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सिविल सेवा के शिखर पर पहुंचे प्रखर, बिना कोचिंग के हासिल की 29वीं रैंक - रामपुर समाचार

रामपुर के प्रखर कुमार सिंह ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा में परचम लहराते हुए 29वीं रैंक हासिल की है. प्रखर ने यह मुकाम बिना कोचिंग के रोजाना 15-16 घंटे सेल्फ स्टडी से हासिल किया है.

यूपीएससी में प्रखर कुमार को मिली 29वीं रैंक.
यूपीएससी में प्रखर कुमार को मिली 29वीं रैंक.
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Published : Sep 25, 2021, 4:14 PM IST

रामपुरः संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा में देशभर में प्रखर कुमार सिंह ने प्रथम प्रयास में 29वीं रैंक हासिल कर जिले का गौरव बढ़ाया है. प्रखर कुमार ने बिना कोचिंग किए ही यह मुकाम हासिल की है. प्रखर की इस कामयाबी से माता-पिता गदगद हैं. वहीं, प्रखर और उस के माता-पिता को बधाई देने वालों का घर पर तांता लगा हुआ है. प्रखर ने अपनी इस कामयाबी का श्रेय अपने माता-पिता को दिया है. केदार सिंह ने कहा उनकी दिली इच्छा थी कि वे सिविल सेवा परीक्षा में जाएं लेकिन किसी कारण नहीं जा पाए. उनके बेटे ने उनकी इस इच्छा को पूरा कर दिखाया.

यूपीएससी में प्रखर कुमार को मिली 29वीं रैंक.

बता दें कि प्रखर कुमार के पिता केदार सिंह सीआरपीएफ के रिटायर इंस्पेक्टर है और माता सविता सिंह सरकारी स्कूल में शिक्षिका है. प्रखर कुमार सिंह ने बताया किसी भी परीक्षा को उत्तीर्ण करने के लिए माता-पिता का सहयोग बहुत जरूरी होता है .मेरे माता-पिता ने मेरा बहुत साथ दिया और मैंने घर पर रहकर ही सेल्फ स्टडी की थी. प्रखर कुमार ने कहा उन्होंने ऑप्शन ट्यूशन ली थी, बाकी खुद स्टडी करता था.

प्रखर कुमार सिंह को बधाई देते लोग.
प्रखर कुमार सिंह को बधाई देते लोग.

उन्होंने बताया कि 2019 में आईआईटी रुड़की से इलेक्ट्रिकल इंजीनियर में ग्रेजुएट किया था. इसी दौरान फाइनल ईयर में मैंने डिसाइड कर लिया था कि मुझे सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करनी है. प्रखर ने बताया कि 3 साल की सेल्फ स्टडी और बिना कोचिंग के पहले प्रयास में UPSC की परीक्षा में सफलता हासिल की है. प्रखर कुमार ने कहा, आईएएस एक बहुत अच्छा प्लेटफार्म है. मैं चाहूंगा मुझे जो भी रिस्पांसिबिलिटी दी जाएगी मैं उसे अच्छे ढंग से निभाऊं. मेरी यही सोच है कि जनता एडमिनिस्ट्रेशन तक नहीं, पहुंचे बल्कि एडमिनिस्ट्रेशन जनता तक पहुंचे.

प्रखर कुमार के पिता केदार सिंह ने कहा कि बेटे की ऑल इंडिया में 29 वी रैंक आई है. केदार सिंह ने कहा मेरी दिली इच्छा थी कि मैं सिविल सेवा में परीक्षा में जाऊं, लेकिन किसी कारण से मैं नहीं जा पाया. इसलिए मैंने अपने बच्चे के जरिए अपने उस सपने को साकार करने के लिए प्रयासरत रहा. बेटे के साथ मैंने पूरी प्लानिंग की, कैसे और किस स्कूल में पढ़ाया जाए आगे कहां पर लेकर जाया जाए.

इसे भी पढ़ें-UPSC 2020: रिजल्ट घोषित, आगरा की बहू अंकिता जैन की आई तीसरी रैंक

केदार सिंह ने बताया कि प्रखर पढ़ने में बहुत ही सीरियस था और उसने इसी वर्ष एसडीएम की परीक्षा 19 वीं रैंक से पास की है. उन्होंने बताया कि प्रखर आईआईटी रुड़की से बीटेक किया है. बीटेक में सिलेक्शन के लिए भी कोई कोचिंग नहीं लिया था. केदार सिंह ने बताया कि प्रखर ने बिना कोचिंग के यूपीपीसीएस में सिलेक्ट हुए, उसका 15 से 16 घंटे का स्टडी का शेड्यूल था. हमारे बहुत कहने के बाद भी वे रिलैक्स मूड में नहीं आता था. भाजपा के जिला अध्यक्ष अभय गुप्ता अपने पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ प्रखर के घर उसके माता-पिता को और उसे बधाई देने पहुंचे.

रामपुरः संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा में देशभर में प्रखर कुमार सिंह ने प्रथम प्रयास में 29वीं रैंक हासिल कर जिले का गौरव बढ़ाया है. प्रखर कुमार ने बिना कोचिंग किए ही यह मुकाम हासिल की है. प्रखर की इस कामयाबी से माता-पिता गदगद हैं. वहीं, प्रखर और उस के माता-पिता को बधाई देने वालों का घर पर तांता लगा हुआ है. प्रखर ने अपनी इस कामयाबी का श्रेय अपने माता-पिता को दिया है. केदार सिंह ने कहा उनकी दिली इच्छा थी कि वे सिविल सेवा परीक्षा में जाएं लेकिन किसी कारण नहीं जा पाए. उनके बेटे ने उनकी इस इच्छा को पूरा कर दिखाया.

यूपीएससी में प्रखर कुमार को मिली 29वीं रैंक.

बता दें कि प्रखर कुमार के पिता केदार सिंह सीआरपीएफ के रिटायर इंस्पेक्टर है और माता सविता सिंह सरकारी स्कूल में शिक्षिका है. प्रखर कुमार सिंह ने बताया किसी भी परीक्षा को उत्तीर्ण करने के लिए माता-पिता का सहयोग बहुत जरूरी होता है .मेरे माता-पिता ने मेरा बहुत साथ दिया और मैंने घर पर रहकर ही सेल्फ स्टडी की थी. प्रखर कुमार ने कहा उन्होंने ऑप्शन ट्यूशन ली थी, बाकी खुद स्टडी करता था.

प्रखर कुमार सिंह को बधाई देते लोग.
प्रखर कुमार सिंह को बधाई देते लोग.

उन्होंने बताया कि 2019 में आईआईटी रुड़की से इलेक्ट्रिकल इंजीनियर में ग्रेजुएट किया था. इसी दौरान फाइनल ईयर में मैंने डिसाइड कर लिया था कि मुझे सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करनी है. प्रखर ने बताया कि 3 साल की सेल्फ स्टडी और बिना कोचिंग के पहले प्रयास में UPSC की परीक्षा में सफलता हासिल की है. प्रखर कुमार ने कहा, आईएएस एक बहुत अच्छा प्लेटफार्म है. मैं चाहूंगा मुझे जो भी रिस्पांसिबिलिटी दी जाएगी मैं उसे अच्छे ढंग से निभाऊं. मेरी यही सोच है कि जनता एडमिनिस्ट्रेशन तक नहीं, पहुंचे बल्कि एडमिनिस्ट्रेशन जनता तक पहुंचे.

प्रखर कुमार के पिता केदार सिंह ने कहा कि बेटे की ऑल इंडिया में 29 वी रैंक आई है. केदार सिंह ने कहा मेरी दिली इच्छा थी कि मैं सिविल सेवा में परीक्षा में जाऊं, लेकिन किसी कारण से मैं नहीं जा पाया. इसलिए मैंने अपने बच्चे के जरिए अपने उस सपने को साकार करने के लिए प्रयासरत रहा. बेटे के साथ मैंने पूरी प्लानिंग की, कैसे और किस स्कूल में पढ़ाया जाए आगे कहां पर लेकर जाया जाए.

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केदार सिंह ने बताया कि प्रखर पढ़ने में बहुत ही सीरियस था और उसने इसी वर्ष एसडीएम की परीक्षा 19 वीं रैंक से पास की है. उन्होंने बताया कि प्रखर आईआईटी रुड़की से बीटेक किया है. बीटेक में सिलेक्शन के लिए भी कोई कोचिंग नहीं लिया था. केदार सिंह ने बताया कि प्रखर ने बिना कोचिंग के यूपीपीसीएस में सिलेक्ट हुए, उसका 15 से 16 घंटे का स्टडी का शेड्यूल था. हमारे बहुत कहने के बाद भी वे रिलैक्स मूड में नहीं आता था. भाजपा के जिला अध्यक्ष अभय गुप्ता अपने पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ प्रखर के घर उसके माता-पिता को और उसे बधाई देने पहुंचे.

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