रायबरेली: कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाले हिस्ट्रीशीटर और कुख्यात बदमाश विकास दुबे को उज्जैन पुलिस ने गुरुवार को महाकालेश्वर मंदिर से गिरफ्तार कर लिया. विकास दुबे के गिरफ्तार होते ही शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों के बयान सामने आने लगे हैं. इसी कड़ी में शिवराजपुर थाने के इंचार्ज शहीद महेश यादव के पुत्र ने भी विकास दुबे को कड़ी सजा देने की मांग की है. साथ ही विकास दुबे का सहयोग करने वाले पुलिसकर्मियों व राजनीतिक लोगों के ऊपर भी कार्रवाई करने की मांग की है.
दरअसल, कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में 2 जुलाई की रात दबिश डालने गए पुलिसकर्मियों पर हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे ने अपने साथियों के साथ मिलकर अंधाधुंध फायरिंग की थी, जिसमें 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए, जबकि 4 गंभीर रूप से घायल हो गए. शहीद पुलिसकर्मियों में से एक रायबरेली के सरेनी क्षेत्र के बनपुरवा गांव के महेश यादव भी थे.
'यूपी पुलिस की नाकामी है विकास की गिरफ्तारी'
गैंगस्टर विकास दुबे की उज्जैन से गिरफ्तारी होने के बाद शहीद दारोगा महेश यादव के पुत्र विवेक यादव ने कहा कि विकास दुबे को आतंकी घोषित किया जाए. इसके साथ ही उसकी मदद करने वाले खाकी व खादी वालों को बेनकाब किया जाए. उन्होंने कहा कि जिस तरह विकास दुबे ने हमारे पिता को मारा, उसका भी वही हश्र होना चाहिए. उसने सरेंडर किया है, जो कि यूपी पुलिस की नाकामी साबित करता है.
ट्रांजिट रिमांड पर यूपी लाया जाएगा विकास
बता दें कि यूपी पुलिस की टीम उज्जैन के लिए रवाना हो गई है. विकास दुबे को ट्रांजिट रिमांड पर यूपी लाया जाएगा. यह सारी कवायद आज ही पूरी की जाएगी. अब तक पुलिस बिकरू कांड से ज़ुड़े 5 लोगों को कथित एनकाउंटर में मार चुकी है, जबकि पुलिस मुठभेड़ में अब तक 2 आरोपी घायल हो चुके हैं. मामले में तीन महिलाओं समेत आधा दर्जन लोग जेल भेजे जा चुके हैं.
सुरक्षा गार्ड ने सबसे पहले विकास को पहचाना
कानपुर में अपराधियों को पकड़ने गई पुलिस पर अंधाधुंध फायरिंग करने के मुख्य आरोपी विकास दुबे को मध्य प्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने विकास दुबे को महाकाल मंदिर के बाहर से गिरफ्तार किया. वहां के एक सुरक्षा गार्ड ने सबसे पहले उसे पहचाना. सुरक्षा गार्ड को विकास दुबे को देखकर शक हुआ और उसने तुरंत ही अपने वरिष्ठ अधिकारी को इसकी सूचना दी, जिसके बाद पुलिस को उसके यहां होने की जानकारी दी गई.
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7 बजे मंदिर पहुंचा था विकास
सुरक्षा गार्ड लखन यादव ने बताया कि विकास दुबे करीब सुबह 7 बजे मंदिर आया था. पहले उसने पीछे वाले गेट से मंदिर में घुसने की कोशिश की थी. करीब दो घंटे तक उससे पूछताछ की गई. उसके बाद ही उसकी पहचान सुनिश्चित की जा सकी.