रामपुर: कृषि कानून के विरोध में किसान पिछले तीन माह से दिल्ली बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस किसान आंदोलन के विरोध प्रदर्शन में रामपुर जिले के रहने वाले युवा किसान नवरीत सिंह की मौत हो गई थी. नवरीत के परिजनों का आरोप है कि उसकी पुलिस की गोली लगने से मौत हुई है.
शनिवार को मृतक नवरीत सिंह के दादा हरदीप सिंह लगभग 100 गाड़ियों के जत्थे के साथ गाजीपुर बॉर्डर के लिए रवाना हुए. रामपुर में बरेली गेट पर उनका आम आदमी पार्टी के लोगों ने स्वागत किया. हरदीप सिंह ने बताया कि इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने उनकी एप्लीकेशन स्वीकार कर ली है. हाईकोर्ट ने केजरीवाल सरकार और दिल्ली पुलिस से 26 तारीख तक जवाब मांगा है.
जानें क्या है मामला
दरअसल, बिलासपुर तहसील के डिबडिबा गांव निवासी युवा किसान नवरीत सिंह की 26 जनवरी को किसान आंदोलन के दौरान मौत हो गई थी. नवनीत सिंह की मौत से किसानों में सरकार के प्रति काफी आक्रोश है. मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस की गोली लगने नवरीत सिंह की मौत हुई है. बरहाल किसान अभी भी अपनी मांगें मनवाने के लिए दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर, सिंघु बॉर्डर और टिकरी बॉर्डर पर जमे हुए हैं. शनिवार को मृतक नवरीत सिंह के दादा हरदीप सिंह 100 गाड़ियों से अधिक के काफिले के साथ रामपुर से गाजीपुर बॉर्डर के लिए निकले.
पूरे इलाके के जो किसान समर्थक, धार्मिक, राजनीतिक और सामाजिक संस्थाएं हैं, सब मिलकर एक इंसाफ मार्च लेकर जा रहे हैं. डिबडिबा गांव से गाजीपुर तक हमारा मार्च है. हम इंसाफ चाहते हैं. उसके लिए हमने दिल्ली हाईकोर्ट का भी रुख किया है. वहां हमारी एप्लीकेशन स्वीकार कर ली गई है. दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार से 26 फरवरी तक जवाब मांगा गया है.
-हरदीप सिंह, मृतक नवरीत सिंह के दादा
हम लोग जिले से शांतिपूर्वक मार्च निकाल रहे हैं. इस मामले में सरकार को हमें इंसाफ देना चाहिए और इसकी जांच की जानी चाहिए कि नवरीत सिंह को गोली किसने मारी है. यह मार्च हम लोग गाजीपुर बॉर्डर तक लेकर जा रहे हैं.
-फतेहजीत सिंह, किसान