रायबरेली: जिले में स्थित जगमोहनेश्वर महादेव मंदिर लोगों के लिए बड़ी आस्था का केंद्र है. कहते हैं यहां आने वाले भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होती है. इस मंदिर की स्थापना चंदापुर रियासत के राजा जगमोहन सिंह ने सन् 1897 में कराई थी.
मंदिर के संस्थापक राजा जगमोहन सिंह को मंदिर के लिए विशेष प्रकार की शिवलिंग खोजने के लिए करीब 6 महीने अमरकंटक में प्रवास करना पड़ा था. इसके बावजूद जब उन्हें उपयुक्त शिवलिंग की प्राप्ति नहीं हुई, तब उन्होंने आराध्य भोलेनाथ की अनुकंपा के लिए संकल्प लिया. इसके बाद उन्हें स्वप्न में शिवलिंग की खोज करने का समय और दिशा की जानकारी मिली थी.
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जिसके अनुसार अगले दिन राजा को शिवलिंग खोजने में कामयाबी मिली थी. शिवलिंग प्रप्ति के बाद काशी के विद्वान तांत्रिकों के माध्यम से राजा ने शिवलिंग की स्थापना कराई थी. मंदिर संस्थापक के वंशज हर्षेंद्र सिंह बताते हैं कि राजा जगमोहन की मृत्यु के बाद उनके पुत्र राजा चंद्रचूड़ सिंह ने मंदिर का नामकरण 'जगमोहनेश्वर महादेव मंदिर' के नाम से किया.
हर्षेंद्र सिंह कहते हैं कि इस मंदिर में मांगी गई सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है और हर साल यहां महाशिवरात्रि पर भव्य आयोजन किया जाता है.