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रायबरेली:10 बिस्तरों में सिमटा रैन बसेरा, महिलाओं के लिए नहीं है सुरक्षा व्यवस्था - दस बिस्तरों तक सीमित है रैन बसेरे

प्रदेश सरकार ने ठंड को देखते हुए शासनादेश जारी किया था कि शहर के बस अड्डों और रेलवे स्टेशन के पास रैन बसेरों का इंतजाम किया जाए, लेकिन नगर पालिका प्रशासन ने इसके लिए कोई बेहतर इंतजाम नहीं किया.

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रैन बसेरे की सुविधाएं.
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Published : Dec 18, 2019, 6:42 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:18 PM IST

रायबरेली: ठंड की शुरुआत से ही सरकार द्वारा रैन बसेरों को लेकर प्रशासन को सख्त निर्देश जारी किए गए थे. समय रहते सुविधाओं को दुरुस्त रखने के आदेश भी दिए गए थे. हालांकि जैसा आमतौर पर ज्यादातर शासनादेश के साथ होता है, वही इसके साथ भी हुआ और फिलहाल स्थानीय प्रशासन द्वारा जो भी कदम उठाए जा रहे हैं, वह नाकाफी नजर आते हैं. वहीं नगर पालिका परिषद के प्रतिनिधि द्वारा दावा किया जाता है कि जल्द ही अलाव की व्यवस्था भी कराई जाएगी.

रैन बसेरा में महिलाओं के लिए नहीं है सुरक्षा व्यवस्था.

रेलवे स्टेशन परिसर में नहीं दिखा रैन बसेरा
शहर के रेलवे स्टेशन परिसर में ईटीवी भारत को कहीं रैन बसेरा नहीं दिखा. हालांकि ठंड में यात्री अपने कंबल और शॉल के सहारे परिसर में रात बिता रहे हैं. इस वजह से प्रशासनिक दावों की पोल खुलने में देर नहीं लगी. रेलवे स्टेशन के बाद शहर के मध्य स्थित बस स्टैंड का रुख किया गया तो बस स्टैंड परिसर में निष्प्रयोज्य भवन के दायरे में नगर पालिका परिषद द्वारा रैन बसेरा स्थापित किया गया है. हालांकि इस रैन बसेरे में केवल 10 लोगों के रुकने की व्यवस्था बनाई गई है. वहीं महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए कोई विशेष इंतजाम नहीं किए गए हैं.

सुरक्षा का इंतजाम नहीं
बस स्टेशन परिसर में महिला यात्री उमा देवी ने बताया कि उन्हें ऊंचाहार जाना था, लेकिन प्रयागराज से आने में देर हो गई और उनकी बस निकल गई. अब सुबह 5 बजे की बस का इंतजार है. सुरक्षा व्यवस्था को लेकर उनका कहना है कि समान समेत खुद की सुरक्षा का जिम्मा उन्हीं के पास ही है.

क्या कहते हैं नगर पालिका परिषद के प्रतिनिधि
नगर पालिका परिषद के प्रतिनिधि राजेश कुमार कहते हैं कि कुल 10 लोगों के लिए इस 'रैन बसेरा' में लेटने की व्यवस्था है. इसके अलावा इससे ज्यादा की संख्या के लिए उन्होंने अन्य रैन बसेरे का रुख करने की हिदायत दी. साथ ही अलाव के बारे में उन्होंहे दावा किया कि जल्द ही उसकी भी शुरुआत होगी.

रायबरेली: ठंड की शुरुआत से ही सरकार द्वारा रैन बसेरों को लेकर प्रशासन को सख्त निर्देश जारी किए गए थे. समय रहते सुविधाओं को दुरुस्त रखने के आदेश भी दिए गए थे. हालांकि जैसा आमतौर पर ज्यादातर शासनादेश के साथ होता है, वही इसके साथ भी हुआ और फिलहाल स्थानीय प्रशासन द्वारा जो भी कदम उठाए जा रहे हैं, वह नाकाफी नजर आते हैं. वहीं नगर पालिका परिषद के प्रतिनिधि द्वारा दावा किया जाता है कि जल्द ही अलाव की व्यवस्था भी कराई जाएगी.

रैन बसेरा में महिलाओं के लिए नहीं है सुरक्षा व्यवस्था.

रेलवे स्टेशन परिसर में नहीं दिखा रैन बसेरा
शहर के रेलवे स्टेशन परिसर में ईटीवी भारत को कहीं रैन बसेरा नहीं दिखा. हालांकि ठंड में यात्री अपने कंबल और शॉल के सहारे परिसर में रात बिता रहे हैं. इस वजह से प्रशासनिक दावों की पोल खुलने में देर नहीं लगी. रेलवे स्टेशन के बाद शहर के मध्य स्थित बस स्टैंड का रुख किया गया तो बस स्टैंड परिसर में निष्प्रयोज्य भवन के दायरे में नगर पालिका परिषद द्वारा रैन बसेरा स्थापित किया गया है. हालांकि इस रैन बसेरे में केवल 10 लोगों के रुकने की व्यवस्था बनाई गई है. वहीं महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए कोई विशेष इंतजाम नहीं किए गए हैं.

सुरक्षा का इंतजाम नहीं
बस स्टेशन परिसर में महिला यात्री उमा देवी ने बताया कि उन्हें ऊंचाहार जाना था, लेकिन प्रयागराज से आने में देर हो गई और उनकी बस निकल गई. अब सुबह 5 बजे की बस का इंतजार है. सुरक्षा व्यवस्था को लेकर उनका कहना है कि समान समेत खुद की सुरक्षा का जिम्मा उन्हीं के पास ही है.

क्या कहते हैं नगर पालिका परिषद के प्रतिनिधि
नगर पालिका परिषद के प्रतिनिधि राजेश कुमार कहते हैं कि कुल 10 लोगों के लिए इस 'रैन बसेरा' में लेटने की व्यवस्था है. इसके अलावा इससे ज्यादा की संख्या के लिए उन्होंने अन्य रैन बसेरे का रुख करने की हिदायत दी. साथ ही अलाव के बारे में उन्होंहे दावा किया कि जल्द ही उसकी भी शुरुआत होगी.

Intro:रायबरेली स्पेशल:दस बिस्तरों तक सीमित है रैन बसेरे की सुविधाएं,महिलाओं के लिए नही दिखी समुचित सुरक्षा व्यवस्था

सरकार के दावों की पोल खोलते हैं रायबरेली के 'रैन बसेरे'

17 दिसंबर 2019 - रायबरेली

ठंड की शुरुआत से ही सरकार द्वारा रैन बसेरों को लेकर प्रशासन को सख्त निर्देश जारी किए गए थे।समय रहते सुविधाओं को दुरुस्त रखने के आदेश भी दिए गए थे।पर जैसा आमतौर पर ज्यादातर शासनादेश के साथ होता है वही इसके साथ भी हुआ और फिलहाल स्थानीय प्रशासन द्वारा जो भी कदम उठाए जा रहे हैं वह नकाफी नज़र आते है और सरकार के सभी दावों के विपरीत है।हालात ऐसे हैं कि बारिश होने पर इन रैन बसेरे और खुली छत में कोई फर्क नजर नहीं रह जाता और रैन बसेरे से कुछ दूर कही अलाव की व्यवस्था भी नज़र नही आती।हालांकि नगर पालिका परिषद के प्रतिनिधि द्वारा दावा किया जाता है कि जल्द ही अलाव की व्यवस्था भी कराई जाएगी।



Body:रायबरेली शहर के रेलवे स्टेशन परिसर में ईटीवी भारत को कहीं रैन बसेरा नही दिखा। हालांकि ठंड में यात्री अपने कंबल व शॉल के सहारे परिसर ठंड को मात देने का प्रयास करते दिखे और प्रशासनिक दावों की पोल खुलने में देर नहीं लगी।रेलवे स्टेशन के बाद ईटीवी संवाददाता द्वारा रायबरेली शहर के मध्य स्थित बस स्टैंड का रुख किया गया बस स्टैंड परिसर में निष्प्रयोज्य भवन के दायरे में नगर पालिका परिषद द्वारा रैन बसेरा स्थापित किया गया है खास बात यह है कि इस रेन बसेरे में केवल 10 लोगों के रुकने की व्यवस्था बनाई गई है।हालांकि मंगलवार रात तक वो संख्या भी पूरी नही हुई और रैन बसेरे में करीब 5 - 6 यात्री ही रात गुजारते दिखे पर महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए कोई विशेष इंतज़ाम नही किए गए थे।

बस स्टेशन परिसर में महिला यात्री उमा देवी ने बताया कि उन्हें गदागंज जाना था पर प्रयागराज से आने में देर हो गई और उनकी बस निकल गई अब सुबह 5 बजे की बस की इंतज़ारी है।सुरक्षा व्यवस्था को लेकर उनका कहना है कि समान समेत खुद की सुरक्षा का जिम्मा उन्ही के पास ही है।

रैन बसेरा में रात गुजारने के लिए मौजूद पुरुष यात्रियों के लिए व्यवस्थाएं औसत दर्जे की रही पर उन्हें और अच्छे की तलाश भी रही।

मौके पर मौजूद नगर पालिका परिषद के प्रतिनिधि राजेश कुमार कहते है कि कुल 10 लोगों के लिए इस 'रैन बसेरा' में लेटने की व्यवस्था है।इसके अलावा इससे ज्यादा की संख्या के लिए अन्य रैन बसेरे का रुख करने की हिदायत दी।साथ ही अलाव के बारें में उनका दावा हैं कि जल्द ही उसकी भी शुरुआत होगी।







Conclusion:विज़ुअल : संबंधित विज़ुअल व,

बाइट 1:उमा देवी - यात्रीगण

बाइट 2:दिनेश उत्तम - यात्री

बाइट 3: राजेश कुमार - रायबरेली नगर पलिका परिषद प्रतिनिधि

प्रणव कुमार - 7000024034
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:18 PM IST
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