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UPPCS : रायबरेली के शिवम ने हासिल की 38वीं रैंक, अध्ययन और अभ्यास से मिली कामयाबी

रायबरेली के प्रगतिपुरम में रहने वाले राम नरेश सिंह विकास भवन के बाहर सालों से छोटी सी स्टेशनरी की दुकान लगाते हैं. बुधवार की देर रात उनके घर में अचानक से खुशियों की दस्तक दे दी. रामनरेश के छोटे बेटे शिवम सिंह का चयन पीसीएस परीक्षा में होने से पूरे इलाके में खुशी का माहौल है.

अध्ययन और अभ्यास से मिली कामयाबी.
अध्ययन और अभ्यास से मिली कामयाबी.
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Published : Feb 19, 2021, 7:16 AM IST

रायबरेली : "आग जिसमे लगन की जलती है, कामयाबी उसी को मिलती है", रायबरेली के शिवम पर यह पंक्ति बिल्कुल सटीक बैठती है. बेहद साधारण से परिवार में जन्मे शिवम सिंह ने अपनी काबिलियत और मेहनत के बलबूते पहली ही बार मे सूबे की पीसीएस परीक्षा में 38वी रैंक हासिल की है. स्थानीय मेधा के परचम से पूरे जिले में खुशी की लहर है. परिणाम आने के बाद दिन भर घर मे बंधाई देने वालों का तांता लगा रहा. ETV भारत ने बुधवार को जारी हुए यूपीपीसीएस परीक्षा 2019 के परिणामों की घोषणा के बाद डिप्टी कलेक्टर की श्रेणी में 38वीं रैंक पाने वाले शिवम से मुलाकात कर उनकी कामयाबी के सफर के बारे में जाना.

दरअसल शहर के प्रगतिपुरम में रहने वाले राम नरेश सिंह विकास भवन के बाहर सालों से छोटी सी स्टेशनरी की दुकान लगाते हैं. बुधवार की देर रात उनके घर में अचानक से खुशियों की दस्तक दे दी. रामनरेश के छोटे बेटे का चयन पीसीएस परीक्षा में होने से पूरे इलाके में खुशी का माहौल है. विकास भवन के तमाम अधिकारियों ने भी गुरुवार को शिवम से मिलकर उसकी उपलब्धियों पर शुभकामनाएं दी.

मां-बाप को देते हैं कामयाबी का श्रेय
अपनी कामयाबी का श्रेय मां-बाप को देते हुए शिवम कहते हैं कि उनकी ही बदौलत वह आज इस मुकाम पर पहुंचे हैं और सही मायने में बंधाई के पात्र वही दोनों लोग हैं. शहर के सेंट पीटर्स स्कूल के छात्र रहे शिवम कहते हैं कि सीमित संसाधनों के बावजूद पिता ने पढ़ाई में कोई अड़चन आड़े आने नही दी. 12वीं के बाद लखनऊ के एक निजी इंजीनियर कॉलेज से बीटेक पढ़ाई पूरी की. फिर धनबाद के आईआईटी से एमटेक करने का अवसर मिला. एमटेक करने के दौरान ही निजी कंपनी में प्लेसमेंट हुआ पर उसमें ज्वॉइन न करते हुए सिविल सर्विसेज की तैयारी में लग गए. यूपीपीसीएस के परिणाम आने कर बाद अब प्रयास सफल हुआ है.

भविष्य में आईएफएस में जाने का सपना
शिवम ने कहा कि यूपीपीसीएस परीक्षा में मिली इस कामयाबी से मनोबल बढ़ा है और आगे चलकर आईएएस की परीक्षा भी क्वालीफाई करना हैं. शिवम ने कहा कि उनका सपना इंडियन फॉरेन सर्विस में जाने का है.

बेटे की सफलता से भावुक हुए मां-बाप
कठिन परिश्रम से अपने बेटे को कामयाब बनाने में सफल रहे राम नरेश शिवम की सफलता से अहलादित है. बातचीत करने के दौरान ही वह भावुक हो जाते हैं और इस कामयाबी के पीछे शिवम की कड़ी मेहनत का योगदान देते हैं. शिवम की मां भी बेटे की उपलब्धि से फूले नहीं समा रही हैं. उन्होंने कहा कि वह बेटे की कामयाबी से उनका जीवन सफल हो गया.

रायबरेली : "आग जिसमे लगन की जलती है, कामयाबी उसी को मिलती है", रायबरेली के शिवम पर यह पंक्ति बिल्कुल सटीक बैठती है. बेहद साधारण से परिवार में जन्मे शिवम सिंह ने अपनी काबिलियत और मेहनत के बलबूते पहली ही बार मे सूबे की पीसीएस परीक्षा में 38वी रैंक हासिल की है. स्थानीय मेधा के परचम से पूरे जिले में खुशी की लहर है. परिणाम आने के बाद दिन भर घर मे बंधाई देने वालों का तांता लगा रहा. ETV भारत ने बुधवार को जारी हुए यूपीपीसीएस परीक्षा 2019 के परिणामों की घोषणा के बाद डिप्टी कलेक्टर की श्रेणी में 38वीं रैंक पाने वाले शिवम से मुलाकात कर उनकी कामयाबी के सफर के बारे में जाना.

दरअसल शहर के प्रगतिपुरम में रहने वाले राम नरेश सिंह विकास भवन के बाहर सालों से छोटी सी स्टेशनरी की दुकान लगाते हैं. बुधवार की देर रात उनके घर में अचानक से खुशियों की दस्तक दे दी. रामनरेश के छोटे बेटे का चयन पीसीएस परीक्षा में होने से पूरे इलाके में खुशी का माहौल है. विकास भवन के तमाम अधिकारियों ने भी गुरुवार को शिवम से मिलकर उसकी उपलब्धियों पर शुभकामनाएं दी.

मां-बाप को देते हैं कामयाबी का श्रेय
अपनी कामयाबी का श्रेय मां-बाप को देते हुए शिवम कहते हैं कि उनकी ही बदौलत वह आज इस मुकाम पर पहुंचे हैं और सही मायने में बंधाई के पात्र वही दोनों लोग हैं. शहर के सेंट पीटर्स स्कूल के छात्र रहे शिवम कहते हैं कि सीमित संसाधनों के बावजूद पिता ने पढ़ाई में कोई अड़चन आड़े आने नही दी. 12वीं के बाद लखनऊ के एक निजी इंजीनियर कॉलेज से बीटेक पढ़ाई पूरी की. फिर धनबाद के आईआईटी से एमटेक करने का अवसर मिला. एमटेक करने के दौरान ही निजी कंपनी में प्लेसमेंट हुआ पर उसमें ज्वॉइन न करते हुए सिविल सर्विसेज की तैयारी में लग गए. यूपीपीसीएस के परिणाम आने कर बाद अब प्रयास सफल हुआ है.

भविष्य में आईएफएस में जाने का सपना
शिवम ने कहा कि यूपीपीसीएस परीक्षा में मिली इस कामयाबी से मनोबल बढ़ा है और आगे चलकर आईएएस की परीक्षा भी क्वालीफाई करना हैं. शिवम ने कहा कि उनका सपना इंडियन फॉरेन सर्विस में जाने का है.

बेटे की सफलता से भावुक हुए मां-बाप
कठिन परिश्रम से अपने बेटे को कामयाब बनाने में सफल रहे राम नरेश शिवम की सफलता से अहलादित है. बातचीत करने के दौरान ही वह भावुक हो जाते हैं और इस कामयाबी के पीछे शिवम की कड़ी मेहनत का योगदान देते हैं. शिवम की मां भी बेटे की उपलब्धि से फूले नहीं समा रही हैं. उन्होंने कहा कि वह बेटे की कामयाबी से उनका जीवन सफल हो गया.

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