लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ क्रिकेट में विश्व स्तर पर पहचान बना रही है. 1952 में लखनऊ में पहली बार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मुकाबला खेला गया था. तब गोमती किनारे यूनिवर्सिटी ग्राउंड पर भारत-पाकिस्तान के बीच टेस्ट मैच हुआ था.
तब से आज तक तीन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट ग्राउंड बदल चुके हैं. दर्जनों आईपीएल मुकाबले और कई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच खेले गए. विश्व कप के आयोजन तक लखनऊ पहुंच चुका है. जिसका सीधा असर लखनऊ के क्रिकेट पर नजर आ रहा है. इस साल पहली बार लखनऊ में वुमेन प्रीमियर लीग भी खेली जाएगी.
लखनऊ का क्रिकेट 90 साल पुराना: लखनऊ में क्रिकेट का इतिहास 90 साल पुराना है. आजादी से पहले अंग्रेजों ने लखनऊ में क्रिकेट की शुरुआत की थी. वरिष्ठ खेल पत्रकार अनंत मिश्र बताते हैं कि साल 1930 से 1935 तक कैंट एरिया में अंग्रेज अफसर क्रिकेट खेला करते थे.
1946 के बाद लखनऊ में कॉमनवेल्थ देशों की एक संयुक्त क्रिकेट टीम खेलने आई थी. तब इस टीम ने लखनऊ में चारबाग के नॉर्दर्न रेलवे स्टेडियम वाली जगह पर और ला-मार्टीनियर कॉलेज के ग्राउंड में मुकाबला खेले थे.
आजादी के बाद लखनऊ में टेस्ट मैच का आयोजन पाकिस्तान के खिलाफ 1952 में किया गया था. यह मुकाबला गोमती किनारे नदवा और यूनिवर्सिटी के ग्राउंड पर खेला गया था. जिसके बाद शीशमहल ट्रॉफी से आईपीएल तक का सफर तय किया.
लखनऊ में खेले गए अंतरराष्ट्रीय मुकाबले: लखनऊ में अब तक बहुत से अंतरराष्ट्रीय मुकाबले खेले गए है. साल 1952 में भारत और पाकिस्तान के बीच खेले गए टेस्ट मैच के बाद, 1989 में श्रीलंका और पाकिस्तान के बीच नेहरू कप क्रिकेट प्रतियोगिता का एकदिवसीय मैच खेला गया था.
साल 1994 में भारत और श्रीलंका के बीच यहां टेस्ट मैच खेला गया था. इसके करीब 22 साल तक लखनऊ में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं हुआ. नवंबर 2018 में अटल बिहारी बाजपेई इकाना स्टेडियम में पहला मुकाबला भारत और वेस्टइंडीज के बीच खेला गया.
इस T20 मुकाबले के बाद लखनऊ में लगातार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला जा रहा है. दो साल इंडियन प्रीमियर लीग के मुकाबले हो चुके हैं. इसके अलावा 2023 में विश्व कप के पांच मुकाबले खेले गए. इस बार वूमेन प्रीमियर लीग के चार मुकाबले और इंडियन प्रीमियर लीग के साथ मुकाबले यहां खेले जाएंगे.
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हाल ही में केडी सिंह बाबू स्टेडियम में फ्लैशलाइट लगने के बाद दिन-रात के मुकाबले खेले जाने की व्यवस्था हो गई है. टेनिस बॉल की T10 लीग ने अभी हाल ही में यहां रंग जमाया और उत्तर प्रदेश के कई प्रतिभावान क्रिकेटर यहां आएं.
अंतरराष्ट्रीय स्तर का एक स्टेडियम : लखनऊ में फिलहाल अंतरराष्ट्रीय स्तर का एक क्रिकेट मैदान है. इसके अलावा राष्ट्रीय स्तर पर कई ग्राउंड हैं. इकाना स्टेडियम के डायरेक्टर उदय सिन्हा बताते हैं कि हम अपने स्टेडियम को और खास बना रहे हैं.
दुनिया भर में हमारी सुविधाओं की तारीफ होती है. हम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मुकाबले को करने के लिए तैयार हैं. आगे भी बड़े मुकाबला कराते रहेंगे.
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वरिष्ठ खेल पत्रकार शरददीप बताते हैं कि मैं लंबे समय से लखनऊ में क्रिकेट को फॉलो कर रहा हूं. बहुत कुछ बदल गया है. केडी सिंह बाबू स्टेडियम तक कभी यहां का क्रिकेट सीमित था, जो अभी 70 के करीब एकेडमियों तक पहुंच गया है. इसमें इंडियन प्रीमियर लीग का बहुत बड़ा योगदान है और इस बार वूमेन प्रीमियर लीग भी होगी.
लखनऊ के रीजनल स्पोर्ट्स ऑफिसर अनिमेष सक्सेना ने बताया कि हम आपके केडी सिंह बाबू स्टेडियम को रिवाइव कर रहे हैं. हाल ही में टेनिस बॉल का बड़ा टूर्नामेंट हमने कराया है. फ्लड लाइट की मदद से रात में भी क्रिकेट हो रहा है. अब हम उम्मीद करते हैं कि घरेलू क्रिकेट भी यहां होगा.
पहली बार लखनऊ में भिड़े थे भारत-पाकिस्तान: 1952 में पहली बार भारत-पाकिस्तान के बीच खेले गए मैच में भारत हार गया था. पाकिस्तान के शानदार खिलाड़ी मुदस्सर नजर के पिता नजर मोहम्मद ने यहां शतक जमाया था. विश्वाविद्यालय और गोमती के बीच तब बांध नहीं था. 1960 की बाढ़ के बाद यहां बांध बनाया गया. उसके बाद यह मैदान समाप्त हो गया.
1989 में वापस लौटा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट : केडी सिंह बाबू स्टेडियम में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट 1989 में लौटा था. तब नेहरू कप क्रिकेट प्रतियोगिता के लिए श्रीलंका और पाकिस्तान की टीम लखनऊ पहुंची थी.
यहां पाकिस्तान के कप्तान पाक के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान थे. रोमांचक मुकाबले में पाकिस्तान ने श्रीलंका को हरा दिया था. तब लखनऊ का केडी सिंह स्टेडियम पूरी तरह से भरा हुआ था.
1994 में भारत ने श्रीलंका को जबरदस्त तरीके से हराया : 1994 में भारत और श्रीलंका के बीच टेस्ट मैच खेला गया था. केडी सिंह बाबू स्टेडियम में खेले गए मैच में भारत में मात्र चार दिन में ही श्रीलंका को एक पारी से हरा दिया था. इस मुकाबले में सचिन तेंदुलकर और नवजोत सिंह सिद्धू ने शतक मारा था. अनिल कुंबले ने दोनों पारी में 11 विकेट लिए थे.
जब इंग्लैंड की टीम ने बिखेरा था जलवा : 1993 में भारतीय बोर्ड प्रेसिडेंट एकादश और इंग्लैंड के बीच तीन दिवसीय मुकाबला केडी सिंह बाबू स्टेडियम में खेला गया था. नवजोत सिंह सिद्धू, विनोद कांबली, राहुल द्रविड़, राजेश चौहान, माइक गैटिंग, ग्राहम गूच, ग्राहम हिक जैसे शानदार खिलाडियों ने लखनऊ में अपना जौहर दिखाया था.
केडी सिंह बाबू स्टेडियम हुआ अतीत : केडी सिंह बाबू स्टेडियम में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के मानक अधूरे रह गए. इसके बाद में सीधे 2018 में अटल बिहारी बाजपेई इकाना स्टेडियम में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की वापसी हुई. यहां वेस्ट इंडीज और भारत के बीच T20 मैच खेला गया था.
जिसमें आसानी से भारत ने वेस्टइंडीज को हरा दिया था. रोहित शर्मा ने इस मुकाबले में शानदार शतक मारा था. इसके बाद में लगातार लखनऊ में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट हो रहा है. पिछले साल से इंडियन प्रीमियर लीग के मुकाबले भी लखनऊ में शुरू हो गए हैं.
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