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भारतीय सेना ने रामपुर के नवाब घराने से मांगे शाही आर्मरी में मिले हथियार

उत्तर प्रदेश के रामपुर रियासत के नवाब के हथियारों की चर्चा पूरे देश में हैं. भारतीय सेना ने भी इनमें रुचि दिखाते हुए राजघराने के आर्मरी से निकले शस्त्रों को भारतीय सेना को भेंट करने का अनुरोध किया है. भारतीय सेना इन हथियारों को अपने म्यूजियम में रखेगी.

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भारतीय सेना ने नवाब घराने से मांगे आर्मरी में मिले हथियार.
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Published : Mar 9, 2020, 12:03 PM IST

रामपुर: शाही नवाब खानदान के शस्त्रों की चर्चा आजकल पूरे देश में है. हाल ही में रामपुर रियासत काल के आखिरी नवाब रजा अली खान की संपत्ति का आकलन किया जा रहा है, जिसमें नवाब की आर्मरी से बहुमूल्य एंटीक शस्त्रों का जखीरा निकाला गया. इनमें बंदूक, पिस्तौल, चाकू, तलवार जैसे दुर्लभ शस्त्र पाए गए. यह आर्मरी रामपुर नवाब की पर्सनल आर्मरी थी. इन शस्त्रों का प्रयोग उनकी सुरक्षा के लिए किया जाता था.

भारतीय सेना ने नवाब घराने से मांगे आर्मरी में मिले हथियार.

नवाब की कुल संपत्ति का वैल्यूएशन किया जा रहा है और उसके बाद उसे मुस्लिम पर्सनल लॉ के हिसाब से शेयर के मुताबिक नवाब के सभी वारिसों में बांटा जाएगा. आर्मरी में मौजूद इन शस्त्रों में रुचि दिखाते हुए भारतीय सेना के उत्तर भारतीय एरिया मुख्यालय के लेफ्टिनेंट जनरल एनएस राजा सुब्रह्मणि ने एक अनुरोध पत्र भेजा है, जिसमें उन्होंने नवाब काजिम अली उर्फ नवेद मियां से आर्मरी से निकले चुनिंदा शस्त्रों को आर्मी हेडक्वार्टर के म्यूजियम को भेंट करने का आग्रह किया है.

इस संबंध में नवाब काजिम अली खान उर्फ नवेद मियां ने बताया कि लेफ्टिनेंट जनरल राजा सुब्रह्मणि रामपुर आए थे, उन्होंने जुबानी इस तरह से यह प्रस्ताव दिया था तो हमने उनसे कहा था कि आप मुझे लिखित रूप में भेजिए, जिस पर बीते दिन मुझे लेटर प्राप्त हुआ है. उस लेटर में यह कहा गया है कि आर्मरी खुली थी, उसमें से सारे नहीं कुछ खास हथियार वह चाहते हैं कि लखनऊ आर्मी हेडक्वार्टर के म्यूजियम में हम हथियार भेंट कर दें, ताकि वह रामपुर के इतिहास को और यहां की जो पहचान है उसे सहेज कर रख सकें. उसका जवाब अब मैं कल भेजूंगा अभी तो उनका प्रस्ताव हमारे सामने आया है.

नवाब काजिम अली खान ने बताया कि आर्मरी में तलवारें थीं, असलहे थे और खुकरी थी, लंबे चाकू थे और रायफल थी. ज्यादातर असलहे विदेशी हैं. इंपोर्टेड हैं, जर्मन माउजर है, अमेरिकन कोल्ट है और हॉलैंड की बंदूकें हैं.

ज्यादातर बाहर की चीजें थीं. ये नवाब रजा अली खान की पर्सनल आर्मरी थी, क्योंकि जो स्टेट आर्मरी थी. वह तो 1949 में मर्जर के वक्त सरकार को दे दी गई थी. ये आर्मरी पर्सनल थी, क्योंकि खास बाग पैलेस भी उनका अपना आवास था.

इसे भी पढ़ें:-भारत में कोरोना संकट : केरल में एक और मामला, संक्रमितों की संख्या हुई 40

रामपुर: शाही नवाब खानदान के शस्त्रों की चर्चा आजकल पूरे देश में है. हाल ही में रामपुर रियासत काल के आखिरी नवाब रजा अली खान की संपत्ति का आकलन किया जा रहा है, जिसमें नवाब की आर्मरी से बहुमूल्य एंटीक शस्त्रों का जखीरा निकाला गया. इनमें बंदूक, पिस्तौल, चाकू, तलवार जैसे दुर्लभ शस्त्र पाए गए. यह आर्मरी रामपुर नवाब की पर्सनल आर्मरी थी. इन शस्त्रों का प्रयोग उनकी सुरक्षा के लिए किया जाता था.

भारतीय सेना ने नवाब घराने से मांगे आर्मरी में मिले हथियार.

नवाब की कुल संपत्ति का वैल्यूएशन किया जा रहा है और उसके बाद उसे मुस्लिम पर्सनल लॉ के हिसाब से शेयर के मुताबिक नवाब के सभी वारिसों में बांटा जाएगा. आर्मरी में मौजूद इन शस्त्रों में रुचि दिखाते हुए भारतीय सेना के उत्तर भारतीय एरिया मुख्यालय के लेफ्टिनेंट जनरल एनएस राजा सुब्रह्मणि ने एक अनुरोध पत्र भेजा है, जिसमें उन्होंने नवाब काजिम अली उर्फ नवेद मियां से आर्मरी से निकले चुनिंदा शस्त्रों को आर्मी हेडक्वार्टर के म्यूजियम को भेंट करने का आग्रह किया है.

इस संबंध में नवाब काजिम अली खान उर्फ नवेद मियां ने बताया कि लेफ्टिनेंट जनरल राजा सुब्रह्मणि रामपुर आए थे, उन्होंने जुबानी इस तरह से यह प्रस्ताव दिया था तो हमने उनसे कहा था कि आप मुझे लिखित रूप में भेजिए, जिस पर बीते दिन मुझे लेटर प्राप्त हुआ है. उस लेटर में यह कहा गया है कि आर्मरी खुली थी, उसमें से सारे नहीं कुछ खास हथियार वह चाहते हैं कि लखनऊ आर्मी हेडक्वार्टर के म्यूजियम में हम हथियार भेंट कर दें, ताकि वह रामपुर के इतिहास को और यहां की जो पहचान है उसे सहेज कर रख सकें. उसका जवाब अब मैं कल भेजूंगा अभी तो उनका प्रस्ताव हमारे सामने आया है.

नवाब काजिम अली खान ने बताया कि आर्मरी में तलवारें थीं, असलहे थे और खुकरी थी, लंबे चाकू थे और रायफल थी. ज्यादातर असलहे विदेशी हैं. इंपोर्टेड हैं, जर्मन माउजर है, अमेरिकन कोल्ट है और हॉलैंड की बंदूकें हैं.

ज्यादातर बाहर की चीजें थीं. ये नवाब रजा अली खान की पर्सनल आर्मरी थी, क्योंकि जो स्टेट आर्मरी थी. वह तो 1949 में मर्जर के वक्त सरकार को दे दी गई थी. ये आर्मरी पर्सनल थी, क्योंकि खास बाग पैलेस भी उनका अपना आवास था.

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