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आजम खान की याचिका खारिज, रद रहेगी विधायकी - सपा नेता आजम खान की अपील पर सुनवाई

रामपुर की सेशन कोर्ट ने सपा नेता आजम खान की याचिका को खारिज कर दिया है. उनकी विधायकी फिलहाल रद रहेगी.

सपा नेता आजम खान
सपा नेता आजम खान
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Published : Nov 10, 2022, 8:55 AM IST

Updated : Nov 10, 2022, 6:49 PM IST

रामपुर: रामपुर की सेशन कोर्ट ने सपा नेता आजम खान की याचिका को खारिज कर दिया है. उनकी विधायकी फिलहाल रद रहेगी. बता दें कि एमपी-एमएलए कोर्ट से मिली तीन साल की सजा के खिलाफ उन्होंने अपील की थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया. सपा नेता आजम खान की स्टे एप्लीकेशन को खारिज होने के फैसले से समाजवादी पार्टी में मायूसी है. वहीं, भारतीय जनता पार्टी के लोगों में खुशी है. भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने कहा यह सत्य की जीत हुई है.

सरकारी वकील राकेश कुमार मौर्य और भाजपा नेता आकाश सक्सेना

बता दें कि समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही. एमपी-एमएलए कोर्ट से मिली तीन साल की सजा के खिलाफ उनकी अपील पर आज रामपुर सेशन कोर्ट में सुनवाई के बाद फैसला आना था. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद 15 नवंबर को तय इस सुनवाई को 10 नवंबर को करने और उसी दिन फैसला सुनाने को कहा गया था. रामपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी. फिलहाल उनकी विधायकी रद्द रहेगी.

बता दें कि आजम खां के खिलाफ 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान मिलक कोतवाली इलाके के खातानगरिया गांव में जनसभा को संबोधित किया था. आरोप है कि उन्होंने भड़काऊ भाषण दिया था जिससे दो वर्गों में नफरत फैल सकती थी. जिसका वीडियो वायरल हुआ था.वीडियो अवलोकन टीम के प्रभारी अनिल कुमार चौहान की ओर से मामले की रिपोर्ट मिलक कोतवाली में दर्ज कराई गई थी. पुलिस ने विवेचना करते हुए चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी थी. रामपुर की कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए आजम खान को दोषी करार दिया दिया था और तीन साल कैद की सजा सुनाई थी. साथ ही कोर्ट ने 25-25 हजार की दो जमानतें और छह हजार का जुर्माना भी लगाया था. इसके बाद ही आजम खान की विधायकी भी रद हो गई थी. इसी मामले को लेकर उन्होंने कोर्ट में अपील दायर की थी. इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी.

हेट सपीच मामले में आजम खान को पहले रामपुर कोर्ट से 3 साल की सजा सुनाई गई. इसके बाद आजम खान की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई थी. विधानसभा सदस्यता रद्द होने के बाद दोबारा उप चुनाव की घोषणा निर्वाचन आयोग ने की थी, जिसमें 5 दिसंबर को रामपुर में मतदान और 8 दिसंबर को मतगणना होनी थी. आजम खान की विधानसभा की सदस्यता रद्द होने के बाद आजम खान ने जिला सत्र न्यायालय में इस फैसले के खिलाफ अपील डाली थी. इस अपील पर आज एमपी एमएलए कोर्ट में सुनवाई हुई. इस सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस हुई. इसके बाद 5:00 बजे एमपी एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश ने आजम खान की स्टे एप्लीकेशन खारिज कर दिया.

वहीं, इस मामले पर एसपीओ राकेश कुमार मौर्य ने बताया कि 27 तारीख को कोर्ट एसीजेएम फर्स्ट विशेष एमपी एमएलए न्यायालय ने आजम खान को 3 साल की सजा सुनाई थी, जिसके आधार पर 28 तारीख को विधानसभा सचिवालय ने उनकी विधायकी रद्द कर दी थी. इसके बाद बुधवार को उन्होंने अपील फाइल की थी उस अपील में इनका सेंटेंस सस्पेंड कर दिया गया था और इनको अंतरिम जमानत दे दी गई थी. एमपी एमएलए कोर्ट के लिए इनकी फाइल ट्रांसफर कर दी गई थी. आज इस पर कनविक्शन पर स्टे के लिए अर्गुमेंट था. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद इनका स्टे नामंजूर कर दिया.

यह भी पढ़ें: रामपुर उपचुनाव की अधिसूचना चुनाव आयोग ने रोकी, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हुआ फैसला

रामपुर: रामपुर की सेशन कोर्ट ने सपा नेता आजम खान की याचिका को खारिज कर दिया है. उनकी विधायकी फिलहाल रद रहेगी. बता दें कि एमपी-एमएलए कोर्ट से मिली तीन साल की सजा के खिलाफ उन्होंने अपील की थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया. सपा नेता आजम खान की स्टे एप्लीकेशन को खारिज होने के फैसले से समाजवादी पार्टी में मायूसी है. वहीं, भारतीय जनता पार्टी के लोगों में खुशी है. भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने कहा यह सत्य की जीत हुई है.

सरकारी वकील राकेश कुमार मौर्य और भाजपा नेता आकाश सक्सेना

बता दें कि समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही. एमपी-एमएलए कोर्ट से मिली तीन साल की सजा के खिलाफ उनकी अपील पर आज रामपुर सेशन कोर्ट में सुनवाई के बाद फैसला आना था. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद 15 नवंबर को तय इस सुनवाई को 10 नवंबर को करने और उसी दिन फैसला सुनाने को कहा गया था. रामपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी. फिलहाल उनकी विधायकी रद्द रहेगी.

बता दें कि आजम खां के खिलाफ 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान मिलक कोतवाली इलाके के खातानगरिया गांव में जनसभा को संबोधित किया था. आरोप है कि उन्होंने भड़काऊ भाषण दिया था जिससे दो वर्गों में नफरत फैल सकती थी. जिसका वीडियो वायरल हुआ था.वीडियो अवलोकन टीम के प्रभारी अनिल कुमार चौहान की ओर से मामले की रिपोर्ट मिलक कोतवाली में दर्ज कराई गई थी. पुलिस ने विवेचना करते हुए चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी थी. रामपुर की कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए आजम खान को दोषी करार दिया दिया था और तीन साल कैद की सजा सुनाई थी. साथ ही कोर्ट ने 25-25 हजार की दो जमानतें और छह हजार का जुर्माना भी लगाया था. इसके बाद ही आजम खान की विधायकी भी रद हो गई थी. इसी मामले को लेकर उन्होंने कोर्ट में अपील दायर की थी. इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी.

हेट सपीच मामले में आजम खान को पहले रामपुर कोर्ट से 3 साल की सजा सुनाई गई. इसके बाद आजम खान की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई थी. विधानसभा सदस्यता रद्द होने के बाद दोबारा उप चुनाव की घोषणा निर्वाचन आयोग ने की थी, जिसमें 5 दिसंबर को रामपुर में मतदान और 8 दिसंबर को मतगणना होनी थी. आजम खान की विधानसभा की सदस्यता रद्द होने के बाद आजम खान ने जिला सत्र न्यायालय में इस फैसले के खिलाफ अपील डाली थी. इस अपील पर आज एमपी एमएलए कोर्ट में सुनवाई हुई. इस सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस हुई. इसके बाद 5:00 बजे एमपी एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश ने आजम खान की स्टे एप्लीकेशन खारिज कर दिया.

वहीं, इस मामले पर एसपीओ राकेश कुमार मौर्य ने बताया कि 27 तारीख को कोर्ट एसीजेएम फर्स्ट विशेष एमपी एमएलए न्यायालय ने आजम खान को 3 साल की सजा सुनाई थी, जिसके आधार पर 28 तारीख को विधानसभा सचिवालय ने उनकी विधायकी रद्द कर दी थी. इसके बाद बुधवार को उन्होंने अपील फाइल की थी उस अपील में इनका सेंटेंस सस्पेंड कर दिया गया था और इनको अंतरिम जमानत दे दी गई थी. एमपी एमएलए कोर्ट के लिए इनकी फाइल ट्रांसफर कर दी गई थी. आज इस पर कनविक्शन पर स्टे के लिए अर्गुमेंट था. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद इनका स्टे नामंजूर कर दिया.

यह भी पढ़ें: रामपुर उपचुनाव की अधिसूचना चुनाव आयोग ने रोकी, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हुआ फैसला

Last Updated : Nov 10, 2022, 6:49 PM IST
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