रामपुर: जिले में महिला डॉक्टर के साथ गैंग के आरोप में आरोपी थाना गंज के तत्कालीन कोतवाल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. दरअसल गंज थाना क्षेत्र के एक अस्पताल की महिला डॉक्टर ने इंसाफ नहीं मिलने पर आत्महत्या करने की धमकी दी थी. वीडियो वायरल महिला ने जिला प्रशासन को चेतावनी दी थी वह मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में पेट्रोल छिड़ककर आत्महत्या कर लेगी. इसके बाद आनन-फानन में पुलिस ने पुलिस ने थाना गंज के तत्कालीन एसएचओ रामवीर सिंह यादव स्वामी विवेकानंद हॉस्पिटल के संचालक विनोद यादव मनोज और विजय चार लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज किया था.
महिला डॉक्टर का आरोप है कि उसका अस्पताल विनोद यादव ने खरीदा लेकिन पैसे नहीं दिए. इसके साथ 5 अप्रैल को उसके साथ गैंगरेप और मारपीट हुई थी, जिसमें उसके 4 दांत भी भी टूटे थे. महिला का आरोप है कि अस्पातल संचालक विनोद यादव और एसएचओ रामवीर सिंह यादव और दो लड़के उनके साथ और थे, जो सुनसान रास्ते पर मेरा मर्डर करने के लिए मुझे गाड़ी में डाल रहे थे. इसके अलावा आरोपियों ने प्लेन पेपर पर कुछ साइन भी करवाये थे. इस मामले में महिला आयोग ने संज्ञान लिया, यह घटना 5 अप्रैल की है. महिला के मुताबिक सुनवाई नहीं होने पर एक वीडियो वायरल किया था, जिसमें उसने कहा था कि मामला दर्ज नहीं हुआ तो वह मुख्यमंत्री के सामने पेट्रोल डालकर का आत्महत्या कर लेगी.
वहीं, आरोपी पक्ष के मनोज ने बताया कि वह दवा कंपनी में काम करता है और उसी दवा कंपनी के हिसाब से हम अस्पताल में दवाई देने जाते थे. इसी दौरान पता चला कि डॉक्टर मैडम ने अपना हॉस्पिटल बेच दिया है और विनोद सिंह यादव ने खरीदा है. इसके एवज में 50 लाख रुपये भी दे दिए हैं और इन्होंने आरटीजीएस के थ्रू पूरा पेमेंट कर दिया है. मैडम जो भी घटना दिखा रही है वह बिल्कुल गलत है, ऐसा कुछ हुआ ही नहीं है. इस मामले में मजिस्ट्रेट जांच के आधार पर भी यही बताया गया है. मैडम का जिस समय समझौता हुआ था तो उसने 10 लाख रुपये दिए थे.मनोज ने कहा 50 लाख में हॉस्पिटल का सौदा हुआ था और पैसे उनकी बहन के सामने दे दिए थे. यह झूठा मुकदमा है, इससे पहले भी वे इस तरह के आरोप लोगों पर लगा चुकी हैं.
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अपर पुलिस अधीक्षक डॉ. संसार सिंह ने बताया लिखित तहरीर के आधार पर थाना गंज में रामवीर सिंह यादव पूर्व थानाध्यक्ष थाना गंज, विनोद सिंह, मनोज और विजय के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है. रामवीर सिंह यादव तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक अभी जनपद संभल में तैनात है. जांच के बाद एसपी संभल ने उन्हें निलंबित भी कर दिया है. उन्होंने बताया कि विवेचना के लिए एसआईटी टीम का गठन रेंज स्तर से किया जा रहा है.