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आजम खान पर दर्ज हुए 100 से ज्यादा मुकदमे, अदालती कार्रवाई तेज - उत्तर प्रदेश

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर के सांसद मोहम्मद आजम खान पिछले 20 माह से सीतापुर जेल में बंद हैं लेकिन एक के बाद एक मुकदमों में हो रही जमानत के चलते आजम खान की रिहाई किसी भी समय हो सकती है, जिसे रोकने के लिए सरकार कोई कोर कसर छोड़ना नहीं चाहती.

अदालती कार्रवाई में आई तेजी
अदालती कार्रवाई में आई तेजी
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Published : Oct 8, 2021, 7:50 AM IST

Updated : Oct 8, 2021, 7:58 AM IST

रामपुर: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर के सांसद मोहम्मद आजम खान और उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी सरकार के बीच चूहे बिल्ली का खेल जारी है. आजम खान पर 100 से अधिक मुकदमे दर्ज किए गए जिनमें से अधिकतर में जमानत मंजूर हो चुकी है. आजम खान पिछले 20 माह से सीतापुर जेल में बंद हैं लेकिन एक के बाद एक मुकदमों में हो रही जमानत के चलते आजम खान की रिहाई किसी भी समय हो सकती है. जिसे रोकने के लिए सरकार कोई कोर कसर छोड़ना नहीं चाहती. अब अदालत की कार्रवाई में तेजी लाने के लिए सीआरपीसी की धारा 207 के अंतर्गत आजम खान को अदालत से आवश्यक कागजात विशेष वाहक द्वारा भेजे जाने के लिए सरकारी वकील ने अदालत से गुहार लगाई जिसे अदालत ने मंजूर कर लिया है.


दंड प्रक्रिया संहिता या सीआरपीसी (CRPC) की धारा 207 क्या होती है यह समझना जरूरी है कि धारा 207 के अंतर्गत किसी भी अभियुक्त पर आरोप तय करने से पहले अदालत द्वारा अभियुक्त को कुछ आवश्यक कागजात उपलब्ध कराए जाना जरूरी होते हैं, जो कि आजम खान के सीतापुर जेल में रहते वसूल कराए जाने में देरी हो रही थी. इसी देरी से बचने के लिए सरकारी वकील ने अदालत से गुहार लगाई और विशेष वाहक द्वारा यह कागजात आजम खान को सीतापुर जेल में उसूल कराए जाने के आदेश मिल गए हैं. ऐसे में स्पष्ट है कि सरकार आजम खान की रिहाई रोकने के लिए अदालत में कोई कोर कसर छोड़ना नहीं चाहती.

अदालती कार्रवाई में आई तेजी

यह भी पढ़ें- लखीमपुर हिंसा पर बोलीं तंजीन फातिमा, किसानों को ही नहीं लोकतंत्र को भी रौंद दिया



वहीं, सरकारी वकील अरुण प्रकाश सक्सेना का कहना है कि, "आजम खान के खिलाफ लगभग सौ से ज्यादा मुकदमे पंजीकृत हैं और दो चार मामलों को छोड़कर उनके खिलाफ सभी मामलों में आरोप पत्र न्यायालय में आ चुके हैं और उनसे संबंधित सभी मामले स्पेशल जज एमपी एमएलए कोर्ट (MP-MLA Court) में सुने जा रहे हैं और हमारी जानकारी के अनुसार बहुत सारे मामले ऐसे हैं जिसमें चार्ज शीट दाखिल हो चुकी है और चार्ज फ्रेम किए जाने से पहले उन्हे 207 सीआरपीसी (CRPC) के अंतर्गत डाक्यूमेंट्स दिए जाते हैं पनिश किए जाते हैं कि उसको यह जरूरी है तो उसके उनके अधिवक्ता गण सहयोग नहीं कर रहा है".

अदालती कार्रवाई में आई तेजी
अदालती कार्रवाई में आई तेजी

उनका कहना है कि हम उनकी जमानत तक ही अधिवक्ता रहे और हमे कोई ऐसे एक्यूज से ऐसे कोई इंस्ट्रक्शन नहीं है कि आगे हम उसमें कोई कार्यवाही करें. लिहाजा हमें यह लगता है कि वह यह सब मुकदमों को लंबा खींचने के लिए और कार्रवाई को टालने के लिए कर रहे हैं, इसलिए हमने अदालत से यह गुजारिश की है कि सभी मामलों में 207 का कंप्लेंट्स का डॉक्यूमेंट्स दिए जाने हैं.

यह भी पढ़ें- Lakhimpur Kheri Violence: अखिलेश यादव आज जाएंगे बहराइच, मृतक किसानों के परिजनों से करेंगे मुलाकात

सरकारी वकील अरुण प्रकाश सक्सेना का कहना है कि, स्पेशल जज एमपी एमएलए कोर्ट (MP-MLA Court) ने पांच तारीख में यह आदेश किया है जो 19 मामले जो रजिस्टर्ड है. आदेश में उन्हे स्पेशल मैसेंजर के थ्रू जेल में मोहम्मद आजम खान को कॉपी रिसीव कराई जाए, 207 का कंप्लाइज कराई जाए ताकि उन मुकदमों में आगे चार्ज फ्रेम कराए जा सके और गवाही पेश की जा सके, साथ ही मुकदमों का निस्तारण हो सके.

रामपुर: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर के सांसद मोहम्मद आजम खान और उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी सरकार के बीच चूहे बिल्ली का खेल जारी है. आजम खान पर 100 से अधिक मुकदमे दर्ज किए गए जिनमें से अधिकतर में जमानत मंजूर हो चुकी है. आजम खान पिछले 20 माह से सीतापुर जेल में बंद हैं लेकिन एक के बाद एक मुकदमों में हो रही जमानत के चलते आजम खान की रिहाई किसी भी समय हो सकती है. जिसे रोकने के लिए सरकार कोई कोर कसर छोड़ना नहीं चाहती. अब अदालत की कार्रवाई में तेजी लाने के लिए सीआरपीसी की धारा 207 के अंतर्गत आजम खान को अदालत से आवश्यक कागजात विशेष वाहक द्वारा भेजे जाने के लिए सरकारी वकील ने अदालत से गुहार लगाई जिसे अदालत ने मंजूर कर लिया है.


दंड प्रक्रिया संहिता या सीआरपीसी (CRPC) की धारा 207 क्या होती है यह समझना जरूरी है कि धारा 207 के अंतर्गत किसी भी अभियुक्त पर आरोप तय करने से पहले अदालत द्वारा अभियुक्त को कुछ आवश्यक कागजात उपलब्ध कराए जाना जरूरी होते हैं, जो कि आजम खान के सीतापुर जेल में रहते वसूल कराए जाने में देरी हो रही थी. इसी देरी से बचने के लिए सरकारी वकील ने अदालत से गुहार लगाई और विशेष वाहक द्वारा यह कागजात आजम खान को सीतापुर जेल में उसूल कराए जाने के आदेश मिल गए हैं. ऐसे में स्पष्ट है कि सरकार आजम खान की रिहाई रोकने के लिए अदालत में कोई कोर कसर छोड़ना नहीं चाहती.

अदालती कार्रवाई में आई तेजी

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वहीं, सरकारी वकील अरुण प्रकाश सक्सेना का कहना है कि, "आजम खान के खिलाफ लगभग सौ से ज्यादा मुकदमे पंजीकृत हैं और दो चार मामलों को छोड़कर उनके खिलाफ सभी मामलों में आरोप पत्र न्यायालय में आ चुके हैं और उनसे संबंधित सभी मामले स्पेशल जज एमपी एमएलए कोर्ट (MP-MLA Court) में सुने जा रहे हैं और हमारी जानकारी के अनुसार बहुत सारे मामले ऐसे हैं जिसमें चार्ज शीट दाखिल हो चुकी है और चार्ज फ्रेम किए जाने से पहले उन्हे 207 सीआरपीसी (CRPC) के अंतर्गत डाक्यूमेंट्स दिए जाते हैं पनिश किए जाते हैं कि उसको यह जरूरी है तो उसके उनके अधिवक्ता गण सहयोग नहीं कर रहा है".

अदालती कार्रवाई में आई तेजी
अदालती कार्रवाई में आई तेजी

उनका कहना है कि हम उनकी जमानत तक ही अधिवक्ता रहे और हमे कोई ऐसे एक्यूज से ऐसे कोई इंस्ट्रक्शन नहीं है कि आगे हम उसमें कोई कार्यवाही करें. लिहाजा हमें यह लगता है कि वह यह सब मुकदमों को लंबा खींचने के लिए और कार्रवाई को टालने के लिए कर रहे हैं, इसलिए हमने अदालत से यह गुजारिश की है कि सभी मामलों में 207 का कंप्लेंट्स का डॉक्यूमेंट्स दिए जाने हैं.

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सरकारी वकील अरुण प्रकाश सक्सेना का कहना है कि, स्पेशल जज एमपी एमएलए कोर्ट (MP-MLA Court) ने पांच तारीख में यह आदेश किया है जो 19 मामले जो रजिस्टर्ड है. आदेश में उन्हे स्पेशल मैसेंजर के थ्रू जेल में मोहम्मद आजम खान को कॉपी रिसीव कराई जाए, 207 का कंप्लाइज कराई जाए ताकि उन मुकदमों में आगे चार्ज फ्रेम कराए जा सके और गवाही पेश की जा सके, साथ ही मुकदमों का निस्तारण हो सके.

Last Updated : Oct 8, 2021, 7:58 AM IST

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