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सोनिया गांधी की सांसद निधि को खर्च करने में नाकाम रहा स्वास्थ्य विभाग, 97 लाख रुपये वापस - खर्च करने में नाकाम स्वास्थ्य विभाग

कोरोना की दूसरी लहर का कहर रायबरेली पर भी टूटा. इस दौरान स्वास्थ्य सेवाओं और सिस्टम की लाचारी की हकीकत भी सामने आ गयी. सोनिया गांधी ने अपने संसदीय क्षेत्र में चिकित्सा सेवा बेहतर करने के लिये अपनी शेष सांसद निधि दिया लेकिन अधिकारी उसे भी पूरा खर्च करने में नाकाम रहे.

सोनिया गांधी
सोनिया गांधी
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Published : Jun 1, 2021, 5:48 PM IST

रायबरेली : कोरोना महामारी के सेकेंड वेव ने देश के स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोल कर रख दी. उत्तर प्रदेश में भी कोरोना ने भयानक तबाही मचायी. सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में भी इस महामारी ने सैकड़ों लोगों की जान ले ली. हजारों की संख्या में लोग कोरोना से संक्रमित हुए. जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था इस दौरान पटरी से उतरी नजर आयी. सोनिया गांधी ने अपनी शेष सांसद निधि को खर्च करने की अनुशंसा जिलाधिकारी से की थी, ताकि क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं को दुरूस्त किया जा सके. लेकिन यहां भी महकमा फेल साबित हुआ. सोनिया गांधी की सांसद निधि से महज कुछ लाख रुपये ही खर्च किये गये. बाकी बची हुई धनराशि वापस कर दी गई.

97 लाख रुपये किये गये वापस

कोरोना महामारी के चलते जिले में सैकड़ों की संख्या में लोग संक्रमित हो रहे थे. हर दिन लोगों की मौत हो रही थी. जिले में संचालित L2 कोविड केयर केंद्र में ऑक्सीजन की कमी से लेकर बेडों तक की कमी हो गयी थी. अपने संसदीय क्षेत्र में समस्या को देखते हुए सोनिया गांधी ने अपनी सांसद निधि से शेष बची 1 करोड़ 17 लाख 7 सौ 77 रुपये जिलाधिकारी को पत्र लिखकर स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने के लिए दिया था. लेकिन, जिले का स्वास्थ्य महकमे ने महज 20 लाख रुपये ही खर्च किये, बाकी बची 97 लाख रुपये की राशि वापस कर दी गयी.

खर्च करने में नाकाम रहा स्वास्थ्य विभाग

इस मामले में सीएमओ आफिस के डॉ. देशबंधु ने बताया कि सोनिया गांधी की तरफ से दी गयी सांसद निधि में से 20 लाख रुपये में ऑक्सीमीटर, स्टेथोस्कोप, दवाइयां, डिजिटल डीसी मशीन, इंफ्रारेड थर्मामीटर आदि जरूरी स्वास्थ्य सामग्री खरीदी गई. बाकी के 97 लाख रुपये वापस किये जा रहे हैं.

इसे भी पढ़ें - कांग्रेस विधायक अदिति सिंह का सोनिया गांधी पर तंज, जिले में गैरमौजूदगी पर उठाए सवाल

रायबरेली : कोरोना महामारी के सेकेंड वेव ने देश के स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोल कर रख दी. उत्तर प्रदेश में भी कोरोना ने भयानक तबाही मचायी. सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में भी इस महामारी ने सैकड़ों लोगों की जान ले ली. हजारों की संख्या में लोग कोरोना से संक्रमित हुए. जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था इस दौरान पटरी से उतरी नजर आयी. सोनिया गांधी ने अपनी शेष सांसद निधि को खर्च करने की अनुशंसा जिलाधिकारी से की थी, ताकि क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं को दुरूस्त किया जा सके. लेकिन यहां भी महकमा फेल साबित हुआ. सोनिया गांधी की सांसद निधि से महज कुछ लाख रुपये ही खर्च किये गये. बाकी बची हुई धनराशि वापस कर दी गई.

97 लाख रुपये किये गये वापस

कोरोना महामारी के चलते जिले में सैकड़ों की संख्या में लोग संक्रमित हो रहे थे. हर दिन लोगों की मौत हो रही थी. जिले में संचालित L2 कोविड केयर केंद्र में ऑक्सीजन की कमी से लेकर बेडों तक की कमी हो गयी थी. अपने संसदीय क्षेत्र में समस्या को देखते हुए सोनिया गांधी ने अपनी सांसद निधि से शेष बची 1 करोड़ 17 लाख 7 सौ 77 रुपये जिलाधिकारी को पत्र लिखकर स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने के लिए दिया था. लेकिन, जिले का स्वास्थ्य महकमे ने महज 20 लाख रुपये ही खर्च किये, बाकी बची 97 लाख रुपये की राशि वापस कर दी गयी.

खर्च करने में नाकाम रहा स्वास्थ्य विभाग

इस मामले में सीएमओ आफिस के डॉ. देशबंधु ने बताया कि सोनिया गांधी की तरफ से दी गयी सांसद निधि में से 20 लाख रुपये में ऑक्सीमीटर, स्टेथोस्कोप, दवाइयां, डिजिटल डीसी मशीन, इंफ्रारेड थर्मामीटर आदि जरूरी स्वास्थ्य सामग्री खरीदी गई. बाकी के 97 लाख रुपये वापस किये जा रहे हैं.

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