ETV Bharat / state

रायबरेली: लॉकडाउन में अन्ना पशुओं का सहारा बने पांच दोस्त - कोरोना वायरस अपडेट खबर

यूपी के रायबरेली में लालगंज क्षेत्र के पांच युवा दोस्तों लॉकडाउन में अन्ना पशुओं का पेट भरने का बीड़ा उठाया है. ये पूरे कस्बे में बैटरी चालित एक रिक्शा लेकर जाते हैं और रास्ते जो पशु मिलते हैं उनको फल और सब्जियों का चारा दे रहे हैं.

लॉकडाउन में अन्ना पशुओं का सहारा बने पांच दोस्त.
लॉकडाउन में अन्ना पशुओं का सहारा बने पांच दोस्त.
author img

By

Published : May 18, 2020, 8:46 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:19 PM IST

रायबरेली: कोरोना महामारी से बचाव के लिए देश मे लंबे समय से लॉकडाउन चल रहा है. इसकी वजह से जंहा गरीबों का रोजगार बंद हो गया और उनके सामने खाने के लाले पड़ गए हैं. समाज के कई संगठनों और सरकार ने इन गरीबों का पेट भरने का प्रयास किया, लेकिन इस लॉकडाउन में सड़क पर घूम रहे अन्ना पशुओं के पेट को भरने की ओर कम ही लोगों का ध्यान गया. ऐसे में जिले के लालगंज क्षेत्र के पांच युवा दोस्तों ने इन अन्ना पशुओं का पेट भरने का बीड़ा उठाया है. ये लोग कस्बे में बैटरी चालित रिक्शे से जाकर जंहा जो पशु मिलते उन्हें वहीं फल और सब्जियों का चारा रहे हैं.

लॉकडाउन में अन्ना पशुओं का सहारा बने पांच दोस्त.

लॉकडाउन के समय जंहा सभी अपने घरों में कैद है और सड़क पर घूम रहे आवारा पशुओं को खाने के लाले पड़े है. ऐसे में इन युवाओं ने उनका पेट भरने का बीड़ा उठाया है. लालगंज के आशीष, अंकित, आशीष चौधरी, अनिल और एक इनका एक और साथी जिनके पास एक बैटरी से चलने वाला रिक्शा है. सभी मंडी से फलों और सब्जियों की खरीदारी करते है और अन्ना पशुओं का पेट भरते है.

लॉकडाउन में अन्ना पशुओं का सहारा बने पांच दोस्त.
लॉकडाउन में अन्ना पशुओं का सहारा बने पांच दोस्त.

इसे भी पढ़ें-रायबरेली: कोरोना काल में गंदगी से बेहाल हुआ इंदिरा नगर, स्थानीयों में फैली दहशत

इन युवाओं में अंकित मिश्रा खुद प्रवासी है और लॉकडाउन में काम बंद हो जाने के कारण घर आए हैं. उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर इस अभियान को लालगंज कस्बे में शुरू किया. कस्बे के लोग इन युवाओं के काम की प्रशंसा कर रहे हैं.

रायबरेली: कोरोना महामारी से बचाव के लिए देश मे लंबे समय से लॉकडाउन चल रहा है. इसकी वजह से जंहा गरीबों का रोजगार बंद हो गया और उनके सामने खाने के लाले पड़ गए हैं. समाज के कई संगठनों और सरकार ने इन गरीबों का पेट भरने का प्रयास किया, लेकिन इस लॉकडाउन में सड़क पर घूम रहे अन्ना पशुओं के पेट को भरने की ओर कम ही लोगों का ध्यान गया. ऐसे में जिले के लालगंज क्षेत्र के पांच युवा दोस्तों ने इन अन्ना पशुओं का पेट भरने का बीड़ा उठाया है. ये लोग कस्बे में बैटरी चालित रिक्शे से जाकर जंहा जो पशु मिलते उन्हें वहीं फल और सब्जियों का चारा रहे हैं.

लॉकडाउन में अन्ना पशुओं का सहारा बने पांच दोस्त.

लॉकडाउन के समय जंहा सभी अपने घरों में कैद है और सड़क पर घूम रहे आवारा पशुओं को खाने के लाले पड़े है. ऐसे में इन युवाओं ने उनका पेट भरने का बीड़ा उठाया है. लालगंज के आशीष, अंकित, आशीष चौधरी, अनिल और एक इनका एक और साथी जिनके पास एक बैटरी से चलने वाला रिक्शा है. सभी मंडी से फलों और सब्जियों की खरीदारी करते है और अन्ना पशुओं का पेट भरते है.

लॉकडाउन में अन्ना पशुओं का सहारा बने पांच दोस्त.
लॉकडाउन में अन्ना पशुओं का सहारा बने पांच दोस्त.

इसे भी पढ़ें-रायबरेली: कोरोना काल में गंदगी से बेहाल हुआ इंदिरा नगर, स्थानीयों में फैली दहशत

इन युवाओं में अंकित मिश्रा खुद प्रवासी है और लॉकडाउन में काम बंद हो जाने के कारण घर आए हैं. उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर इस अभियान को लालगंज कस्बे में शुरू किया. कस्बे के लोग इन युवाओं के काम की प्रशंसा कर रहे हैं.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:19 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.