रायबरेलीः सिविल लाइंस में कमला नेहरू एजुकेशन सोसायटी की जमीन पर काबिज दुकानदारों के पक्ष में सदर विधायक अदिति सिंह ने एक बार फिर मोर्चा खोल दिया है. इस बार उनके निशाने पर जिले के प्रशासनिक अधिकारी हैं. मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस करके अदिति सिंह ने एक बार पुनः कमला नेहरु एजुकेशन सोसायटी को फर्जी करार दिया. इसके साथ ही मामले में जिला प्रशासन द्वारा कब्जेदारों के प्रति कठोर रुख अपनाएं जाने पर निशाना साधा है.
मीडिया से रुबरु हुईं विधायक
स्थानीय प्रशासन की कार्यशैली पर हमला करते हुए विधायक ने आरोप लगाया कि प्रशासनिक अधिकारी त्योहार के दौरान दशकों से भूमि पर रह रहे लोगों से अभद्रता के साथ पेश आ रहे हैं और डरा धमकाकर अमर्यादित टिप्पणी भी कर रहे हैं. हालांकि विधायक ने इस दौरान उत्तर प्रदेश सरकार के प्रति नरम रुख अपनाते हुए पूरे प्रकरण में सीएम की मंशा गरीबों के हित में कार्य करने वाली ही बताई. विधायक अदिति सिंह प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया से रुबरु हुई थीं.
सिटी मजिस्ट्रेट की अगुवाई में पहुंचा पुलिस बल
दरअसल मंगलवार को स्थानीय प्रशासन एक बार पुनः कमला नेहरु एजुकेशनल सोसाइटी की सिविल लाइन्स स्थित महिला डिग्री कॉलेज अथवा बालिका विद्यालय के लिए आवंटित भूमि के कब्जेदारों को जल्द कब्जा खाली करके जाने की बात कहने पहुंचा. सिटी मजिस्ट्रेट की अगुवाई में बड़ी संख्या में पुलिस बल भी मौजूद था. मौके पर मिले कब्जेदारों से बेहद सख्त लहजे में सिटी मजिस्ट्रेट ने सामान समेट कर जल्द भूमि खाली करने की चेतावनी दी. इसके कुछ घंटे बाद ही विधायक अदिति सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके जिला प्रशासन के अमर्यादित बर्ताव पर निशाना साधा और शासन से उनके इस बर्ताव की शिकायत करने की बात भी कही.
स्थानीय प्रशासन पर लगाया आरोप
मीडिया से रुबरु हुई कांग्रेस विधायक अदिति सिंह अपने चिरपरिचित अंदाज में कमला नेहरु सोसाइटी पर भी निशाना साधती दिखीं और एक बार फिर से दोहराया कि यह सोसाइटी फर्जी है. साथ ही लंबे अरसे से उस भूमि पर रहे रहे करीब 112 कब्जेदारों का पक्ष लेते हुए उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि आये दिन प्रशासन नोटिस देकर इन गरीबों को प्रताड़ित कर रहा है और उनके अधिकारों का हनन भी कर रहा है.
सरकार का लिया पक्ष
विधायक अदिति सिंह की प्रेस कॉन्फ्रेंस की खास बात यह रही कि इस दौरान वह जिला प्रशासन पर तो जरूर हमलावर रहीं पर उत्तर प्रदेश सरकार और सीएम योगी आदित्यनाथ का पक्ष भी लेती दिखीं. उन्होंने यह भी कहा कि गरीबों के हितों की रक्षा के लिए ही सरकार ने जमीन के फ्री होल्ड को रद्द कराने की मंशा से सिविल सूट दायर किया है. साथ ही शासन ने भी सभी दस्तावेज मंगवाकर मामले पर एसएलपी दायर करने की तैयारी कर रहा है. बावजूद इसके स्थानीय प्रशासन बेलगाम होकर पक्षपात कार्यवाही करता दिख रहा है.