रायबरेलीः उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए सभी राजनीतिक दलों ने प्रदेश की जनता को लुभाने व जातिगत वोटरों को अपने पाले में करने के लिए कई कार्यक्रमों को शुरू किया है. बसपा जहां ब्राह्मण वोट को लुभाने के लिए प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन कर रही है वहीं बीजेपी भी उच्च जातियों को अपने पाले में करने के लिए जिलेवार कार्यक्रम का आयोजन कर रही है. रायबरेली में आयोजित बीजेपी के कार्यक्रम में पहुंचे कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के लिए असहज स्थिति तब बन गई जब उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत में कार्यक्रम को बसपा का बता दिया.
बता दें कि रायबरेली के एक निजी होटल में आयोजित भारतीय जनता पार्टी के प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में शिरकत की. कार्यक्रम में जब स्वामी प्रसाद मौर्य के बोलने की बारी आई तो उन्होंने भाषण के शुरुआत में कार्यक्रम में को बसपा बता दिया. कार्यक्रम में शामिल दूसरे बीजेपी नेताओं ने मंत्री को टोका जिसके बाद उनको गलती का अहसास हुआ. सभी ने जमकर तालियां बजाई और खुद मंत्री जी मंच पर ही हंसते नजर आए. हालांकि बाद में उन्होंने इसे सुधारते हुए कार्यक्रम में अपनी बात को आगे बढ़ाया.
बसपा से बीजेपी में आए हैं स्वामी प्रसाद मौर्य
आपको बता दें कि योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य इसके पहले बहुजन समाज पार्टी के नेता के तौर पर प्रदेश में राजनीति करते थे. मायावती की सरकार में स्वामी प्रसाद मौर्य प्रभावशाली मंत्री के रूप में गिने जाते हैं. सरकार जाने के बाद अखिलेश सरकार के समय स्वामी प्रसाद मौर्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे.
2017 के चुनाव के पहले छोड़ी बसपा
2017 के विधानसभा चुनाव के पहले स्वामी प्रसाद मौर्य का मायावती से मोहभंग हुआ. जिसके बाद वे भारतीय जनता पार्टी के संपर्क में आए. चुनाव के पहले स्वामी प्रसाद मौर्य ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा और कुशीनगर के पडरौना विधानसभा सीट से कमल निशान से विधानसभा का चुनाव लड़ा. चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली मौजूदा सरकार में कैबिनेट के रूप में शपथ ली. स्वामी प्रसाद मौर्य इस समय उत्तर प्रदेश सरकार में श्रम मंत्री के रूप में काम कर रहे हैं. वहीं उनकी बेटी संघमित्रा मौर्या बदायूं से बीजेपी से सांसद है.
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