रायबरेली: कोरोना महामारी से बचाव के लिए देश मे लंबे समय से लॉकडाउन चल रहा है. इसकी वजह से जंहा गरीबों का रोजगार बंद हो गया और उनके सामने खाने के लाले पड़ गए हैं. समाज के कई संगठनों और सरकार ने इन गरीबों का पेट भरने का प्रयास किया, लेकिन इस लॉकडाउन में सड़क पर घूम रहे अन्ना पशुओं के पेट को भरने की ओर कम ही लोगों का ध्यान गया. ऐसे में जिले के लालगंज क्षेत्र के पांच युवा दोस्तों ने इन अन्ना पशुओं का पेट भरने का बीड़ा उठाया है. ये लोग कस्बे में बैटरी चालित रिक्शे से जाकर जंहा जो पशु मिलते उन्हें वहीं फल और सब्जियों का चारा रहे हैं.
लॉकडाउन के समय जंहा सभी अपने घरों में कैद है और सड़क पर घूम रहे आवारा पशुओं को खाने के लाले पड़े है. ऐसे में इन युवाओं ने उनका पेट भरने का बीड़ा उठाया है. लालगंज के आशीष, अंकित, आशीष चौधरी, अनिल और एक इनका एक और साथी जिनके पास एक बैटरी से चलने वाला रिक्शा है. सभी मंडी से फलों और सब्जियों की खरीदारी करते है और अन्ना पशुओं का पेट भरते है.
इसे भी पढ़ें-रायबरेली: कोरोना काल में गंदगी से बेहाल हुआ इंदिरा नगर, स्थानीयों में फैली दहशत
इन युवाओं में अंकित मिश्रा खुद प्रवासी है और लॉकडाउन में काम बंद हो जाने के कारण घर आए हैं. उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर इस अभियान को लालगंज कस्बे में शुरू किया. कस्बे के लोग इन युवाओं के काम की प्रशंसा कर रहे हैं.