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रायबरेली: निजी गोशालाओं में आवारा पशुओं को पाल सकते हैं किसान, सरकार से मिलेगी आर्थिक मदद - सीएम योगी आदित्यनाथ

यूपी के रायबरेली में मुख्यमंत्री बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना के तहत गोशालाओं में संरक्षित गोवंश में से कृषिकों को 1 से लेकर 4 गोवंश देने की योजना है. रखरखाव करने पर होने वाले खर्च को सरकार द्वारा तय दर से भुगतान भी किया जाएगा. बशर्ते किसान उन गोवंशों को बेच नहीं सकते हैं.

गोवंश को पालने के लिए सरकार से मिलेगी मदद.
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Published : Oct 8, 2019, 4:52 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:19 PM IST

रायबरेली: आवारा पशुओं से निजात दिलाने के मकसद से प्रदेश सरकार के निर्देश पर संचालित हो रही तमाम गोशालाओं में रह रहे गोवंशों को लेकर सरकार ने विशेष पहल की है. मुख्यमंत्री बेसहारा गोवंश सहभागिता कार्यक्रम के तहत जनपद के किसानों को गोवंश आश्रय स्थलों में रह रहे गोवंश को अपनी निजी गोशालाओं में ले जाने का अवसर प्रदान किया जाएगा. बशर्ते किसान न ही उन्हें किसी अन्य को बेच सकते हैं और न ही उनके रख रखाव में कोई लापरवाही बरत सकते हैं.

गोवंश को पालने के लिए सरकार से मिलेगी मदद.

किसानों को आवारा गोवंशों से फिलहाल सुकून मिलता नहीं दिख रहा है. समस्या के समाधान के लिए सरकार ने मुख्यमंत्री बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना के तहत ऐसे ग्रामीण किसान जो पशुपालन से जुड़े हो, उन्हें गोवंश संरक्षण अनुदान देने की बात कही गई है. हालांकि योजना का सही ढंग से प्रचार प्रसार न होने से योजना उम्मीदों के अनुसार साकार रूप लेते नजर नहीं आ रही. इसके बावजूद विभाग द्वारा इस दिशा में भी कारगार कदम उठाएं जाने का दावा किया जा रहा है.

इसे भी पढ़ें:- मऊ: गो आश्रय स्थल में भरा पानी, ब्लॉक परिसर में रखे गए पशु

मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने दी जानकारी
रायबरेली के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी गजेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि इस जनपद में गोवंश संरक्षण कार्यक्रम के तहत 24 जुलाई 2019 से पूर्व तक गोशालाओं में संरक्षित गोवंश में से कृषिकों अथवा पशुपालकों को 1 से लेकर 4 गोवंश देने की योजना है. इसके एवज में हर गोवंश के दर से 900 रुपये प्रतिमाह दिए जाने का प्रावधान है.

योजना का मकसद किसानों को आर्थिक मजबूती प्रदान करना
योजना के तहत आने वाले सभी गोवंशो की टैगिंग किए जाने के बाद विभागीय लोगों द्वारा समय-समय पर निगरानी भी की जाएगी. जनपद में 654 गोवंश के लक्ष्य के साथ योजना को परवान चढ़ाने की तैयारी है. इसके सापेक्ष अब तक 116 गोवंश 68 लाभार्थियों को सुपुर्द किए जा चुके हैं. डॉ. गजेंद्र का कहना है कि किसानों को आर्थिक मजबूती प्रदान करना ही योजना का मुख्य मकसद है.

रायबरेली: आवारा पशुओं से निजात दिलाने के मकसद से प्रदेश सरकार के निर्देश पर संचालित हो रही तमाम गोशालाओं में रह रहे गोवंशों को लेकर सरकार ने विशेष पहल की है. मुख्यमंत्री बेसहारा गोवंश सहभागिता कार्यक्रम के तहत जनपद के किसानों को गोवंश आश्रय स्थलों में रह रहे गोवंश को अपनी निजी गोशालाओं में ले जाने का अवसर प्रदान किया जाएगा. बशर्ते किसान न ही उन्हें किसी अन्य को बेच सकते हैं और न ही उनके रख रखाव में कोई लापरवाही बरत सकते हैं.

गोवंश को पालने के लिए सरकार से मिलेगी मदद.

किसानों को आवारा गोवंशों से फिलहाल सुकून मिलता नहीं दिख रहा है. समस्या के समाधान के लिए सरकार ने मुख्यमंत्री बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना के तहत ऐसे ग्रामीण किसान जो पशुपालन से जुड़े हो, उन्हें गोवंश संरक्षण अनुदान देने की बात कही गई है. हालांकि योजना का सही ढंग से प्रचार प्रसार न होने से योजना उम्मीदों के अनुसार साकार रूप लेते नजर नहीं आ रही. इसके बावजूद विभाग द्वारा इस दिशा में भी कारगार कदम उठाएं जाने का दावा किया जा रहा है.

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मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने दी जानकारी
रायबरेली के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी गजेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि इस जनपद में गोवंश संरक्षण कार्यक्रम के तहत 24 जुलाई 2019 से पूर्व तक गोशालाओं में संरक्षित गोवंश में से कृषिकों अथवा पशुपालकों को 1 से लेकर 4 गोवंश देने की योजना है. इसके एवज में हर गोवंश के दर से 900 रुपये प्रतिमाह दिए जाने का प्रावधान है.

योजना का मकसद किसानों को आर्थिक मजबूती प्रदान करना
योजना के तहत आने वाले सभी गोवंशो की टैगिंग किए जाने के बाद विभागीय लोगों द्वारा समय-समय पर निगरानी भी की जाएगी. जनपद में 654 गोवंश के लक्ष्य के साथ योजना को परवान चढ़ाने की तैयारी है. इसके सापेक्ष अब तक 116 गोवंश 68 लाभार्थियों को सुपुर्द किए जा चुके हैं. डॉ. गजेंद्र का कहना है कि किसानों को आर्थिक मजबूती प्रदान करना ही योजना का मुख्य मकसद है.

Intro:रायबरेली:मुख्यमंत्री गौवंश सहभागिता योजना से किसान होंगे आर्थिक रुप से सम्पन्न, खेतो को भी मिलेगी आवारा पशुओं के दंश से निजात

07 अक्टूबर 2019 - रायबरेली

आवारा पशुओं से निजात दिलाने के मकसद से प्रदेश सरकार के निर्देश पर संचालित हो रही तमाम गौशालाओं अथवा गौवंश आश्रय स्थल में रह रहे गौवंशो को लेकर सरकार द्वारा विशेष पहल की गई है।गौवंश भरण पोषण उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री सहभागिता कार्यक्रम के तहत जनपद के किसानों को भी गौवंश आश्रय स्थलों में रह रहे गौवंश को अपनी निजी गौशालाओं में ले जाने का अवसर प्रदान किया जाएगा।बशर्ते किसान द्वारा न ही उन्हें किसी अन्य को बेचा नही जाएगा और न ही उनके रख रखाव में कोई लापरवाही बरती जाएगी।कुशल तरीके से रखरखाव करने पर होने वाले खर्च को सरकार द्वारा तय दर से भुगतान भी किया जाएगा।


दरअसल सरकार के तमाम दावों के बावजूद खेतों में बेहिसाब नुकसान पहुंचाकर,किसानों की समास्याओं को बढ़ाने का काम हो रहा था।यही कारण है कि किसानों को आवारा गौवंशो से फिलहाल सुकून मिलता नहीं दिख रहा है।समस्या के समाधान के लिए सरकार किसानों के जरिए निवारण खोजने में लगी थी।मुख्यमंत्री बेसहारा गौवंश सहभागिता योजना के तहत ऐसे ग्रामीण किसान जो पशुपालन से जुड़े हो उन्हें गौवंश संरक्षण अनुदान देने की बात कही गई है।हालांकि योजना का सही ढंग से प्रचार प्रसार न होने से फ़िलहाल योजना उम्मीदों के अनुसार साकार रुप लेते नज़र नहीं आ रही पर विभाग द्वारा इस दिशा में भी कारगार कदम उठाएं जाने का दावा किया जा रहा है।



Body:रायबरेली के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी गजेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि इस जनपद में गोवंश संरक्षण कार्यक्रम के तहत 24 जुलाई 2019 तक गौशालाओं में संरक्षित गोवंश में से कृषिको अथवा पशुपालकों को 1 से लेकर 4 गौवंश देने की योजना है जिसके एवज में हर गौवंश के दर से 900 रुपए प्रतिमाह दिए जाने का प्रावधान है।

योजना के तहत आने वाले सभी गौवंशो की टैगिंग किए जाने के बाद विभागीय लोगो द्वारा समय-समय पर निगरानी भी रखी जाएगी।जनपद में 654 गौवंश के लक्ष्य के साथ योजना को परवान चढ़ाने की तैयारी है जिसके सापेक्ष अबतक 116 गौवंश 68 लाभार्थियों को सुपुर्द किए जा चुके है।

योजना के तहत गौवंश के प्रति मानवीय संवेदना स्थापित किए जाने की बात कहते हुए डॉ गजेंद्र दावा करते है कि किसानों को आर्थिक मजबूती प्रदान करना ही योजना का मुख्य मकसद है।















Conclusion:बाइट : डॉ गजेंद्र सिंह चौहान


प्रणव कुमार - 7000024034

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:19 PM IST
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