रायबरेली: कृषकों की खेती को आवारा पशुओं से निजात दिलाने के मकसद से जनपद में भी कई गोवंश आश्रय स्थल बनाएं गए हैं. आश्रय स्थलों के रख-रखाव में बजट का अभाव साफ नज़र आता है. इसका समाधान निकालने के लिए सभी गोवंश आश्रय स्थलों पर जैविक खाद बनाएं जाने का निर्णय लिया गया है. कम्पोस्ट पिट के माध्यम से गोबर का संरक्षण करके बनने वाली गुणवत्ता युक्त खाद को बाजार में बेचकर आमदनी में बढ़ोतरी करना है.
क्या है मामला
- पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. गजेंद्र सिंह चौहान ने जनपद के सभी बीडीओ को जिलाधिकारी द्वारा निर्देशित किया है.
- ब्लॉक में आने वाले गोवंश आश्रय स्थलों पर कृषि विभाग द्वारा कम्पोस्ट पिट बनाया जाए.
- कम्पोस्ट पिट में गोबर का संचयन किया जाए, जिससे जैविक खाद का निर्माण हो सके.
- बेहतर क्वालिटी की इस खाद को बाजार में बेचकर गोवंश आश्रय स्थलों की आमदनी को बढ़ाया जा सके.