रामपुर: रामपुर में लोकसभा उप चुनाव शांतिपूर्वक निपटने के बाद पुलिस लाइन में 28 जून को एक सद्भावना गोष्ठी का आयोजन किया गया था. संगोष्ठी में रामपुर के पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार शुक्ला ने मंच से संबोधित करते हुए विवादित दिया. प्रेम प्रसंग के चलते अपने समुदाय को छोड़कर दूसरे समुदाय के लड़के या लड़की के घर छोड़कर चले जाने पर एसपी ने पुलिसिया अंदाज में सुझाव दिया. इसके अलावा उन्होंने बच्चों की फौज ना खड़े करने की सलाह भी दी है. एसपी का बयान सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है.
पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार शुक्ला ने कहा कि 'थाने में आए दिन ऐसे केस आते हैं, जिसमे मां-बाप का कहना होता है कि उनकी लड़की विशेष समुदाय के लड़के के साथ चली गई है. मैं उन माता-पिता को जेल भेजना चाहूंगा, जो ऐसी शिकायत लेकर आते हैं. आप देख लीजिए आपके परिवार में ऐसा क्यों हो रहा है. इससे बेहतर है कि कम बच्चे पैदा करे, जिनकी अच्छी परवरिश कर सके.'
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एसपी ने कहा कि 'बच्चों को पैदा करके छोड़ दिया है, किस के भरोसे छोड़ दिया है भाई. अगर अच्छा लगे तो यह भी सुन लीजिए कि एक दो बच्चे बहुत हैं, जिनकी परवरिश कर सको. फौज खड़ी करने से कुछ नहीं होगा. आप न उसको तालीम दे पाओगे न कोई सुझाव दे पाओगे. धर्म से उठकर मैं ये बात कह रहा हूं. सब जगह लागू होती है.'
एसपी ने कहा कि अगर ये बात किसी धर्म के आड़े आती है तो कृपया उन बच्चों को इतना पढ़ाए, जो पढ़ने के बजाए पर्चा बना रह हैं. इतना ही नहीं आगे उन्होंने कहा कि मेरी चुनौती है उनके धर्म के ठेकेदारों को कि बच्चों के हाथों में कलम देने का कोई रास्ता निकालें. नहीं तो वो कट्टा और चाकू लेकर घूमते हैं तो फिर मेरा काम बढ़ जाता है.'
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