया से बात करने से मना कर दिया. इस दौरान उप जिलाधिकारी, तहसीलदार और कई थानों की पुलिस बल मौजूद रहा.

सपा सांसद आजम खां की जौहर यूनिवर्सिटी हमेशा विवादों के घेरे में रहती है. गुरुवार को जिला प्रशासन ने आजम खान की जौहर यूनिवर्सिटी की दीवार तोड़कर किसानों के लिए रास्ता बनाया.

ये पूरा मामला आलियागंज के 26 किसानों से जुड़ा हुआ है. कुछ दिन पहले 26 किसानों की जमीन जौहर यूनिवर्सिटी के अंदर कब्जा कर ली गई थीं, जिसको कुछ दिन पहले ही आजम खां की जौहर यूनिवर्सिटी से कब्जा मुक्त कराकर किसानों की जमीन दिलाई थी.

उसके अलावा आजम खां की जौहर यूनिवर्सिटी में सरकारी चकरोड कब्जाने का मामला था, जिसकी पैमाइश की गई थी. उसके बाद उस चकरोड पर आजम खान ने यूनिवर्सिटी की बाउंड्री बना ली थी. गुरुवार को उस यूनिवर्सिटी की दीवार ढहा कर रास्ता खुलवाया गया और इस रास्ते को किसानों के लिए उनकी जमीनों पर जाने के लिये खोला गया है.

बात करें तो इस सब कार्रवाई के दौरान मौके पर मौजूद उप जिलाधिकारी, तहसीलदार सहित कई थानों की पुलिस मौजूद थी. उसके बावजूद हमने इस मामले पर उपजिलाधिकारी पीपी तिवारी से जानना चाहा तो उन्होंने इस मामले पर कुछ भी कहने से मना कर दिया.

वहीं जौहर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर मोहम्मद यूनुस मौके पर पहुंचे और उन्होंने उपजिलाधिकारी से बात की, लेकिन कुछ बात बनी नहीं. उसके बाद उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमारा ये मामला तहसील में और रेवेन्यू बोर्ड में विचाराधीन है. डिमोलिशन ऑर्डर भी हमें कोई सर्व नहीं हुआ है. उसके बावजूद यह डिमोलिशन कर रहे हैं. एसडीएम साहब से रिक्वेस्ट की है कि यह पढ़ने लिखने की जगह है. फिलहाल इसे रोक दें और आगे जो भी फैसला होगा उसे देखा जाएगा.

Last Updated : Feb 20, 2020, 8:06 PM IST
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