रामपुर: सपा सांसद आजम खां की मुश्किलें दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. अब आजम खां के साथ-साथ उनकी बहन की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं. आजम खां की बड़ी बहन के नाम लखनऊ के पॉश एरिया में आवंटित बंगले को लेकर नगर निगम ने एक नोटिस जारी किया है. एक नोटिस उनके लखनऊ के बंगले पर चस्पा किया है और दूसरा नोटिस रामपुर में उनकी बहन को भेजा गया है.
बहरहाल इस नोटिस का आजम खान की बहन क्या जवाब देती है. यह अभी कहना मुश्किल है. शिकायतकर्ता के मुताबिक आवंटित बंगले को आजम खां ने कूट रचित तरीके से अपनी बहन के नाम आवंटित कराया था.
सीतापुर जेल में बंद हैं आजम खां
बता दें कि रामपुर के मौजूदा सपा सांसद आजम खां इन दिनों अपनी विधायक पत्नी और बेटे के साथ सीतापुर जेल में बंद हैं. आजम खां पर 90 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं. उसके बावजूद अब आजम खां के परिवार के लोग भी मुश्किल में फंसते नजर आ रहे हैं. ममला आजम खां की बड़ी बहन से जुड़ा हुआ है. आजम खां की बड़ी बहन निकहत अफलाक रामपुर के एक स्कूल से रिटायर शिक्षक हैं और जौहर विश्वविद्यालय की सदस्य और कोषाध्यक्ष हैं.
मुख्यमंत्री से की गई मामले की शिकायत
आजम खां की बड़ी बहन निकहत अफलाक के नाम लखनऊ में 2004 में एक भवन संख्या 10/ 4 रिवर बैंक कॉलोनी में आवंटित किया गया. उसके बाद एक बड़ा भवन 11 कमरों का वर्ष 2007 में भवन संख्या जी 11 रिवर बैंक कॉलोनी में आवंटित किया गया था, जिसकी शिकायत रामपुर के भाजपा नेता मुस्तफा हुसैन ने मुख्यमंत्री से की थी.
नगर निगम लखनऊ को सौंपी गई जांच
मुख्यमंत्री ने इस शिकायत की जांच नगर निगम को सौंपी. जब नगर निगम ने इसकी जांच की तो शिकायत सही पाई गई. इस आधार पर नगर निगम ने आजम खां की बहन निकहत अफलाक को एक नोटिस जारी किया. एक नोटिस लखनऊ के बंगले पर चस्पा किया गया और दूसरा नोटिस रामपुर में आजम खां की बहन को भेजा गया. आजम खां की बहन रामपुर में ही रहती हैं.
मुख्य शिकायतकर्ता ने दी जानकारी
मुख्य शिकायतकर्ता मुस्तफा हुसैन ने बताया रामपुर के पूर्व मंत्री मोहम्मद आजम खां ने समाजवादी पार्टी की सरकार में सत्ता का दुरुपयोग करते हुए वर्ष 2004 में अपनी सगी बहन जो कि रामपुर के जूनियर क़मरलका स्कूल में बच्चों को पढ़ाती थीं और रामपुर जौहर विश्वविद्यालय ट्रस्ट की सदस्य और कोषाध्यक्ष भी थीं, उनके नाम पर कि वे लखनऊ में निवास करती हैं, लखनऊ नगर निगम से रिवर बैंक कॉलोनी में एक कोठी वर्ष 2004 में आवंटित कराई थी. बाद में 2007 में एक बड़ी कोठी आवंटित कराई. जबकि नियमानुसार उनको वह कोठी एलॉट नहीं हो सकती थी.
शिकायतकर्ता मुस्तफा हुसैन ने बताया कि हमने इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री से की थी और मुख्यमंत्री ने इसकी जांच नगर निगम को सौंपी थी. इस शिकायत की पुष्टि नगर निगम ने भी की. नगर निगम ने एक नोटिस निकहत अफलाक की लखनऊ की कोठी पर चस्पा किया है और एक नोटिस रामपुर में निकहत अफलाक़ को भेजा है.
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