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रामपुर: अनुपस्थित मिले सरकारी डॉक्टर, मुकदमा दर्ज

उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में डीएम ने अपने निरीक्षण में डॉक्टर की अनुपस्थिति पर कार्रवाई की है. स्वास्थ्य विभाग ने कथित डॉक्टर पर मुकदमा दर्ज कराया है. बता दें कि डॉक्टर को पहले भी इसको लेकर रिमाइंडर दिया गया था.

जानकारी देती सीएमओ.
जानकारी देती सीएमओ.
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Published : Aug 26, 2020, 6:04 PM IST

रामपुर: बीते दिनों जिले के आइसोलेशन सेंटर से शिकायत के बाद जिलाधिकारी ने सेंटर का औचक निरीक्षण किया था. निरीक्षण में मेडिकल स्टाफ की लापरवाही सामने आई थी और एक डॉक्टर ड्यूटी पर अनुपस्थित था. मामले में मंगलवार को जिलाधिकारी के आदेश के बाद मेडिकल डिपार्टमेंट ने डॉक्टर के खिलाफ कोतवाली थाने में धारा 188, 269 महामारी अधिनियम और आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया है.

जानकारी देती सीएमओ.

मुख्य विकास अधिकारी गजल भारद्वाज ने बताया कि आईसीसीसी के माध्यम से शासन के स्ट्रिक्ट निर्देश हैं कि कोविड के केसेस की स्क्रीनिंग व मॉनिटरिंग की जाए. मरीजों को फैसिलिटी एलोकेशन और प्रॉपर मेडिकल अटेंशन दिया जाए. इसे कोविड कमांड सेंटर के माध्यम से बनाना है. इस बाबत कमांड सेंटर में जितने भी हमारे मेडिकल नोडल थे, सभी क्षेत्रों में मेडिकल टीम को निर्धारित किया गया था.

एफआईआर की प्रतिलिपि.
एफआईआर की प्रतिलिपि.

मुख्य विकास अधिकारी के मुताबिक हर अस्पताल पर रोस्टर बना हुआ है कि किस डॉक्टर को कितने समय तक सेंटर पर उपस्थित रहना है. साथ ही कौन पैरामेडिकल स्टाफ सेंटर पर उपस्थित रहेंगे. सीएमओ ने बताया कि जब जिलाधिकारी ने रैंडम निरीक्षण किया तो डॉ. मनोज रोस्टर के हिसाब से उपस्थित नहीं थे. साथ ही जब उसकी डिटेल में सर ने जांच कराई तो यह भी पाया गया कि सीएमओ साहब ने पहले से ही उन्हें अनुपस्थिति के संबंध में रिमाइंडर दे रखा था.

बावजूद इसके जिलाधिकारी के निरीक्षण में यह पाया गया कि डॉ. मनोज सेंटर पर उपस्थित नहीं थे, इसीलिए उन पर कार्रवाई कराई गई है. मेडिकल विभाग ने यह कार्रवाई की है, क्योंकि पहले भी कथित डॉक्टर को डिपार्टमेंटल रिमाइंडर दिया गया था. बावजूद इसके उनकी अनुपस्थिति की बात दोबारा सामने आई है, इसीलिए मामले में कड़ी कार्रवाई की जा रही है.

रामपुर: बीते दिनों जिले के आइसोलेशन सेंटर से शिकायत के बाद जिलाधिकारी ने सेंटर का औचक निरीक्षण किया था. निरीक्षण में मेडिकल स्टाफ की लापरवाही सामने आई थी और एक डॉक्टर ड्यूटी पर अनुपस्थित था. मामले में मंगलवार को जिलाधिकारी के आदेश के बाद मेडिकल डिपार्टमेंट ने डॉक्टर के खिलाफ कोतवाली थाने में धारा 188, 269 महामारी अधिनियम और आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया है.

जानकारी देती सीएमओ.

मुख्य विकास अधिकारी गजल भारद्वाज ने बताया कि आईसीसीसी के माध्यम से शासन के स्ट्रिक्ट निर्देश हैं कि कोविड के केसेस की स्क्रीनिंग व मॉनिटरिंग की जाए. मरीजों को फैसिलिटी एलोकेशन और प्रॉपर मेडिकल अटेंशन दिया जाए. इसे कोविड कमांड सेंटर के माध्यम से बनाना है. इस बाबत कमांड सेंटर में जितने भी हमारे मेडिकल नोडल थे, सभी क्षेत्रों में मेडिकल टीम को निर्धारित किया गया था.

एफआईआर की प्रतिलिपि.
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मुख्य विकास अधिकारी के मुताबिक हर अस्पताल पर रोस्टर बना हुआ है कि किस डॉक्टर को कितने समय तक सेंटर पर उपस्थित रहना है. साथ ही कौन पैरामेडिकल स्टाफ सेंटर पर उपस्थित रहेंगे. सीएमओ ने बताया कि जब जिलाधिकारी ने रैंडम निरीक्षण किया तो डॉ. मनोज रोस्टर के हिसाब से उपस्थित नहीं थे. साथ ही जब उसकी डिटेल में सर ने जांच कराई तो यह भी पाया गया कि सीएमओ साहब ने पहले से ही उन्हें अनुपस्थिति के संबंध में रिमाइंडर दे रखा था.

बावजूद इसके जिलाधिकारी के निरीक्षण में यह पाया गया कि डॉ. मनोज सेंटर पर उपस्थित नहीं थे, इसीलिए उन पर कार्रवाई कराई गई है. मेडिकल विभाग ने यह कार्रवाई की है, क्योंकि पहले भी कथित डॉक्टर को डिपार्टमेंटल रिमाइंडर दिया गया था. बावजूद इसके उनकी अनुपस्थिति की बात दोबारा सामने आई है, इसीलिए मामले में कड़ी कार्रवाई की जा रही है.

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