रायबरेली: भारत के गांव में आज भी बहुतेरे बीमार होने पर इलाज की जगह झाड़ फूंक अंधविश्वास में विश्वास करते है, जिसकी वजह से कई दफा उन्हें इसका खामियाजा उठाना पड़ता है. ऐसा ही हरचंदपुर थाना क्षेत्र स्थित प्यारेपुर गांव से गुरुवार को एक 5 साल के मासूम की मौत का अजीबो-गरीब मामला सामने आया है. यहां, बुखार से पीड़ित बच्चे की अंधविश्वास ने जान ले ली. बताया जा रहा है कि सादिक का पांच वर्षीय बेटा कई दिनों से बुखार से पीड़ित था. परिजन उसे चिकित्सक के पास ले जाने के बजाय एक झाड़ फूंक करने वाले बाबा के पास ले गए. बाबा ने भी झाड़ फूंक करके बच्चे को ठीक करने का दावा किया, लेकिन गुरुवार को मासूम की मौत हो गई.
जानकारी के अनुसार जिले के हरचंदपुर थाना क्षेत्र के प्यारेपुर गांव निवासी सादिक का पांच वर्षीय पुत्र इमरान कई दिनों से बीमार था. पहले तो परिजनों ने आस पास मौजूद दुकानों से दवाएं लेकर बच्चे को खिलाई. जब वो ठीक नहीं हुआ तो उसे झाड़ फूंक करने वाले एक बाबा के पास ले गए. बाबा ने बच्चे पर ऊपरी साया बताकर झाड़ फूंक शुरू कर दी, लेकिन बच्चे की हालत बिगड़ती ही जा रही थी. अंत में बच्चे ने दम तोड़ दिया. ये देख बाबा मौके से फरार हो गया. जब काफी देर तक बच्चे ने कोई हरकत नहीं की तो परिजनों को शक हुआ. उन्होंने बच्चे को हिला डुला कर देखा तो उसकी मौत हो चुकी थी. परिजनों की शोर सुनकर मौके पर भीड़ जमा हो गई.
सीओ सिटी महिपाल पाठक ने बताया कि, परिजनों से मामले की जानकारी ली है. क्षेत्राधिकारी ने परिजनों की तहरीर के आधार पर मुकदमा पंजीकृत करा कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. पुलिस के मुताबिक, पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों का पता चलेगा उसी आधार पर मामले की जांच की जाएगी.