रामपुर: मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय में सर्च वारंट के लिए दिए गए पुलिस के प्रार्थनापत्र को कोर्ट ने खारिज कर दिया है. कोर्ट ने एडीएम (वित्त एवं राजस्व) की रिपोर्ट और पुलिस के प्रार्थना पत्र के बाद सर्च वारंट देने के इनकार कर दिया है.
रामपुर की जौहर यूनिवर्सिटी (Mohammad Ali Jauhar University) में रोड क्लीनर मशीन, किताबें, अलमारी और फर्नीचर बरामद करने के बाद पुलिस ने कोर्ट से सर्च करने के लिए वारंट की अनुमति मांगी थी. कोर्ट ने इस मामले में एडीएम को आदेश दिया था कि वो इस बात की रिपोर्ट प्रस्तुत करें कि जौहर यूनिवर्सिटी में किन स्थानों के लिए सर्च वारंट चाहिए. कोर्ट के आदेश के बाद एडीएम सोमवार को राजस्व विभाग की टीम और पुलिस के साथ जौहर यूनिवर्सिटी पहुंचे थे और उन्होंने अपनी रिपोर्ट सील बंद लिफाफे में कोर्ट में दाखिल कर दी थी.
बुधवार को इस मामले की सुनवाई के बाद एमपी-एमएलए कोर्ट मजिस्ट्रेट ने सर्च वारंट पर फैसला सुनाया. कोर्ट ने पुलिस के प्रार्थनापत्र को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि पुलिस और मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट में भिन्नता है. लिहाजा पुलिस की ओर से सर्च वारंट के लिए दिए गए प्रर्थाना पत्र को निरस्त किया जाता है.
ये है मामला: पुलिस ने जुआ खेलने के आरोप में अनवार और सालिम को गिरफ्तार किया था. इन दोनों की निशानदेही पर पुलिस ने जौहर यूनिवर्सिटी के परिसर में गड्ढे में दबाई गई रोड क्लीनर मशीन बरामद की थी. इसके बाद दोनों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की गई तो उनकी निशानदेही पर जौहर यूनिवर्सिटी में दीवार तोड़कर मदरसा आलिया से चोरी हुई किताबें बरामद की गईं. दोनों ने पुलिस को जौहर यूनिवर्सिटी के दो कर्मचारियों के नाम बताए थे.
इसके आधार पर पुलिस ने जौहर यूनिवर्सिटी के दो कर्मचारियों परवेज और सलाउद्दीन को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की तो उनकी निशानदेही पर बुधवार को मदरसा आलिया की 42 अलमारियां बरामद की गईं. पुलिस का अनुमान था कि जौहर यूनिवर्सिटी में सर्च अभियान चलाने पर और कुछ सामान बरामद हो सकता है. इसके लिए कोतवाली पुलिस ने कोर्ट से सर्च वारंट हासिल करने के लिए प्रार्थना पत्र दाखिल किया था. जिसे कोर्ट ने बुधवार को खारिज कर दिया.