रायबरेलीः संकट के इस दौर में जिले में बना अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) संकटमोचक के रूप में उभर कर सामने आया है. सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र में उनके ड्रीम प्रोजेक्ट एम्स का सोमवार को संस्थान के कार्यकारी निदेशक ने विधिवत पूजा-पाठ के बाद फीता काटकर उद्घाटन किया. एम्स में अभी 50 बेड के L-3 अस्पताल का शुभारंभ किया गया है. L-3 कैटेगरी के इस अस्पताल में कोरोना के गंभीर मरीजों का इलाज किया जाएगा. इसी के साथ लंबे अरसे से भर्ती मरीजों के उपचार का इंतजार भी अब खत्म हो गया.
जिले में नहीं थी L-2 श्रेणी से उच्चतर सुविधा
कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की किल्लत से जूझ रहे जनपद के कोरोना संक्रमितों के लिए यह बेहद राहत भरी खबर है. फिलहाल जिले में कोरोना पीड़ितों के लिए L-2 श्रेणी की सुविधा ही उपलब्ध है. उससे उच्चतर श्रेणी के लिए राजधानी लखनऊ के ही सहारे यहां के मरीजों को रहना पड़ता था. जिले में 4 हजार से ज्यादा कोरोना एक्टिव केस हैं.
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मिलेगी आइसीयू, वेंटिलेटर और एचडीयू की सुविधा
50 बेड वाले इस एम्स अस्पताल में 12 बेड के आईसीयू और वेंटिलेटर की व्यवस्था है. इसके साथ ही 8 हाई डिपेंडेंसी यूनिट के बेड हैं. 8 बेड के एचडीयू यूनिट में बाई पाइप से मरीजों को ऑक्सीजन सपोर्ट दिया जाएगा. इसके अलावा एम्स प्रशासन 18 बेड के वार्ड का भी निर्माण करवा रहा है.
कोरोना मरीजों को मिलेगी स्तरीय सुविधाएं
सोमवार को शुभारंभ के साथ ही संस्थान के डायरेक्टर ने आईसीयू और एचडीयू वार्ड का निरीक्षण किया. साथ ही सीएमओ रायबरेली के साथ बैठक की. रायबरेली एम्स के कार्यकारी निदेशक प्रो. अरविंद राजवंशी ने बताया कि अस्पताल में अभी केवल गंभीर रूप से रेफर किए गए मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जाएगा. सबसे पहले मरीज की स्क्रीनिंग की जाएगी, जिसके लिए ट्रायएज वार्ड बनाया गया है. इसके बाद मरीज की जरूरत के हिसाब से उसे वार्ड में भर्ती किया जाएगा. उन्होंने यह भी दावा किया कि संस्थान के पास ट्रेंड स्टाफ है, जो मरीजों का इलाज और देखभाल करेगा. आने वाले समय में स्टाफ बढ़ने पर हम यहां पर बेड की संख्या भी बढ़ाएंगे.