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आपदा का अवसर में बदलाव: आरजीआईपीटी ने स्थापित किया 'सेंटर ऑफ एक्सीलेंस'

अमेठी के बहादुरपुर में स्थापित राजीव गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम टेक्नोलॉजी (आरजीआईपीटी) ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की दिशा में कदम बढ़ाया है. दरअसल, पेट्रोलियम और ऊर्जा क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का प्रयोग करने वाला आरजीआईपीटी देश का पहला शिक्षण संस्थान होगा.

राजीव गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम टेक्नोलॉजी.
राजीव गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम टेक्नोलॉजी.
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Published : Sep 20, 2020, 5:33 PM IST

रायबरेली: अमेठी के बहादुरपुर में स्थापित राजीव गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम टेक्नोलॉजी (आरजीआईपीटी) ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की दिशा में कदम बढ़ाया है. संस्थान ने अपने परिसर में सेंटर फॉर एक्सीलेंस का केंद्र स्थापित कर एआई और मशीन लर्निंग के एक्सपर्ट प्रोफेशनल्स तैयार करने की ठानी है. खास बात यह है कि पेट्रोलियम और ऊर्जा क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का प्रयोग करने वाला आरजीआईपीटी देश का पहला शिक्षण संस्थान होगा. संस्थान की इस पहल में कनाडा की एल्गो8 और भारत की पिंगला एआई प्राइवेट लिमिटेड भी कदमताल करने को तैयार हुए है. इसके अलावा जल्द ही परिसर में 'इनोवेशन व इन्क्यूबेशन सेंटर' भी स्थापित करने की तैयारी है.

जानकारी देते निदेशक एएसके सिन्हा.

ईटीवी भारत से खास मुलाकात में संस्थान के डायरेक्टर प्रोफेसर एएसके सिन्हा ने बताया कि मौजूदा दौर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग टेक्नोलॉजी की जरूरत हर क्षेत्र में है, यही कारण है कि संस्थान ने कनाडा की कंपनी एल्गो8 के साथ एक एमओयू साइन करने के साथ ही 'सेंटर ऑफ एक्सीलेंस' की स्थापना की है. निश्चित रूप से संस्थान के लिए यह कदम मील का पत्थर साबित होगा.

जल्द ही स्थापित होगा 'इनोवेशन व इन्क्यूबेशन सेंटर'
प्रो. सिन्हा ने बताया कि कोरोना काल मे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने के बाद जल्द ही संस्थान एचएएल (हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड) की मदद से इंस्टीट्यूट परिसर में ही इनोवेशन और इन्क्यूबेशन सेंटर की भी शुरुआत करेगा. निदेशक दावा करते हैं कि इस संबंध में एचएएल के साथ करार भी हो गया है. प्रोजेक्ट को पूरा करने में करीब 7 करोड़ का खर्चा अनुमानित हैं, जिसमें एचएएल 50 फीसदी का खर्च उठाएगा.

सेफ्टी व हज़ार्डस पर भी शुरू होगा विशेषज्ञ पाठ्यक्रम
हाल ही केंद्र सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा जारी की गई. एनआईआरएफ रैंकिंग में देश के शीर्ष 200 इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट में आरजीआईपीटी ने पहली बार जगह बनाने में कामयाबी हासिल करते हुए 134वें स्थान पर रहा. संस्थान की इन्हीं सफलताओं से प्रेरित होकर इस सत्र में कई विशेषज्ञ कोर्स चालू करने की दिशा में कदम बढ़ा चुका है. चेन्नई की एमएस रिस्क सर्विसेज लिमिटेड के साथ भी मसौदे पर हस्ताक्षर हुए हैं. आने वाले 18 माह में भारत के करीब एक हजार पेशेवरों को पेट्रोलियम और ऊर्जा क्षेत्र में कामकाज के दौरान स्वास्थ्य, सुरक्षा और पर्यावरण के मानकों पर खरा उतरने की बारीकियों से रूबरू होने का अवसर प्राप्त हो सकेगा.

'ज्ञान अर्पण' की भी जल्द ही होगी शुरुआत
आरजीआईपीटी के निदेशक प्रो सिन्हा कहते हैं कि अमेठी सांसद स्मृति ईरानी के सुझाव पर संस्थान द्वारा जिले के नौनिहालों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करने के मकसद से 'ज्ञान अर्पण' की शुरुआत की गई थी. मगर कोरोना के कारण इस प्रयास को तगड़ा झटका लगा है. अभी तक इस मिशन के लिए हम संस्थान परिसर में सेशन चलाने के अलावा तिलोई और जगदीशपुर में सेंटर संचालित कर रहे थे. जल्द ही गौरीगंज, अमेठी और छत्तोंह में भी शुरू करने की प्लानिंग थी, लेकिन लॉकडाउन और संक्रमण काल के कारण सभी कार्यक्रम ठप हो गए. मगर जल्द ही इसको ऑनलाइन माध्यम से दोबारा शुरू किया जाएगा.

संस्थान के इस प्रयास में कई अन्य संस्थानों के सीएसआर सपोर्ट के जरिए मदद मिलने की उम्मीद है. आर्थिक रूप से कमजोर तबके के बच्चों को उनके घरों में भी रहकर ऑनलाइन पढ़ाई का अवसर मिले, इसके लिए उन्हें मोबाइल हैंडसेट के साथ ही डाटा रिचार्ज की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी. वहीं कुल मिलाकर कहें तो आरजीआईपीटी अपने छात्रों के अलावा पूरे अमेठी के विकास के लिए प्रयासरत है.

इसे भी पढ़ें- रायबरेली में दबंगों ने गाड़ी में लगाई आग

रायबरेली: अमेठी के बहादुरपुर में स्थापित राजीव गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम टेक्नोलॉजी (आरजीआईपीटी) ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की दिशा में कदम बढ़ाया है. संस्थान ने अपने परिसर में सेंटर फॉर एक्सीलेंस का केंद्र स्थापित कर एआई और मशीन लर्निंग के एक्सपर्ट प्रोफेशनल्स तैयार करने की ठानी है. खास बात यह है कि पेट्रोलियम और ऊर्जा क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का प्रयोग करने वाला आरजीआईपीटी देश का पहला शिक्षण संस्थान होगा. संस्थान की इस पहल में कनाडा की एल्गो8 और भारत की पिंगला एआई प्राइवेट लिमिटेड भी कदमताल करने को तैयार हुए है. इसके अलावा जल्द ही परिसर में 'इनोवेशन व इन्क्यूबेशन सेंटर' भी स्थापित करने की तैयारी है.

जानकारी देते निदेशक एएसके सिन्हा.

ईटीवी भारत से खास मुलाकात में संस्थान के डायरेक्टर प्रोफेसर एएसके सिन्हा ने बताया कि मौजूदा दौर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग टेक्नोलॉजी की जरूरत हर क्षेत्र में है, यही कारण है कि संस्थान ने कनाडा की कंपनी एल्गो8 के साथ एक एमओयू साइन करने के साथ ही 'सेंटर ऑफ एक्सीलेंस' की स्थापना की है. निश्चित रूप से संस्थान के लिए यह कदम मील का पत्थर साबित होगा.

जल्द ही स्थापित होगा 'इनोवेशन व इन्क्यूबेशन सेंटर'
प्रो. सिन्हा ने बताया कि कोरोना काल मे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने के बाद जल्द ही संस्थान एचएएल (हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड) की मदद से इंस्टीट्यूट परिसर में ही इनोवेशन और इन्क्यूबेशन सेंटर की भी शुरुआत करेगा. निदेशक दावा करते हैं कि इस संबंध में एचएएल के साथ करार भी हो गया है. प्रोजेक्ट को पूरा करने में करीब 7 करोड़ का खर्चा अनुमानित हैं, जिसमें एचएएल 50 फीसदी का खर्च उठाएगा.

सेफ्टी व हज़ार्डस पर भी शुरू होगा विशेषज्ञ पाठ्यक्रम
हाल ही केंद्र सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा जारी की गई. एनआईआरएफ रैंकिंग में देश के शीर्ष 200 इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट में आरजीआईपीटी ने पहली बार जगह बनाने में कामयाबी हासिल करते हुए 134वें स्थान पर रहा. संस्थान की इन्हीं सफलताओं से प्रेरित होकर इस सत्र में कई विशेषज्ञ कोर्स चालू करने की दिशा में कदम बढ़ा चुका है. चेन्नई की एमएस रिस्क सर्विसेज लिमिटेड के साथ भी मसौदे पर हस्ताक्षर हुए हैं. आने वाले 18 माह में भारत के करीब एक हजार पेशेवरों को पेट्रोलियम और ऊर्जा क्षेत्र में कामकाज के दौरान स्वास्थ्य, सुरक्षा और पर्यावरण के मानकों पर खरा उतरने की बारीकियों से रूबरू होने का अवसर प्राप्त हो सकेगा.

'ज्ञान अर्पण' की भी जल्द ही होगी शुरुआत
आरजीआईपीटी के निदेशक प्रो सिन्हा कहते हैं कि अमेठी सांसद स्मृति ईरानी के सुझाव पर संस्थान द्वारा जिले के नौनिहालों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करने के मकसद से 'ज्ञान अर्पण' की शुरुआत की गई थी. मगर कोरोना के कारण इस प्रयास को तगड़ा झटका लगा है. अभी तक इस मिशन के लिए हम संस्थान परिसर में सेशन चलाने के अलावा तिलोई और जगदीशपुर में सेंटर संचालित कर रहे थे. जल्द ही गौरीगंज, अमेठी और छत्तोंह में भी शुरू करने की प्लानिंग थी, लेकिन लॉकडाउन और संक्रमण काल के कारण सभी कार्यक्रम ठप हो गए. मगर जल्द ही इसको ऑनलाइन माध्यम से दोबारा शुरू किया जाएगा.

संस्थान के इस प्रयास में कई अन्य संस्थानों के सीएसआर सपोर्ट के जरिए मदद मिलने की उम्मीद है. आर्थिक रूप से कमजोर तबके के बच्चों को उनके घरों में भी रहकर ऑनलाइन पढ़ाई का अवसर मिले, इसके लिए उन्हें मोबाइल हैंडसेट के साथ ही डाटा रिचार्ज की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी. वहीं कुल मिलाकर कहें तो आरजीआईपीटी अपने छात्रों के अलावा पूरे अमेठी के विकास के लिए प्रयासरत है.

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