रामपुरः शारदा पीठाधीश्वर जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती बुधवार की रात रामपुर पहुंचे. वह मोदी मोदी ग्रुप के चेयरमेन की तरफ से 16 नवंबर को आयोजित श्रीमद्भागवत गीता सुनाएंगे. सनातन धर्म पर नेताओं के बयान को लेकर कहा कि वे सनातम धर्म का अर्थ ही नहीं समझते हैं. ऐसी मानसिकता के लोगों को ज्ञान ही नहीं है.
बता दें कि मां दयावती मोदी जी की 108वीं जयंती पर रामपुर में मोदी ग्रुप के चेयरमेन राजर्षि डॉ. भूपेन्द्र कुमार मोदी की तरफ से 16 नवंबर से भव्य श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है. यह कार्यक्रम 16 नवंबर से 23 नवंबर तक आयोजित किया जाएगा. इस कार्यक्रम में कई देशों के विदेशी मेहमान भी शामिल होने के लिए पहुंचे हैं. वहीं, कार्यक्रम में गुजरात के द्वारका से आए शारदा पीठाधीश्वर जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती श्रीमद्भागवत गीता सुनाएंगे.
जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती जी ने कहा कि रामपुर में राजर्षि डाॅ. भूपेन्द्र कुमार मोदी का निमंत्रण था. वह अपनी अपनी माता जी का स्मरण करना चाहते हैं. "श्रीमद् भागवत कथा" के माध्यम से एक पुत्र को यही करना चाहिए. उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ी को संस्कार और संस्कृति की शिक्षा देनी चाहिए. नई पीढ़ी को स्कूल-कॉलेज में धर्म की शिक्षा नहीं मिलती है. हिंदुओं को धर्म की शिक्षा कैसे प्राप्त हो, हिंदुओं के लिए सरकारी स्कूलों में धर्म की शिक्षा कहां है. इस पर लोगों को विचार करना चाहिए.
मीडिया से बात करते हुए शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती ने राजनेताओं के सनातन धर्म और देवी-देवताओं के विवादित बयान को लेकर कहा कि जो लोग सनातन शब्द का इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें पता ही नहीं की सनातन शब्द का मतलब क्या होता है. महाराज ने कहा वह धर्म ही नहीं, जो दूसरे धर्म की निंदा करे. उन्होंने कहा कि यदि कोई सनातन धर्म का प्रयोग करता है और यह कहता है कि सनातन धर्म को नष्ट कर देना चाहिए. इसका मतलब है कि वह सनातन शब्द के अर्थ को नहीं जानता है. उन्होंने कहा अजर-अमर सनातन धर्म कभी नष्ट नहीं होने वाला है.