रायबरेली: आवारा पशुओं से निजात दिलाने के मकसद से प्रदेश सरकार के निर्देश पर संचालित हो रही तमाम गोशालाओं में रह रहे गोवंशों को लेकर सरकार ने विशेष पहल की है. मुख्यमंत्री बेसहारा गोवंश सहभागिता कार्यक्रम के तहत जनपद के किसानों को गोवंश आश्रय स्थलों में रह रहे गोवंश को अपनी निजी गोशालाओं में ले जाने का अवसर प्रदान किया जाएगा. बशर्ते किसान न ही उन्हें किसी अन्य को बेच सकते हैं और न ही उनके रख रखाव में कोई लापरवाही बरत सकते हैं.
किसानों को आवारा गोवंशों से फिलहाल सुकून मिलता नहीं दिख रहा है. समस्या के समाधान के लिए सरकार ने मुख्यमंत्री बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना के तहत ऐसे ग्रामीण किसान जो पशुपालन से जुड़े हो, उन्हें गोवंश संरक्षण अनुदान देने की बात कही गई है. हालांकि योजना का सही ढंग से प्रचार प्रसार न होने से योजना उम्मीदों के अनुसार साकार रूप लेते नजर नहीं आ रही. इसके बावजूद विभाग द्वारा इस दिशा में भी कारगार कदम उठाएं जाने का दावा किया जा रहा है.
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मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने दी जानकारी
रायबरेली के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी गजेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि इस जनपद में गोवंश संरक्षण कार्यक्रम के तहत 24 जुलाई 2019 से पूर्व तक गोशालाओं में संरक्षित गोवंश में से कृषिकों अथवा पशुपालकों को 1 से लेकर 4 गोवंश देने की योजना है. इसके एवज में हर गोवंश के दर से 900 रुपये प्रतिमाह दिए जाने का प्रावधान है.
योजना का मकसद किसानों को आर्थिक मजबूती प्रदान करना
योजना के तहत आने वाले सभी गोवंशो की टैगिंग किए जाने के बाद विभागीय लोगों द्वारा समय-समय पर निगरानी भी की जाएगी. जनपद में 654 गोवंश के लक्ष्य के साथ योजना को परवान चढ़ाने की तैयारी है. इसके सापेक्ष अब तक 116 गोवंश 68 लाभार्थियों को सुपुर्द किए जा चुके हैं. डॉ. गजेंद्र का कहना है कि किसानों को आर्थिक मजबूती प्रदान करना ही योजना का मुख्य मकसद है.