रायबरेली: जनपद में अब खस्ताहाल वाहनों की सड़कों से विदाई की दिशा में परिवाहन विभाग की पहल का असर दिखने लगा है. उप संभागीय परिवाहन कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार 15 वर्ष पुराने करीब 40 हजार से ज्यादा वाहनों के पंजीयन को निलंबित किया जा चुका है. विभाग के इस कदम से एक ओर जहां राजस्व वसूली की मुहिम में तेजी आने की उम्मीद है, वहीं सड़कों पर बढ़ते वाहनों की संख्या में कमी आएगी.
बिना पंजीकरण के चलने वाहन अवैध घोषित
रायबरेली में बिना पंजीकरण के रोड़ पर चलने वाले वाहनों को पूरी तरह अवैध करार दे दिया गया है. एआरटीओ राघवेंद्र सिंह ने बताया कि सभी वाहन स्वामियों को विभाग द्वारा समय-समय पर इस संबंध में सूचित भी किया गया. फिर भी निर्धारित अवधि के अंदर पंजीकरण के रिन्यूअल न कराने के कारण कड़े कदम उठाए गए हैं. फिलहाल उन सभी पुराने वाहनों को सड़कों पर फर्राटा भरने से तत्काल प्रभाव से रोक लगाई गई है. निलंबित हुए पंजीकरण के वाहनों को सड़कों पर फर्राटा भरने को सुरक्षा मानकों के विपरीत बताते हुए एआरटीओ ने उसे गैर कानूनी करार दिया. पंजीकरण में लापरवाही बरतने से विभाग को मिलने वाले राजस्व में भी भारी नुकसान होता है.
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दरअसल आमतौर वाहनों का पंजीयन 15 वर्षों के लिए मान्य होता है. उसके बाद दोबारा से उनका रिन्यूअल कराने की प्रक्रिया पूरी करनी होती है. विभागीय आंकड़ों के अनुसार जिले में करीब 40 से 50 हजार ऐसे वाहनों की संख्या है, जिनके पंजीकरण के 15 वर्ष की अवधि समाप्त हो चुकी है और अब पंजीयन की पुनः आवश्यकता है. जानकार कहते हैं कि भारी संख्या में ऐसे वाहन अभी भी सड़कों पर फर्राटा भर रहे हैं. लेकिन यातायात नियमों में सख्ती के असर को देखते हुए उम्मीद है कि पंजीयन निलंबित होने के बाद ऐसे वाहनों के सड़कों पर उतरने की उम्मीद कम है.
जनपद के करीब 40 हजार से ज्यादा 15 साल पुराने वाहनों का पंजीयन विभाग द्वारा निलंबित किया जा चुका है. अगले 6 महीनों तक यदि इन वाहनों के पुनः पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी नहीं की जाती है, तो इनका पंजीकरण निररस्त कर दिया जाएगा.
-राघवेंद्र सिंह, एआरटीओ