रायबरेली: अमेठी के राजीव गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम टेक्नोलॉजी (RGIPT) बहादुरपुर के बस कंडक्टर की संदिग्ध परिस्थितियों में गुरुवार को मौत हो गई. वहीं कोरोना से ग्रसित होने के संदेह पर संस्थान के आला अधिकारियों का दावा है कि मृतक के अंदर कोरोना से जुड़े कोई लक्षण नहीं देखे गए थे.
जानकारी के मुताबिक, RGIPT में लगभग 10 वर्षों से कार्यरत 40 वर्षीय रमेश कुमार मौर्य की गुरुवार दोपहर बाद अचानक तबियत बिगड़ गई. तबियत बिगड़ते ही पहले रमेश को संस्थान के चिकित्सक को दिखाया गया, लेकिन हालत में सुधार न होने के चलते नज़दीकी अस्पताल ले जाया गया. फुरसतगंज सीएचसी ले जाने पर चिकित्सकों ने रमेश को मृत घोषित कर दिया.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार
संस्थान के कुलसचिव जितेन्द्र प्रसाद ने बताया कि रायबरेली के ऊंचाहार थाना क्षेत्र के पूरे हवलदार निवासी रमेश मौर्य लंबे समय से एजेंसी के माध्यम से कार्यरत थे. गुरुवार को दोपहर में लंच के बाद से अचानक से उनकी तबियत बिगड़ी तो अस्पताल ले जाते वक्त रमेश की मौत हो गई. रमेश के अंदर कोरोना के कोई लक्षण नहीं दिखे थे. संभवतः मौत कार्डियक अरेस्ट के चलते हुई होगी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.
जांच में जुटी पुलिस
वहीं मृतक के परिजनों का आरोप है कि संस्थान के कर्मचारियों ने न ही समय से जानकारी दी और न ही अस्पताल में रमेश के साथ संस्थान का कोई अधिकारी दिखाई दिया. फिलहाल पुलिस पूरे मामले की पड़ताल कर रही है.