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रायबरेली: प्रदेश सरकार के दावों की खुली पोल, स्कूली बच्चों को नहीं मिल रहीं सुविधाएं

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Published : Jul 8, 2019, 11:21 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:19 PM IST

योगी सरकार भले ही शिक्षा तंत्र को दुरुस्त करने के लाख दावे कर ले, लेकिन नये सत्र की शुरुआत हो चुकी है. वहीं स्कूली बच्चों को न तो किताबें मिल पाई हैं, न ही बैग और न ही जूते-मोजे. वहीं जिम्मेदारों का कहना है कि जल्द ही ये सारी सुविधाएं उपलब्ध करा दी जाएंगी.

स्कूली बच्चों को नहीं मिली किताबें

रायबरेली: सूबे की योगी सरकार शिक्षा तंत्र को दुरुस्त करने को लेकर भले ही लाख दावे कर रही हो, लेकिन नए सत्र की शुरुआत हो चुकी है और परिषदीय स्कूलों के सभी बच्चों को समय पर ड्रेस, जूते, बैग और यहां तक कि किताबें भी नहीं मुहैया करा पाई है. सच तो ये है कि सभी दावे जमीनी हकीकत से कोसों दूर हैं.

स्कूली बच्चों को नहीं मिलीं सुविधाएं-

  • शिक्षा व्यवस्था को लेकर पिछले दो वर्षों से प्रदेश सरकार की किरकिरी हो रही है.
  • सरकार ने किताबों के अलावा यूनिफार्म जूते-मोजे बच्चों तक पहुंचाने का लक्ष्य शिक्षा विभाग को सौंपा था.
  • शासन के कड़े रुख के बाद भी कुछ हालात बदलते नहीं दिखे.
  • किताबें स्कूलों तक तो पहुंच गईं, लेकिन बच्चों को वितरित नहीं हो सकीं.
  • जूते और मोजे मिलने की बात भले ही कही जा रही हो, लेकिन ज्यादातर बच्चे बिना जूते और मोजे के ही नजर आये.
    स्कूली बच्चों को नहीं मिली किताबें

बेसिक शिक्षा अधिकारी, पीएन सिंह का कहना है कि वर्तमान सत्र में बच्चों को वितरित की जाने वाली सभी सामग्री समय रहते स्कूलों में भेज दी गयी है. बैग समेत सभी किताबें यहां तक कि वर्क बुक्स भी इस बार समय रहते वितरित कर दी गई हैं. साथ ही जूते-मोजे भी सभी बच्चों में बाट दिए गए हैं. रही बात स्कूल यूनिफॉर्म की तो उसको लेकर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बैठक भी हो चुकी है. सभी खंड शिक्षा अधिकारी को इस संबंध में निर्देशित किया जा चुका है. जल्द ही सभी बच्चों को स्कूल यूनिफॉर्म भी उपलब्ध करा दी जाएगी.

जनपद के परिषदीय स्कूलों में नए शैक्षिक सत्र की शुरुआत अप्रैल माह से ही शुरू हो गई थी, लेकिन उम्मीद की जा रही थी कि गर्मी की छुट्टियों बीतने के बाद जब तक जुलाई में स्कूल खुलेंगें तब तक स्कूलों में सब कुछ दुरुस्त हो चुका होगा. फिलहाल इंतजार बढ़ता दिख रहा है और दावों के बावजूद व्यवस्था पुराने ढर्रे पर चलने को मजबूर दिख रही है.

रायबरेली: सूबे की योगी सरकार शिक्षा तंत्र को दुरुस्त करने को लेकर भले ही लाख दावे कर रही हो, लेकिन नए सत्र की शुरुआत हो चुकी है और परिषदीय स्कूलों के सभी बच्चों को समय पर ड्रेस, जूते, बैग और यहां तक कि किताबें भी नहीं मुहैया करा पाई है. सच तो ये है कि सभी दावे जमीनी हकीकत से कोसों दूर हैं.

स्कूली बच्चों को नहीं मिलीं सुविधाएं-

  • शिक्षा व्यवस्था को लेकर पिछले दो वर्षों से प्रदेश सरकार की किरकिरी हो रही है.
  • सरकार ने किताबों के अलावा यूनिफार्म जूते-मोजे बच्चों तक पहुंचाने का लक्ष्य शिक्षा विभाग को सौंपा था.
  • शासन के कड़े रुख के बाद भी कुछ हालात बदलते नहीं दिखे.
  • किताबें स्कूलों तक तो पहुंच गईं, लेकिन बच्चों को वितरित नहीं हो सकीं.
  • जूते और मोजे मिलने की बात भले ही कही जा रही हो, लेकिन ज्यादातर बच्चे बिना जूते और मोजे के ही नजर आये.
    स्कूली बच्चों को नहीं मिली किताबें

बेसिक शिक्षा अधिकारी, पीएन सिंह का कहना है कि वर्तमान सत्र में बच्चों को वितरित की जाने वाली सभी सामग्री समय रहते स्कूलों में भेज दी गयी है. बैग समेत सभी किताबें यहां तक कि वर्क बुक्स भी इस बार समय रहते वितरित कर दी गई हैं. साथ ही जूते-मोजे भी सभी बच्चों में बाट दिए गए हैं. रही बात स्कूल यूनिफॉर्म की तो उसको लेकर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बैठक भी हो चुकी है. सभी खंड शिक्षा अधिकारी को इस संबंध में निर्देशित किया जा चुका है. जल्द ही सभी बच्चों को स्कूल यूनिफॉर्म भी उपलब्ध करा दी जाएगी.

जनपद के परिषदीय स्कूलों में नए शैक्षिक सत्र की शुरुआत अप्रैल माह से ही शुरू हो गई थी, लेकिन उम्मीद की जा रही थी कि गर्मी की छुट्टियों बीतने के बाद जब तक जुलाई में स्कूल खुलेंगें तब तक स्कूलों में सब कुछ दुरुस्त हो चुका होगा. फिलहाल इंतजार बढ़ता दिख रहा है और दावों के बावजूद व्यवस्था पुराने ढर्रे पर चलने को मजबूर दिख रही है.

Intro:रायबरेली:दावों के खुली पोल,सरकारी स्कूलों में बच्चों के पास नही पहुंचे जूते व मोजे,ड्रेस मिलने में भी हो रही देरी

08 जुलाई 2019 - रायबरेली

सूबे की योगी सरकार शिक्षा तंत्र को दुरुस्त करने को लेकर भले ही लाख दावे कर रहा हो और नए सत्र की शुरुआत से ही परिषदीय स्कूलों के सभी बच्चों को समय पर ड्रेस,स्कूल शूज और बैग समेत किताबें दिए जाने की बात कही जा रही हो पर ज़मीनी हकीक़त इन सभी दावों से कोसों दूर है।

दरअसल पिछले दो वर्षों से लगातार हो रही किरकिरी से सीख लेते हुए योगों सरकार ने इस बार समय रहते प्रदेश भर के सभी सरकारी स्कूलों में सत्र की शुरुआत से ही किताबों के अलावा यूनिफार्म व जूते व मोजे बच्चों तक पहुंचाने का लक्ष्य जिले के शिक्षा विभाग को सौंपा था।शासन के कड़े रुख के बाद व्यवस्था में कुछ बदलाव देखने को भी मिला पर ज्यादा कुछ हालात बदलते नही दिखे।किताब स्कूलों तक पहुंची पर कई स्कूलों में बच्चों को वितरित नही हो सकी।जूते व मोजे मिलने की बात भले ही की जा रही हो पर ज्यादातर बच्चे बिना जूते व मोजे के ही दिखे।रही बात ड्रेस की तो उसमें अभी 10 - 15 दिन का और समाय लगता दिख रहा है।




Body:रायबरेली के बेसिक शिक्षा अधिकारी पीएन सिंह ने दावा किया कि वर्तमान सत्र में बच्चों को वितरित की जाने वाली सभी सामग्री समय रहते स्कूलों में भेज दी गयी है।बैग समेत सभी किताबें यहां तक कि वर्क बुक्स भी इस बार समय रहते वितरित कर दी गई है साथ ही जूतों व मोजे भी सभी बच्चों में बाट दिए गए है रही बात स्कूल यूनिफार्म की तो उसको लेकर जिला अधिकारी की अध्यक्षता में बैठक भी हो चुकी है,सभी खंड शिक्षा अधिकारी को इस संबंध में निर्देशित किया जा चुका है ,बजट भी जारी हो चुका है जल्द ही सभी बच्चों को स्कूल यूनिफार्म भी उपलब्ध कराई जाएगी।




Conclusion:जनपद के परिषदीय स्कूलों में नए शैक्षिक सत्र की शुरुआत अप्रैल माह से हुई थी पर उम्मीद की जा रही थी कि जब गर्मी की छुट्टियों के बाद जुलाई में स्कूल खुलेंगें तब तक स्कूलों में सब कुछ दुरुस्त हो चुका होग।फिलहाल इंतज़ार बढ़ता दिख रहा है और दावों के बावजूद व्यवस्था पुराने ढर्रे पर चलने को मजबूर दिखती है।



बाइट : पी एन सिंह - बेसिक शिक्षा अधिकारी - रायबरेली

प्रणव कुमार - 7000024034
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:19 PM IST

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