रायबरेली: राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वाधान में जनपद न्यायालय परिसर रायबरेली में माइक्रो लोक अदालत का आयोजन रविवार को किया गया. पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत माइक्रो लोक अदालत का आयोजन 18 अक्टूबर को किया जाना था, लेकिन अचानक से कोरोना संक्रमण केस पाए जाने से इसको लेकर संशय उत्पन्न हो गया. बावजूद इसके 16 और 17 अक्टूबर को न्यायालय परिसर सील करके सैनिटाइजेशन किए जाने के निर्देश दिए गए थे. यही कारण रहा कि तय कार्यक्रम के तहत इसका आयोजन किया जा सका. हालांकि इस दौरान कोरोना से बचाव को लेकर सभी जरूरी एहतियातों का पालन होता दिखा.
कार्यक्रम का शुभारम्भ जनपद न्यायाधीश अब्दुल शाहिद ने किया. साथ ही अपर जनपद न्यायाधीश/नोडल अधिकारी लोक अदालत उदयवीर सिंह ने इसकी जरूरत पर प्रकाश डाला. वहीं विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव मयंक जायसवाल ने सभी वादकारियों की समस्याओं पर निर्णय दिए जाने का दावा किया.
लघु प्रकृति के वादों का माइक्रो लोक अदालत के माध्यम से अधिक से अधिक निस्तारण किया गया. जनपद न्यायाधीश अब्दुल शाहिद ने कहा कि कोरोना के साथ एहतियात बरतते हुए न्यायिक कार्य भी सम्पादित करना है. माइक्रो लोक अदालत का आयोजन इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि इस माइक्रो लोक अदालत से जनमानस को एक सन्देश भी देना है कि कोरोना के बावजूद भी सामान्य न्यायिक कार्य पटरी पर लौट रहा है. उन्होंने कहा कि सभी वादकारी इस अवसर का लाभ उठाते हुए अपने मुकदमों का निस्तारण कराने में न्यायालय का समुचित सहयोग करें. माइक्रो लोक अदालत के अवसर पर कुल 109 मुकदमे निस्तारित किए गए. इसमें 17430 रुपये का अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया.
इस अवसर पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मेराज अहमद, अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम पूजा गुप्ता, जूडिशियल मजिस्ट्रेट कामायिनी दुबे, जूडिशियल मजिस्ट्रेट धु्रवेश सिंह यादव, सिविल जज जूनियर डिवीजन दिनेश कुमार दिवाकर, सिविल जज जूनियर डिवीजन माला कुमारी व विशेष मजिस्ट्रेट माधवेन्द्र भी मौजूद रहे.