रायबरेली: कानपुर मुठभेड़ के मुख्य आरोपी हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के एनकाउंटर होने के बाद रायबरेली निवासी शहीद दरोगा के परिजनों ने संतुष्टि जाहिर की है. परिजनों ने मामले की जांच कराने और हिस्ट्रीशीटर को सरंक्षण देने वालों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की मांग की है. मुठभेड़ में शहीद दरोगा महेश यादव रायबरेली जिले के सरेनी थाना क्षेत्र के बनपुरवा गांव के रहने वाले थे.
बता दें कि कानपुर देहात के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में 2 जुलाई की रात पुलिस की टीम हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को गिरफ्तार करने गई थी. इस दौरान बदमाशों ने घर के अंदर और छत पर से पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी. इसके बाद पुलिस और बदमाशों में मुठभेड़ होने लगी, जवाबी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने भी दो बदमाशों को मार गिया. वहीं विकास दुबे अपने साथियों के साथ फरार हो गया. इस मुठभेड़ में 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे, जबकि कई अन्य घायल हो गए थे.
घटना के बाद से ही पुलिस और एसटीएफ की कई टीमें विकास दुबे और उसके साथियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी करने लगी. इसी बीच एक मुठभेड़ में एसटीएफ ने विकास दुबे गैंग के शार्प शूटर अमित दुबे को मार गिराया. वहीं 9 जुलाई को उज्जैन महाकाल मंदिर में दर्शन के दौरान विकास दुबे को मध्य प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था.
एमपी पुलिस ने 9 जुलाई को देर शाम विकास दुबे को यूपी एसटीएफ को सौंप दिया. शुक्रवार को आते समय कानपुर से कुछ दूरी पर पुलिस की गाड़ी पलट गई और कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए, मौका देखकर विकास दुबे एक पुलिसकर्मी की पिस्टल छीनकर फरार होने की कोशिश करने लगा और पुलिसकर्मियों को गोली मारने की धमकी देने लगा. वहीं पुलिस की ओर से आत्मरक्षा के लिए चलाई गई गोली से वह घायल हो गया. पुलिस उसे इलाज के अस्पताल लेकर गई, जहां डाॅक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
वहीं मुठभेड़ में शहीद शिवराजपुर थाना इंचार्ज महेश यादव के परिजनों ने विकास दुबे के एनकाउंटर पर संतुष्टि जताई है. शहीद के बेटे विवेक ने इस घटना की सीबीआई जांच कराने की मांग की है. साथ ही हिस्ट्रीशीटर को संरक्षण देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की भी मांग की है.