रायबरेली : देश से लेकर प्रदेश तक के लोगों की निगाहों में रायबरेली जिला भले ही वीवीआईपी हो पर यहां के नागरिकों को मिल रहीं सुविधाएं आम जनपदों की तरह भी नहीं हैं. यदि जिले की चिकित्सा विभाग को देखा जाए तो यहां के अस्पताल में स्टॉफ की कमी व मशीनों की खराबी एक आम बात है.
वीवीआईपी जिला होने के बावजूद जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में अब तक प्लेटलेट्स की कोई व्यवस्था नहीं की गई है. इस सबके बीच राजनेताओं के बड़े बड़े दावे और वादे व जिला प्रशासन की विकास कार्यों की समीक्षा बैठक सब धरी की धरी प्रतीत होती है.
इस पूरे मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी रायबरेली डॉ. वीरेंद्र सिंह से बात करने की कोशिश की गई. हालांकि उनसे संपर्क नहीं हो पाया. बता दें कि इस वक्त उत्तर प्रदेश के कई जनपदों में डेंगू व वायरल फीवर का प्रकोप देखने को मिल रहा है.
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इसमें सबसे ज्यादा मरीजों की प्लेटलेट्स कम हो जाती है. इससे उन्हें प्लेटलेट्स की आवश्यकता पड़ती है. अगर रायबरेली जनपद के जिला अस्पताल की बात की जाए तो यहां के ब्लड बैंक में प्लेटलेट्स की व्यवस्था न होने से मरीजों को लखनऊ जाना पड़ता है.
वहीं, जब ब्लड बैंक में तैनात सीनियर लैब टेक्नीशियन राजकुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि रायबरेली जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में प्लेटलेट्स की कोई व्यवस्था नहीं है. इससे जिन मरीजों की प्लेटलेट्स कम होती है, उन्हें लखनऊ रेफर कर दिया जाता है.
प्लेटलेट्स की समस्या से जूझ रहा जिला अस्पताल में स्टॉफ की कमी भी एक बड़ी समस्या है. कई सालों से महिला जिला चिकित्सालय में रेडियोलॉजिस्ट का पद खाली है.
अभी तक इस पद पर किसी की तैनाती नहीं की जा सकी है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि वीवीआईपी जिला अस्पताल सिर्फ नाम का है. इसमें मिल रहीं सुविधाएं एक आम अस्पताल की तुलना में भी कम है.