रामपुर: प्रदेश में उपचुनाव का ऐलान होने के बाद एक तरफ जहां सभी राजनीतिक पार्टियां और राजनेता चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं तो वहीं जिले में भी धारा 144 लागू कर दी गई है. उपचुनाव को देखते हुए पुलिस पिछले 5 साल के हिस्ट्रीशीटर और अपराधी प्रवृत्ति के लोगों को चिन्हित कर उनको चेतावनी दे रही है. इसको ध्यान में रखते हुए पुलिस हिस्ट्रीशीटर अपराधियों के घर जाकर उनको अपने ही अंदाज में समझाने की कोशिश कर रही है.
अपराधियों के घर समझाने पहुंची पुलिस की ये कोशिश उन्हीं पर भारी पड़ गई. मामला मोहल्ला घेर मर्दान खां का है, जहां चेतावनी देने गई पुलिस पर मोहल्ले की महिलाओं और पुरुषों ने पचराव कर दिया. इसके बाद सदर कोतवाली का घेराव भी किया. इस दौरान हंगामा कर रहे लोगों की पुलिस से काफी नोक-झोंक हुई और पुलिस की तरफ से लाठीचार्ज भी किया गया. इस कार्रवाई में पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में भी लिया है.
गए थे चेताने, उल्टे पैर भागना पड़ा
उत्तर प्रदेश में उपचुनाव की तारीख तय होने के बाद से पुलिस प्रशासन और राजनीतिक पार्टियां सतर्क हो गई हैं. जिले में धारा 144 लागू है, इसलिए पुलिस 5 साल के हिस्ट्रीशीटर अपराधियों को चिन्हित कर उनको चेतावनी दे रही है. बीती रात लगभग 1:00 बजे कई थानों की पुलिस और कई सीओ ने मिलकर मोहल्ला घेर मरदान खान में छापेमारी की कार्रवाई की. दरअसल घेर मरदान खान मोहल्ला कुरैशियों का मोहल्ला है.
पुलिस ने इनके घरों में जाकर चेतावनी दी कि वे उपचुनाव में कोई भी ऐसी गतिविधि न करें, जिससे कि उपचुनाव में बाधा आए. उसके बाद शनिवार की शाम पुलिस जब दोबारा मोहल्ला घेर मर्दान खान पहुंची तो वहां के लोगों ने पुलिस पर पथराव किया. बचने के लिए पुलिस को वहां से उल्टे पैर भागना पड़ा. उसके बाद वहां के कई महिला-पुरुषों ने मिलकर कोतवाली सदर का घेराव कर वहां का रास्ता जाम कर दिया. जिसको देखते हुए पुलिस प्रशासन ने कई थानों की पुलिस बुलाकर उन पर बलपूर्वक लाठीचार्ज किया. इस कार्रवाई में पुलिस ने 4 लोगों को हिरासत में भी लिया है.
हंगामे पर बोले अपर पुलिस अधीक्षक
हंगामे को लेकर अपर पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह ने बताया कि अचानक कुछ देर पहले कुछ महिलाएं और कुछ पुरुष जिनकी संख्या 70 से 80 के आसपास रही होगी, घेर मर्दान खां की तरफ से आए और कोतवाली की तरफ बढ़ रहे थे. चौराहे पर उन्होंने सड़क जाम कर दिया. जब पुलिस गई तो पुलिस पर भी उन्होंने बल प्रयोग किया, पुलिस ने जब उनकी वीडियो रिकॉर्डिंग की और बल प्रयोग किया तो वह लोग वहां से भाग खड़े हुए. ऐसे शरारती तत्वों के खिलाफ अभियोग पंजीकृत कर के पुलिस सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई करने जा रही है. उन्होंने धारा 144 होने के बावजूद कानून अपने हाथ में लिया, वैसे भी कानून सामान्य परिस्थिति में भी अपने हाथ में लेने का अधिकार किसी को नहीं है.