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रायबरेली: एनटीपीसी में होगी बॉयोमेट्रिक से एंट्री, मजदूरों को ठेकेदारों के शोषण से मिलेगी निजात

यूपी के रायबरेली में सपा के पूर्व कैबिनेट मंत्री द्वारा लगाए गए आरोपों को एनटीपीसी ने सिरे से नकार दिया है. एनटीपीसी ऊंचाहार का कहना है कि संस्थान में किसी भी प्रकार के सरकारी मानकों का उल्लंघन नहीं किया जाता है. साथ ही मजदूरों के हितों के लिए बायोमेट्रिक के जरिए ही एंट्री और हाजिरी की व्यवस्था की गई है.

बॉयोमेट्रिक के जरिए एनटीपीसी में होगी एंट्री
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Published : Sep 21, 2019, 7:29 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:19 PM IST

रायबरेली: जिले में कुछ दिनों पहले धरना प्रदर्शन के दौरान सपा के पूर्व कैबिनेट मंत्री द्वारा लगाए गए मानकों के विरुद्ध काम करने और मजदूरों का शोषण किए जाने के आरोपों को एनटीपीसी ऊंचाहार ने सिरे से नकार दिया है. एनटीपीसी ऊंचाहार यूनिट के सीजीएम अश्विनी कुमार त्रिपाठी ने ईटीवी भारत के साथ बात करते हुए कहा कि संस्थान में किसी भी प्रकार के सरकारी मानकों का उल्लंघन नहीं किया जाता है. साथ ही मजदूरों और कामगारों के हितों के लिए बायोमेट्रिक के जरिए ही एंट्री और हाजिरी की व्यवस्था की गई है.

बॉयोमेट्रिक के जरिए एनटीपीसी में होगी एंट्री.

उन्होंने कहा कि सभी कॉन्ट्रैक्ट लेबरों को भारत सरकार के मानकों के अनुसार न्यूनतम मजदूरी की दर से वेतन दिया जाता है. वेतन के अलावा सभी को 'स्टेचुअरी बेनिफिट्स' भी मुहैया कराए जाते हैं. मजदूरों के वेतन और भत्ते उनके संबंधित बैंक एकाउंट में ही ट्रांसफर किए जाते है. इसलिए उसमें हेराफेरी की गुंजाइश न के बराबर है.

यह भी पढ़ें: आजम खां के बड़े बेटे सहित 37 लोगों पर मुकद्दमा दर्ज, जमीन कब्जाने का आरोप

इस पूरी प्रक्रिया को बेहतर और पारदर्शी तरीके से लागू किया जाने के मकसद से ही एनटीपीसी द्वारा कॉन्ट्रैक्ट लेबर इन्फॉर्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम्स (CLIMS) का प्रयोग किया जा रहा है. तकनीकी के नवीन और मॉडर्न तरीकों से ठेकेदारों और वेंडर्स द्वारा दैनिक वेतनभोगी के शोषण की घटनाओं पर पूरी तरह से लगाम लगाया जा चुका है.

रायबरेली: जिले में कुछ दिनों पहले धरना प्रदर्शन के दौरान सपा के पूर्व कैबिनेट मंत्री द्वारा लगाए गए मानकों के विरुद्ध काम करने और मजदूरों का शोषण किए जाने के आरोपों को एनटीपीसी ऊंचाहार ने सिरे से नकार दिया है. एनटीपीसी ऊंचाहार यूनिट के सीजीएम अश्विनी कुमार त्रिपाठी ने ईटीवी भारत के साथ बात करते हुए कहा कि संस्थान में किसी भी प्रकार के सरकारी मानकों का उल्लंघन नहीं किया जाता है. साथ ही मजदूरों और कामगारों के हितों के लिए बायोमेट्रिक के जरिए ही एंट्री और हाजिरी की व्यवस्था की गई है.

बॉयोमेट्रिक के जरिए एनटीपीसी में होगी एंट्री.

उन्होंने कहा कि सभी कॉन्ट्रैक्ट लेबरों को भारत सरकार के मानकों के अनुसार न्यूनतम मजदूरी की दर से वेतन दिया जाता है. वेतन के अलावा सभी को 'स्टेचुअरी बेनिफिट्स' भी मुहैया कराए जाते हैं. मजदूरों के वेतन और भत्ते उनके संबंधित बैंक एकाउंट में ही ट्रांसफर किए जाते है. इसलिए उसमें हेराफेरी की गुंजाइश न के बराबर है.

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इस पूरी प्रक्रिया को बेहतर और पारदर्शी तरीके से लागू किया जाने के मकसद से ही एनटीपीसी द्वारा कॉन्ट्रैक्ट लेबर इन्फॉर्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम्स (CLIMS) का प्रयोग किया जा रहा है. तकनीकी के नवीन और मॉडर्न तरीकों से ठेकेदारों और वेंडर्स द्वारा दैनिक वेतनभोगी के शोषण की घटनाओं पर पूरी तरह से लगाम लगाया जा चुका है.

Intro:रायबरेली:बॉयोमेट्रिक के जरिए एनटीपीसी में होगी मजदूरों - कामगारों की एंट्री,ठेकेदारों के शोषण से मिलेगी निजात

20 सिंतबर 2019 - रायबरेली

सपा शासनकाल में कैबिनेट मंत्री रहे ऊंचाहार विधायक मनोज कुमार पांडेय ने बीते दिनों ऊंचाहार के तहसील परिसर में बड़ा धरना प्रदर्शन किया था।स्थानीय मजदूरों व कामगारों से जुड़ा मुद्दा उठाते हुए पूर्व मंत्री ने एनटीपीसी ऊंचाहार में केंद्र सरकार के मानकों के विरुद्ध काम करने का आरोप लगाते हुए ठेकेदारों द्वारा मजदूरों का शोषण किए जाने के बात कही थी।एनटीपीसी प्रबंधन ने उन सभी आरोपों को एक सिरे से नकारते हुए ETV को अपनी सफाई पेश की।यूनिट के मुखिया व सीजीएम ए के त्रिपाठी ने भारत सरकार द्वारा मानव संसाधन से जुड़े सभी नियमों के अनुसार टेक्नोलॉजी बेस्ड मैनेजमेंट सिस्टम के जरिए ही मजदूरों के वेतन का भुगतान किए जाने की बात कही।





Body:ETV से खास बातचीत में एनटीपीसी ऊंचाहार के प्रभारी व मुख्य महाप्रबंधक अश्विनी कुमार त्रिपाठी ने दावा किया कि संस्थान में किसी भी प्रकार के सरकारी मानकों का उल्लंघन नही किया जाता।साथ ही मजदूरों व कामगारों के हितों की रक्षा करने के मकसद से प्रबंधन द्वारा सभी दैनिक वेतनभोगी मजदूरों व कामगारों के लिए भी बायोमेट्रिक के जरिए ही एंट्री व हाज़री भरे जाने की व्यवस्था है।


सीजीएम ने बताया कि सभी कॉन्ट्रैक्ट लेबरों को भारत सरकार के मानकों के अनुसार न्यूनतम मजदूरी की दर से वेतन दिया जाता है।वेतन के अलावा सभी को 'स्टेचुअरी बेनिफिट्स' भी मुहैया कराया जाता है।


सीजीएम ने दावा किया कि सभी मजदूरों के वेतन व भत्ते उनके संबंधित बैंक एकाउंट में ही ट्रांसफर किए जाते है इसलिए उसमें हेराफेरी की गुंजाइश न के बराबर है।


सीजीएम अश्विनी कुमार त्रिपाठी ने कहां कि इस पूरी प्रक्रिया को बेहतर व पारदर्शी तरीके से लागू किया जाने के मकसद से ही एनटीपीसी द्वारा CLIMS - कॉन्ट्रैक्ट लेबर इन्फॉर्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम्स का प्रयोग किया जा रहा है।तकनीकी के नवीन व मॉडर्न तरीकों से ठेकेदारों व वेंडर्स द्वारा दैनिक वेतनभोगी के शोषण की घटनाओं पर पूरी तरह से लगाम लगाया जा चुका है।




Conclusion:विजुअल : संबंधित विजुअल

बाइट: अश्विनी कुमार त्रिपाठी - मुख्य महाप्रबंधक - एनटीपीसी - ऊंचाहार

प्रणव कुमार - 7000024034


Last Updated : Sep 17, 2020, 4:19 PM IST
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