रामपुरः जेल में बंद सपा सांसद आजम खान की भविष्यवाणी सच होती दिख रही है. आजम खान ने 3 साल पहले 1 नवंबर 2018 को निर्माणाधीन लालपुर के पुल पर खड़े होकर कहा था कि भाजपा सरकार पुल नहीं बनाएगी, क्योंकि इन लोगों का कहना और करना बिल्कुल अलग है. आजम खान की बात इसलिए साबित होती दिख रही है क्योंकि यूपी में भाजपा सरकार को साढ़ चार से अधिक समय हो गया है, लेकिन रामपुर और टांडा को जोड़ने वाला लालपुर का पुल अभी अधूरा है. जबकि इस पुल 70 फीसद कार्य सपा सरकार में हो चुका है.
सपा सरकार में शुरू हुआ था लालपुर पुल का निर्माण
कोसी नदी पर लालपुर का पुल अंग्रेजों के शासमन में सन 1932 में बना था और काफी जर्जर हालत में हो गया था. इसलिए सपा सरकार ने विधानसभा चुनाव 2017 से 1 साल पहले यानी 2016 में रामपुर के लालपुर के पुल की जगह नया पुल बनाने की मंजूरी दी थी. मंजूरी मिलने के बाद सिंचाई एवं जल संसाधन लोक निर्माण विभाग और कई विभागों के मंत्री रहे शिवपाल सिंह यादव ने इस पुल का 20 मार्च 2016 को शिलान्यास किया. शिवपाल यादव के शिलान्यास के बाद पुराने पुल को तोड़ा गया और उसकी जगह नए पुल का निर्माण शुरू हुआ. निर्माण कार्य चल ही रहा था कि 2017 में सत्ता परिवर्तन हुआ उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी. इसके बाद से आज तक पुल का काम अटका हुआ है. जबकि 70% पुल सपा सरकार में बन चुका था. 30% पुल साढ़े चार सालों में भारतीय जनता पार्टी नहीं बना पाई. वहीं, लालपुर के पुल पर एक पोस्टर उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम लिमिटेड की ओर से लगा है. इस पर लिखा है कोसी नदी सेतु का निर्माण कार्य अति शीघ्र प्रारंभ होने वाला है.
डिप्टी सीएम की घोषणा के बाद भी शुरू नहीं हुआ कार्य
गौरतलब है कि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने 23 सितम्बर 2020 लालपुर के पुल पर आए थे और उन्होंने लगभग 200 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया था. इस दौरान उन्होंने कहा था कि इस पुल का निर्माण कार्य दिसंबर तक पूरा हो जाएगा. लेकिन डिप्टी सीएम की घोषणा भी हवा-हवाई साबित हुई. उत्तर प्रदेश के योगी सरकार के मंत्री सरदार बलदेव सिंह औलख का कहना है कि जल्द ही इस पुल का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा. उन्होंने कहा कि डिप्टी सीएम केशव मौर्या के घोषणा के बाद पुल का डीपीआर तैयार हो गया है और बजट भी स्वीकृत हो चुका है. जल्द ही पुल बनकर तैयार हो जाएगा.
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पुल का निर्माण नहीं होने से 28 किमी दूर हुआ टांडा
बता दें कि लालपुर का पुल लगभग 200 से ढाई सौ गांवों को जोड़ता है और रोजाना हजारों लोग इस पुल से होकर गुजरते हैं. लालपुर का पुल टूट जाने से लोगों को आवागमन में काफी परेशानी हो रही है साथ ही साथ कारोबार पर भी असर पड़ा है. पुल का निर्माण न होने से लगभग 5 लाख लोग प्रभावित हो रहे हैं. इस पुल के नहीं होने की वजह से लोगों को 22 किलोमीटर की जगह रामपुर से टांडा के लिए 50 किलोमीटर की दूरी तय करना पड़ रहा है. बता दें कि सपा सांसद आजम खान 1 नवंबर 2018 को निर्माणाधीन लालपुर के पुल पर सीढ़ी पर खड़े होकर और उसके बाद पुल के पिलर पर खड़े होकर सरकार का विरोध किया था और सरकार से लालपुर का पुल बनवाने की मांग की थी. बरहाल इस पुल के नहीं होने से आज भी लोगो को काफी दुश्वारियां और परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.