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फिरोजाबाद में खाद का संकट, आलू की फसल प्रभावित, डीएम ने कहा- किसान संयम बरतें

यूपी के फिरोजाबाद जिले में खाद की किल्लत से किसान खासा परेशान हैं किसानों का कहना है कि जब वे सरकारी केंद्रों पर खाद लेने पहुंचते हैं तो उन्हें बैरंग ही लौटना पड़ता है. हालांकि सरकार लगातार यह दावा कर रही है कि जिले में खाद की कोई कमी नहीं है.

किसान परेशान.
किसान परेशान.
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Published : Oct 26, 2021, 11:24 AM IST

फिरोजाबाद: यूपी के फिरोजाबाद जिले में खाद की किल्लत कम होने का नाम नहीं ले रही है. हालांकि सरकार लगातार यह दावा कर रही है कि जिले में खाद की कोई कमी नहीं है, लेकिन जब किसान खाद लेने के लिए सरकारी केंद्रों पर पहुंचते हैं तो उन्हें बैरंग ही लौटना पड़ता है. इसके ठीक विपरीत किसानों का यह भी आरोप है कि जो प्राइवेट खाद विक्रेता है. उनके यहां डीएपी खाद भरी पड़ी हुई है, लेकिन वह उसकी कालाबाजारी कर रहे हैं. जो खाद की बोरी 1,200 रुपये में आनी चाहिए. उस खाद को 1,400 से अधिक मूल्य वसूला जा रहा है. इधर जिलाधिकारी ने किसानों से कहा है कि जिले में खाद की कोई कमी नहीं है. किसान बेवजह उसका भंडारण न करें. वहीं, खाद की कमी से आलू की फसल की बुआई प्रभावित हो रही है.

यूपी का फिरोजाबाद जिला प्रमुख रूप से आलू उत्पादक जिलों में गिना जाता है. यहां बड़े पैमाने पर आलू की खेती होती है. यहां के शिकोहाबाद सिरसागंज और टूण्डला इलाके में तो अधिकांश किसान आलू की खेती करते हैं. इस खेती के लिए डीएपी खाद की आवश्यकता रहती है. लिहाजा आलू की बुआई का सीजन शुरू हो चुका है और किसानों को डीएपी खाद की जरूरत महसूस होने लगी है. इन सबके बीच फिरोजाबाद जिले में डीएपी खाद की अच्छी खासी किल्लत है. इस कमी का फायदा दुकानदार उठाने में लगे हैं.

जानकारी देते किसान और एडीएम.

किसानों का आरोप है कि जो प्राइवेट दुकानदार हैं. वह 1,200 रुपये मूल्य की खाद की बोरी को 1,400 रुपये में दे रहे हैं यानी की खाद की कालाबाजारी हो रही है. साधन सहकारी समितियों से खाद नदारद है. इधर सरकारी अफसर लगातार दावा कर रहें है कि खाद की समस्या को दूर करने की कोशिश की जा रही है. खाद की जो रैक आई थी. उन्हें साधन सहकारी समितियों पर भेज दिया गया है. किसानों का कहना है कि जब वह लोग खाद लेने के लिए समितियों पर जाते है तो उनसे यह कह दिया जाता है कि खाद खत्म हो चुकी है.

किसानों के मुताबिक प्राइवेट खाद विक्रेताओं के यहां पर्याप्त स्टॉक है, लेकिन वह लोग खाद की कालाबाजारी कर रहे हैं. 1,200 मूल्य की बोरी को 1,400 में दे रहे हैं. खाद न मिलने के कारण साधन सहकारी समितियों पर आए दिन हंगामा होता है. इधर फसल की बुआई का काम भी प्रभावित हो रहा है. जिले में खाद की कमी को लेकर मची अफरा-तफरी के बीच जिलाधिकारी ने वीडियो जारी कर किसानों से अपील की है कि वह जरूरत के हिसाब से ही खाद खरीदें. अनावश्यक भंडारण न करें. जिले में खाद की कोई कमी नहीं है. कुछ खाद और आ रही है. एक सप्ताह में यह सारी समस्या पूरी खत्म हो जाएगी.

इसे भी पढे़ं - गंगा का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ जैसे हालात, ढाई हजार बीघा फसल जलमग्न, किसान परेशान

फिरोजाबाद: यूपी के फिरोजाबाद जिले में खाद की किल्लत कम होने का नाम नहीं ले रही है. हालांकि सरकार लगातार यह दावा कर रही है कि जिले में खाद की कोई कमी नहीं है, लेकिन जब किसान खाद लेने के लिए सरकारी केंद्रों पर पहुंचते हैं तो उन्हें बैरंग ही लौटना पड़ता है. इसके ठीक विपरीत किसानों का यह भी आरोप है कि जो प्राइवेट खाद विक्रेता है. उनके यहां डीएपी खाद भरी पड़ी हुई है, लेकिन वह उसकी कालाबाजारी कर रहे हैं. जो खाद की बोरी 1,200 रुपये में आनी चाहिए. उस खाद को 1,400 से अधिक मूल्य वसूला जा रहा है. इधर जिलाधिकारी ने किसानों से कहा है कि जिले में खाद की कोई कमी नहीं है. किसान बेवजह उसका भंडारण न करें. वहीं, खाद की कमी से आलू की फसल की बुआई प्रभावित हो रही है.

यूपी का फिरोजाबाद जिला प्रमुख रूप से आलू उत्पादक जिलों में गिना जाता है. यहां बड़े पैमाने पर आलू की खेती होती है. यहां के शिकोहाबाद सिरसागंज और टूण्डला इलाके में तो अधिकांश किसान आलू की खेती करते हैं. इस खेती के लिए डीएपी खाद की आवश्यकता रहती है. लिहाजा आलू की बुआई का सीजन शुरू हो चुका है और किसानों को डीएपी खाद की जरूरत महसूस होने लगी है. इन सबके बीच फिरोजाबाद जिले में डीएपी खाद की अच्छी खासी किल्लत है. इस कमी का फायदा दुकानदार उठाने में लगे हैं.

जानकारी देते किसान और एडीएम.

किसानों का आरोप है कि जो प्राइवेट दुकानदार हैं. वह 1,200 रुपये मूल्य की खाद की बोरी को 1,400 रुपये में दे रहे हैं यानी की खाद की कालाबाजारी हो रही है. साधन सहकारी समितियों से खाद नदारद है. इधर सरकारी अफसर लगातार दावा कर रहें है कि खाद की समस्या को दूर करने की कोशिश की जा रही है. खाद की जो रैक आई थी. उन्हें साधन सहकारी समितियों पर भेज दिया गया है. किसानों का कहना है कि जब वह लोग खाद लेने के लिए समितियों पर जाते है तो उनसे यह कह दिया जाता है कि खाद खत्म हो चुकी है.

किसानों के मुताबिक प्राइवेट खाद विक्रेताओं के यहां पर्याप्त स्टॉक है, लेकिन वह लोग खाद की कालाबाजारी कर रहे हैं. 1,200 मूल्य की बोरी को 1,400 में दे रहे हैं. खाद न मिलने के कारण साधन सहकारी समितियों पर आए दिन हंगामा होता है. इधर फसल की बुआई का काम भी प्रभावित हो रहा है. जिले में खाद की कमी को लेकर मची अफरा-तफरी के बीच जिलाधिकारी ने वीडियो जारी कर किसानों से अपील की है कि वह जरूरत के हिसाब से ही खाद खरीदें. अनावश्यक भंडारण न करें. जिले में खाद की कोई कमी नहीं है. कुछ खाद और आ रही है. एक सप्ताह में यह सारी समस्या पूरी खत्म हो जाएगी.

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