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रायबरेली: डलमऊ घाट पर शहीद शैलेन्द्र का होगा अंतिम संस्कार, डीएम-एसपी ने दी श्रद्धांजलि

जम्मू कश्मीर के श्रीनगर स्थित पम्पोर में शहीद हुए यूपी के रायबरेली के वीर सपूत शैलेन्द्र प्रताप सिंह का पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए उनके गांव से डलमऊ घाट ले जाया गया. इससे पहले उनके पैतृक गांव में डीएम वैभव श्रीवास्तव और एसपी श्लोक कुमार ने पुष्पचक्र चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी. इसके साथ ही मौके पर मौजूद सीआरपीएफ के जवानों ने भी उन्हें अंतिम सलामी दी.

शहीद शैलेन्द्र को हजारों लोगों ने दी अंतिम विदाई
शहीद शैलेन्द्र को हजारों लोगों ने दी अंतिम विदाई
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Published : Oct 7, 2020, 10:33 AM IST

रायबरेली: 5 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर स्थित पम्पोर बाइपास पर आतंकियों से मोर्चा लेते हुए रायबरेली के डलमऊ तहसील के सपूत शैलेन्द्र प्रताप सिंह शहीद हो गए थे. शहीद शैलेन्द्र प्रताप सिंह का पार्थिव शरीर आज उनके पैतृक गांव मीरमीनार से डलमऊ घाट ले जाया गया, जहां उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा. शहीद की अंतिम यात्रा में हजारों लोग मौजूद रहे. इस दौरान जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, उपजिलाधिकारी आदि ने भी शहीद को श्रद्धांजलि दी. इसके साथ ही शहीद को सीआरपीएफ जवानों ने भी सलामी दी. इसके बाद उनका पार्थिव शरीर संस्कार के लिए ले जाया गया. अंतिम यात्रा में लोगों ने शैलेन्द्र सिंह अमर रहे के नारे लगाए.

शहीद शैलेन्द्र को दी गई अंतिम विदाई.

2009 में सीआरपीएफ में हुए थे भर्ती

बता दें कि जिले के डलमऊ तहसील के मीरमीरानपुर निवासी नरेंद्र बहादुर सिंह के पुत्र शैलेन्द्र प्रताप सिंह 2009 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे. वर्तमान में उनकी तैनाती जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में थी. 5 अक्टूबर को आतंकियों से लोहा लेते हुए शैलेन्द्र प्रताप सिंह गोली लगने से घायल हो गए और शहीद हो गए थे. शहीद का पार्थिव शरीर मंगलवार को उनके वर्तमान निवास मलिकमऊ पहुंचा. यहां हजारों लोगों ने शहीद के सम्मान में नारों के साथ उन्हें श्रद्धांजलि दी. देर रात उनके शव को उनके पैतृक गांव लाया गया, जहां आज सुबह से ही उनको श्रद्धांजलि देने के लिए हजारों लोग पहुंच रहे थे.

शहीद शैलेन्द्र प्रताप सिंह (फाइल फोटो)
शहीद शैलेन्द्र प्रताप सिंह (फाइल फोटो)

डीएम और एसपी ने दी श्रद्धांजलि

जिला प्रशासन की ओर से डीएम वैभव श्रीवास्तव और एसपी श्लोक कुमार ने पुष्पचक्र चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस बीच मौके पर मौजूद सीआरपीएफ के जवानों ने उन्हें सलामी दी. इसके बाद शहीद के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए डलमऊ घाट के लिए ले जाया गया, जहां उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा. इस मौके पर शहीद के पार्थिव शरीर को डीएम, एसपी और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने कंधा दिया.

रायबरेली: 5 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर स्थित पम्पोर बाइपास पर आतंकियों से मोर्चा लेते हुए रायबरेली के डलमऊ तहसील के सपूत शैलेन्द्र प्रताप सिंह शहीद हो गए थे. शहीद शैलेन्द्र प्रताप सिंह का पार्थिव शरीर आज उनके पैतृक गांव मीरमीनार से डलमऊ घाट ले जाया गया, जहां उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा. शहीद की अंतिम यात्रा में हजारों लोग मौजूद रहे. इस दौरान जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, उपजिलाधिकारी आदि ने भी शहीद को श्रद्धांजलि दी. इसके साथ ही शहीद को सीआरपीएफ जवानों ने भी सलामी दी. इसके बाद उनका पार्थिव शरीर संस्कार के लिए ले जाया गया. अंतिम यात्रा में लोगों ने शैलेन्द्र सिंह अमर रहे के नारे लगाए.

शहीद शैलेन्द्र को दी गई अंतिम विदाई.

2009 में सीआरपीएफ में हुए थे भर्ती

बता दें कि जिले के डलमऊ तहसील के मीरमीरानपुर निवासी नरेंद्र बहादुर सिंह के पुत्र शैलेन्द्र प्रताप सिंह 2009 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे. वर्तमान में उनकी तैनाती जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में थी. 5 अक्टूबर को आतंकियों से लोहा लेते हुए शैलेन्द्र प्रताप सिंह गोली लगने से घायल हो गए और शहीद हो गए थे. शहीद का पार्थिव शरीर मंगलवार को उनके वर्तमान निवास मलिकमऊ पहुंचा. यहां हजारों लोगों ने शहीद के सम्मान में नारों के साथ उन्हें श्रद्धांजलि दी. देर रात उनके शव को उनके पैतृक गांव लाया गया, जहां आज सुबह से ही उनको श्रद्धांजलि देने के लिए हजारों लोग पहुंच रहे थे.

शहीद शैलेन्द्र प्रताप सिंह (फाइल फोटो)
शहीद शैलेन्द्र प्रताप सिंह (फाइल फोटो)

डीएम और एसपी ने दी श्रद्धांजलि

जिला प्रशासन की ओर से डीएम वैभव श्रीवास्तव और एसपी श्लोक कुमार ने पुष्पचक्र चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस बीच मौके पर मौजूद सीआरपीएफ के जवानों ने उन्हें सलामी दी. इसके बाद शहीद के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए डलमऊ घाट के लिए ले जाया गया, जहां उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा. इस मौके पर शहीद के पार्थिव शरीर को डीएम, एसपी और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने कंधा दिया.

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