रायबरेली: शुक्रवार की सुबह सलोन से बीजेपी विधायक दल बहादुर कोरी के निधन की खबर ने उनके समर्थकों को स्तब्ध कर दिया. दल बहादुर कोरी कोरोना संक्रमित थे. वे पिछले एक सप्ताह से बीमार थे. उनका इलाज लखनऊ के एक निजी अस्पताल में चल रहा था. देर रात उनकी तबियत बिगड़ गई और सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली. विधायक अपने पीछे पत्नी व चार पुत्रों व दो पुत्रियों का भरा पूरा परिवार छोड़ गए. उनका अंतिम संस्कार आज रायबरेली में किया जाएगा.
![bjp mla dal bahadur kori](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/up-rae-01-bjpmlasdeath-photo-up10020_07052021083347_0705f_1620356627_984.jpg)
ऐसा रहा राजनीतिक सफर
मिली जानकारी के अनुसार, दल बहादुर कोरी 1993 में पहली बार बीजेपी के टिकट पर सलोन से विधायक निर्वाचित हुए थे. राजनाथ सिंह की सरकार में उन्हें मंत्री बनाया गया था. 2004 में उन्होंने बीजेपी को छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया था, लेकिन 2014 में उनका कांग्रेस से मोहभंग हुआ और वो फिर से भाजपा के पाले में लौट आए. 2017 के विधानसभा में उन्होंने भाजपा की टिकट से सलोन से चुनाव लड़ा और जीत का स्वाद चखा. इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में अमेठी से लड़ रहीं स्मृति ईरानी के पक्ष में उन्होंने जमकर मेहनत की और उनकी गिनती ईरानी के खासमखास में होने लगी.
![bjp mla dal bahadur kori](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/up-rae-01-bjpmlasdeath-photo-up10020_07052021083347_0705f_1620356627_309.jpg)
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जनता के साथ हमेशा खड़े रहे
क्षेत्रीय जनता के सुख दु:ख में दल बहादुर कोरी हमेशा ही खड़े रहते थे, जिसको लेकर कई बार वो चर्चाओं में भी आए. कुछ साल पहले सलोन कोतवाली के दरोगा द्वारा उनके एक समर्थक की गाड़ी का चालान करने के विरोध में उन्होंने कोतवाली में ही धरना करना शुरू कर दिया, जिससे अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए और उन्हें समझा बुझाकर धरने से उठाया गया. इसी तरह की कार्यशैली की वजह से वो चर्चाओं में बने रहते थे.