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रायबरेली: कम्पोस्ट पिट से बनेगी जैविक खाद, गोवंश आश्रय स्थलों की बढ़ेगी आमदनी

उत्तर प्रदेश के रायबरेली में गोवंश आश्रय स्थलों की आमदनी बढ़ाने के लिए एक हल निकाला गया है. गोवंश आश्रय स्थलों में जैविक खाद बनाए जाने का निर्णय लिया गया है. इससे इनकी आमदनी बढ़ेगी.

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Published : Aug 2, 2019, 8:28 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:19 PM IST

कम्पोस्ट पिट से बनेंगी जैविक खाद

रायबरेली: कृषकों की खेती को आवारा पशुओं से निजात दिलाने के मकसद से जनपद में भी कई गोवंश आश्रय स्थल बनाएं गए हैं. आश्रय स्थलों के रख-रखाव में बजट का अभाव साफ नज़र आता है. इसका समाधान निकालने के लिए सभी गोवंश आश्रय स्थलों पर जैविक खाद बनाएं जाने का निर्णय लिया गया है. कम्पोस्ट पिट के माध्यम से गोबर का संरक्षण करके बनने वाली गुणवत्ता युक्त खाद को बाजार में बेचकर आमदनी में बढ़ोतरी करना है.

मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने दी जानकारी.

क्या है मामला

  • पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. गजेंद्र सिंह चौहान ने जनपद के सभी बीडीओ को जिलाधिकारी द्वारा निर्देशित किया है.
  • ब्लॉक में आने वाले गोवंश आश्रय स्थलों पर कृषि विभाग द्वारा कम्पोस्ट पिट बनाया जाए.
  • कम्पोस्ट पिट में गोबर का संचयन किया जाए, जिससे जैविक खाद का निर्माण हो सके.
  • बेहतर क्वालिटी की इस खाद को बाजार में बेचकर गोवंश आश्रय स्थलों की आमदनी को बढ़ाया जा सके.

रायबरेली: कृषकों की खेती को आवारा पशुओं से निजात दिलाने के मकसद से जनपद में भी कई गोवंश आश्रय स्थल बनाएं गए हैं. आश्रय स्थलों के रख-रखाव में बजट का अभाव साफ नज़र आता है. इसका समाधान निकालने के लिए सभी गोवंश आश्रय स्थलों पर जैविक खाद बनाएं जाने का निर्णय लिया गया है. कम्पोस्ट पिट के माध्यम से गोबर का संरक्षण करके बनने वाली गुणवत्ता युक्त खाद को बाजार में बेचकर आमदनी में बढ़ोतरी करना है.

मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने दी जानकारी.

क्या है मामला

  • पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. गजेंद्र सिंह चौहान ने जनपद के सभी बीडीओ को जिलाधिकारी द्वारा निर्देशित किया है.
  • ब्लॉक में आने वाले गोवंश आश्रय स्थलों पर कृषि विभाग द्वारा कम्पोस्ट पिट बनाया जाए.
  • कम्पोस्ट पिट में गोबर का संचयन किया जाए, जिससे जैविक खाद का निर्माण हो सके.
  • बेहतर क्वालिटी की इस खाद को बाजार में बेचकर गोवंश आश्रय स्थलों की आमदनी को बढ़ाया जा सके.
Intro:रायबरेली:कम्पोस्ट पिट से बनेंगी जैविक खाद,बढ़ेगी गौवंश आश्रय स्थलों की आमदनी

01 अगस्त 2019 - रायबरेली

कृषकों की खेती को आवारा पशुओं से निजात दिलाने के मकसद से जनपद में भी कई गौवंश आश्रय स्थल बनाएं गए है।इन आश्रय स्थलों के रखरखाव में बजट का अभाव साफ नज़र आता है।इस समस्या का निराकरण हेतु अब सभी गौवंश आश्रय स्थलों पर जैविक खाद बनाएं जाने का निर्णय लिया गया है।कम्पोस्ट पिट के माध्यम से गोबर का संरक्षण करके बनने वाले इस उच्च गुणवत्ता युक्त खाद को बाजार में बेचकर आश्रय स्थलों की आमदनी में इजाफा करने की मंशा है।



Body:रायबरेली के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ गजेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि जनपद के सभी बीडीओ को जिलाधिकारी द्वारा निर्देशित किया जा चुका है कि उनके ब्लॉक में आने वाले गौवंश आश्रय स्थल पर कृषि विभाग द्वारा कम्पोस्ट पिट बनाया जाए।उसी पिट में गोबर का संचयन किया जाए जिससे जैविक खाद का
का निर्माण हो सके।बेहतर क्वालिटी की इस जैविक खाद को
बाजार में बेच कर गौवंश आश्रय स्थलों की आमदनी को बढ़ाया जा सके।

दरअसल गौवंश आश्रय स्थलों में शासन द्वारा स्वीकृत किए गए बजट का अभाव इनके बेहतर तरीके से रख रखाव में आड़े आते दिख रहा है।कुछ यही कारण है कि इन आश्रय स्थलों पर विभिन्न माध्यमों से आय के अवसरों का भी सृजन किया जा रहा है।

जनपद के गौवंश आश्रय स्थलों पर पशुओं के रखरखाव को लेकर आने वाली शिकायतों के सवाल पर डॉ चौहान ने बताया कि फ़िलहाल कोई बड़ी समस्या नही है हालांकि उन्होनें स्वीकार किया कि इन आश्रय स्थलों पर कर्मचारियों की तैनाती व अन्य समस्याएं है उन सभी को शासन के संज्ञान में लाकर जल्द निस्तारित किए जाने का प्रयास किया जा रहा है।










Conclusion:बाइट : डॉ गजेंद्र सिंह चौहान - मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी - रायबरेली

प्रणव कुमार - 7000024034

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:19 PM IST
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