रायबरेली: जिले में कुछ दिनों पहले धरना प्रदर्शन के दौरान सपा के पूर्व कैबिनेट मंत्री द्वारा लगाए गए मानकों के विरुद्ध काम करने और मजदूरों का शोषण किए जाने के आरोपों को एनटीपीसी ऊंचाहार ने सिरे से नकार दिया है. एनटीपीसी ऊंचाहार यूनिट के सीजीएम अश्विनी कुमार त्रिपाठी ने ईटीवी भारत के साथ बात करते हुए कहा कि संस्थान में किसी भी प्रकार के सरकारी मानकों का उल्लंघन नहीं किया जाता है. साथ ही मजदूरों और कामगारों के हितों के लिए बायोमेट्रिक के जरिए ही एंट्री और हाजिरी की व्यवस्था की गई है.
उन्होंने कहा कि सभी कॉन्ट्रैक्ट लेबरों को भारत सरकार के मानकों के अनुसार न्यूनतम मजदूरी की दर से वेतन दिया जाता है. वेतन के अलावा सभी को 'स्टेचुअरी बेनिफिट्स' भी मुहैया कराए जाते हैं. मजदूरों के वेतन और भत्ते उनके संबंधित बैंक एकाउंट में ही ट्रांसफर किए जाते है. इसलिए उसमें हेराफेरी की गुंजाइश न के बराबर है.
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इस पूरी प्रक्रिया को बेहतर और पारदर्शी तरीके से लागू किया जाने के मकसद से ही एनटीपीसी द्वारा कॉन्ट्रैक्ट लेबर इन्फॉर्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम्स (CLIMS) का प्रयोग किया जा रहा है. तकनीकी के नवीन और मॉडर्न तरीकों से ठेकेदारों और वेंडर्स द्वारा दैनिक वेतनभोगी के शोषण की घटनाओं पर पूरी तरह से लगाम लगाया जा चुका है.