रायबरेली: जिले के शिवगढ़ थाना क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत से अवैध रूप से चल रहे एक झोलाछाप के क्लीनिक में इलाज के दौरान एक प्रसूता की मौत हो गई. मृतक के पति ने डॉक्टर के गलत इलाज से मौत होने का आरोप लगाया है. फिलहाल पीड़ित परिवार ने अब तक कोई शिकायत नहीं की है. जिससे अवैध नर्सिंग होम संचालकों के हौसले बुलंद हैं.
शिवगढ़ क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग के आलाधिकारियों की मिलीभगत से 12 से अधिक नर्सिंग होम अवैध रुप से संचालित हैं. इन नर्सिंग होम का कहीं भी रजिस्ट्रेशन नहीं है. जिसके चलते यह मनमाने दाम वसूलते हैं. गुरुवार को शिवगढ़ थाना क्षेत्र के नेरुथुवा गांव के रहने वाले राजेश की गर्भवती पत्नी मालती जो 8 महीने की गर्भवती थी. पैरों में दर्द हो रहा था, जिसका उसका पति इलाज कराने के लिए लेकर पंकज पालीक्लिनिक भवानीगढ़ चौराहा पहुंचा. वहां पर पालीक्लिनिक के संचालक डॉ. पंकज श्रीवास्तव ने प्रसूता का इलाज शुरू कर दिया.
प्रसूता के पति का कहना है कि जैसे ही डॉक्टर पंकज ने इंजेक्शन लगाया. उसके 1 घंटे बाद मेरी पत्नी की तबीयत बिगड़ने लगी फिर भी शाम 4 बजे तक डॉक्टर पंकज इलाज करते रहे और इलाज के नाम पर 14000 रुपये भी ले लिए. शाम 4 बजे जब प्रसूता की हालत बहुुत बिगड़ गई, तो क्लीनिक के संचालक अपनी चार पहिया वाहन से प्रसूता को लेकर बछरावां जा रहे थे. जहां रास्ते में प्रसूता ने दम तोड़ दिया. परिजनों के कहने पर मृतक के पति राजेश ने पत्नी का अंतिम संस्कार कर दिया. पति का आरोप है कि गलत इलाज करने के कारण मेरी पत्नी की मौत हुई है. डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.
उधर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ. एलपी सोनकर का कहना है कि भवानीगढ़ चौराहे पर संचालित पंकज पालीक्लिनिक रजिस्टर्ड नहीं है. फर्जी संचालित हो रहा है, यदि शिकायत मिलेगी विभाग द्वारा मुकदमा पंकज पॉलीक्लिनिक पर दर्ज कराया जाएगा.