रामपुर: जिले के बिलासपुर तहसील क्षेत्र के भरतपुर गांव में बिजली गुल रहने से लोगों का जीना बेहाल है. गांव में मात्र दो या तीन घंटे ही बिजली मिलने से यहां के स्थानीय लोगों का जीना मुहाल हो गया है. बच्चे अपनी परीक्षा की तैयारी मोमबत्तियों की रोशनी में करने को मजबूर हैं.
जिले के रामपुर की तहसील बिलासपुर क्षेत्र के गांव भरतपुर में 2 साल से अधिक का समय हो चुका है, लेकिन यहां की विद्युत सप्लाई की स्थिति बेहद दयनीय है. गांव की कॉलोनी में 24 घंटे में मात्र 2 से 3 घंटे तक ही बिजली की आपूर्ति लोगों के घर तक पहुंच पाती है. जिसके चलते यहां के लोग अपनी रातों को अंधेरे में गुजारने को मजबूर हैं. वहीं स्कूली बच्चे अपने एग्जाम की तैयारियां मोमबत्ती जलाकर ही कर पा रहे हैं. इतने कम समय के लिए बिजली आने पर न ही उनके इनवर्टर चार्ज हो पाते हैं और न ही लैपटॉप.
बिजली कटौती से यहां के लोगों में जबरदस्त आक्रोश है. गांव निवासी पवन वर्मा ने बताया कि लाइट न आने से बहुत बुरे हालात हैं. बच्चे भी नहीं पढ़ पाते हैं. इतनी कम विद्युत आपूर्ति में इनवर्टर भी बोल जाते हैं. सरकार कहती है कि 24 घंटे, लेकिन 24 घंटे न मिले तो 21 घंटे तो मिले.
वहीं रिटायर्ट सैनिक राजेंद्र प्रसाद सिंह का कहना है कि मैंने बाईपास सर्जरी आर्मी हॉस्पिटल दिल्ली से कराई है. यहां आने के बाद इतनी समस्या हो रही है, क्योंकि लाइट नहीं रहने से लिफ्ट में आने-जाने की बहुत प्रॉब्लम हो रही है. हार्ट की प्रॉब्लम होने से सीढ़ियां नहीं चल सकता. हम चाहते हैं कि लाइट की समस्या जल्द दूर हो जाए. 24 घंटे में हमें लगता है बिजली आज की डेट में 1 या 2 घंटे आती होगी.
जिला अधिकारी रविंद्र कुमार मादड़ ने कहा कि बिजली आपूर्ति तीन तरीके से हो रही हैं. जिला मुख्यालय पर 24 घंटे, तहसीलों पर 20 घंटे और ग्रामीण क्षेत्र में 18 घंटे बिजली दी जा रही है. उन्होंने कह कि लगभग एवरेज जिला मुख्यालय पर तो पूरी मिल रही है, लेकिन तहसीलों और ग्रामीण क्षेत्र में एक-एक घंटे की कटौती है.