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रामपुर: सांसद आजम खां की 104 बीघा जमीन पर सरकार का कब्जा - सांसद आजम खां

जौहर यूनिवर्सिटी में अनुसूचित जाति के लोगों की 104 बीघा जमीन ली गई थी. इसको लेकर राजस्व परिषद में 10 मामले चल रहे थे. इसका फैसला सरकार के पक्ष में आने के बाद जिला प्रशासन जौहर यूनिवर्सिटी में 104 बीघा जमीन पर कब्जा लेने के लिए पहुंचा.

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जौहर यूनिवर्सिटी 104 बीघा जमीन कब्जा लेने के लिए पहुंचा प्रशासन.
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Published : Jan 22, 2020, 7:02 PM IST

रामपुर: सपा सांसद आजम खां की जौहर यूनिवर्सिटी में 104 बीघा जमीन पर जिला प्रशासन बुधवार को कब्जा लेने के लिए पहुंचा. इस दौरान अधिकारियों द्वारा जमीन का चिह्नीकरण और पैमाइश की गई. दरअसल 104 बीघा जमीन अनुसूचित जाति के लोगों की थी, जिसको आजम खां ने अपनी जौहर ट्रस्ट के नाम किया था. फैसला सरकार के पक्ष में आने के बाद जिला प्रशासन कब्जा लेने जौहर यूनिवर्सिटी पहुंचा.

जौहर यूनिवर्सिटी में 104 बीघा जमीन पर कब्जा लेने के लिए पहुंचा प्रशासन.
सपा सांसद आजम खां की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं. आजम खां के ऊपर एक के बाद एक आरोप और जांच का सिलसिला जारी है. आजम खां का ड्रीम प्रोजेक्ट मौलाना मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी में अनुसूचित जाति के लोगों की 104 बीघा जमीन ली गई थी. दरअसल अनुसूचित जाति की जमीन बिना जिलाधिकारी की अनुमति के कोई नहीं ले सकता. इस सिलसिले में राजस्व परिषद में 10 मामले चल रहे थे. इसका फैसला सरकार के पक्ष में आने के बाद जिला प्रशासन जौहर यूनिवर्सिटी में 104 बीघा जमीन पर कब्जा लेने के लिए पहुंचा. इसमें एसडीएम तहसीलदार समेत राजस्व के सभी अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे.

ये भी पढ़ें- भाजपा का विरोधियों पर वार, कहा- कांग्रेस बन गई है मुस्लिम लीग, जिन्ना बनना चाहते हैं ओवैसी

इस मामले में उप जिलाधिकारी पीपी तिवारी ने बताया कि जौहर यूनिवर्सिटी में जौहर ट्रस्ट के नाम से कुछ जमीनें खरीदी गई थीं, जो अनुसूचित जाति के लोगों की थीं. जमीनों को बिना जिलाधिकारी के अनुमति के खरीदा गया था. मानक के अनुसार अनुसूचित जाति की जमीन बिना जिलाधिकारी की अनुमति के नहीं खरीदी जा सकती. इस मामले में मुकदमे राजस्व परिषद में चल रहे थे. राजस्व परिषद ने आदेश दिया कि यह जमीनें राज्य सरकार में नियत कर दी जाएं.

रामपुर: सपा सांसद आजम खां की जौहर यूनिवर्सिटी में 104 बीघा जमीन पर जिला प्रशासन बुधवार को कब्जा लेने के लिए पहुंचा. इस दौरान अधिकारियों द्वारा जमीन का चिह्नीकरण और पैमाइश की गई. दरअसल 104 बीघा जमीन अनुसूचित जाति के लोगों की थी, जिसको आजम खां ने अपनी जौहर ट्रस्ट के नाम किया था. फैसला सरकार के पक्ष में आने के बाद जिला प्रशासन कब्जा लेने जौहर यूनिवर्सिटी पहुंचा.

जौहर यूनिवर्सिटी में 104 बीघा जमीन पर कब्जा लेने के लिए पहुंचा प्रशासन.
सपा सांसद आजम खां की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं. आजम खां के ऊपर एक के बाद एक आरोप और जांच का सिलसिला जारी है. आजम खां का ड्रीम प्रोजेक्ट मौलाना मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी में अनुसूचित जाति के लोगों की 104 बीघा जमीन ली गई थी. दरअसल अनुसूचित जाति की जमीन बिना जिलाधिकारी की अनुमति के कोई नहीं ले सकता. इस सिलसिले में राजस्व परिषद में 10 मामले चल रहे थे. इसका फैसला सरकार के पक्ष में आने के बाद जिला प्रशासन जौहर यूनिवर्सिटी में 104 बीघा जमीन पर कब्जा लेने के लिए पहुंचा. इसमें एसडीएम तहसीलदार समेत राजस्व के सभी अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे.

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इस मामले में उप जिलाधिकारी पीपी तिवारी ने बताया कि जौहर यूनिवर्सिटी में जौहर ट्रस्ट के नाम से कुछ जमीनें खरीदी गई थीं, जो अनुसूचित जाति के लोगों की थीं. जमीनों को बिना जिलाधिकारी के अनुमति के खरीदा गया था. मानक के अनुसार अनुसूचित जाति की जमीन बिना जिलाधिकारी की अनुमति के नहीं खरीदी जा सकती. इस मामले में मुकदमे राजस्व परिषद में चल रहे थे. राजस्व परिषद ने आदेश दिया कि यह जमीनें राज्य सरकार में नियत कर दी जाएं.

Intro:Rampur up
स्लग आज़म खान की 104 बीघा जमीन राज्य सरकार के नाम


एंकर सपा सांसद आजम खान की जोहर यूनिवर्सिटी में 104 बीघा जमीन पर जिला प्रशासन आज कब्जा लेने के लिए पहुंचा,, और उस जमीन की चिन्हिकरण और पैमाइश के लिए पहुंचा आपको बता दें 104 बीघा जमीन जो अनुसूचित जाति के लोगो की थी जिसको आजम खान ने अपनी जोहर ट्रस्ट के नाम किया था जिसका राजस्व परिषद में था जिसका फैसला सरकार के पक्ष में आने के बाद आज जिला प्रशासन कब्जा लेने जौहर यूनिवर्सिटी पहुंचा


Body:सपा सांसद आजम खान की मुश्किलें दिन-ब-दिन बढ़ती नजर आ रही है आजम खान के ऊपर एक के बाद एक आरोप और जांच का सिलसिला जारी है आजम खान का ड्रीम प्रोजेक्ट मौलाना मोहम्मद मुहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी जिसमें अनुसूचित जाति के लोगो की 104 बीघा जमीन ली गई थी जो अनुसूचित जाति की जमीन बिना जिला अधिकारी की अनुमति की कोई नहीं ले सकता जिसका राजस्व परिषद में 10 मामले चल रहे थे जो इसका फैसला सरकार के पक्ष में आने के बाद जिला प्रशासन जोहर यूनिवर्सिटी 104 बीघा जमीन कब्जा लेने के लिए पहुंचा इसमें एसडीएम तहसीलदार सहित राजस्व के सभी अधिकारियों कर्मचारी मौजूद थे


Conclusion:वहीं इस मामले पर उप जिलाधिकारी पी पी तिवारी ने बताया जोहर यूनिवर्सिटी में जोहर ट्रस्ट के नाम से कुछ जमीने खरीदी गई थी जो अनुसूचित जाति के लोगों की जमीनें थी जमीनों को बिना सक्षम अधिकारी बिना जिलाधिकारी के अनुमति के खरीदा गया था मानक के अनुसार अनुसूचित जाति की जो जमीन होती हैं बिना जिलाधिकारी के अनुमति के नहीं खरीदी जा सकती जमीनों को इन्होंने खरीदा था उसी के मुकदमें राजस्व परिषद में चल रहे थे उसी में राजस्व परिषद ने निर्धारित किया आदेश दिया कि यह जमीन राज्य सरकार में सरकार में नियत कर दी जाए अब यह जमीन राज्य सरकार की है इसलिए आज हम उस पर कब्जा लेने आए हैं

बाइट पी पी तिवारी उपजिलाधिकारी
विसुअल
Reporter Azam khan
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