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आंगनबाड़ी कर्मचारी बैठी अनिश्चितकालीन धरने पर, सरकार पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप - रायबरेली खबर

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका अपनी मांगों को लेकर दो दिसंबर से विकास भवन के सामने धरना दे रहीं हैं. जिससे आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन ठप है. कुपोषित बच्चों को विभाग की योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है.

आंगनबाड़ी कर्मचारी
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Published : Dec 8, 2021, 10:45 PM IST

रायबरेली: मानदेय और अन्य मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कर्मी कलेक्ट्रेट परिसर में पिछले कई दिनों से धरना प्रदर्शन कर रही हैं, लेकिन इनकी व्यथा सुनने के लिए अभी तक कोई भी जिम्मेदार मौके पर नहीं पहुचा. इतना ही नहीं आलम यह है कि जिम्मेदारों ने उन्हें प्रदर्शन न खत्म करने पर बर्खास्त करने की चेतावनी दी है. इससे प्रदर्शन कर रही आंगनबाड़ी कर्मचारियों का गुस्सा बढ़ गया है. प्रदर्शन कर रही इन आंगनबाड़ी कर्मचारियों का कहना है कि अगर सरकार हमारी मांगे नहीं मानती है तो हम अनिश्चितकाल तक यहां बैठे रहेंगे.

जानकारी के अनुसार, महिला व बाल विकास पुष्टाहार विभाग के तहत जिलों में आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन किया जाता है. इन केंद्रों में श्रमिकों के मासूम बच्चों को पोषक तत्व देने के लिए हर केंद्र पर कार्यकर्ता और सहायिका को तैनात किया गया था, जिन्हें मानदेय दिया जाता है, लेकिन बढ़ रही महंगाई को देखते हुए ये मानदेय इन लोगों के लिए ऊंट के मुंह मे जीरा साबित हो रहा है. ये अपना मानदेय बढ़ाने की मांग लम्बे समय से कर रही हैं.सरकार ने भी कुछ माह पहले 15 सौ रुपये मानदेय देने की घोषणा की. जो कुछ माह तक तो उन्हें मिला लेकिन उसके बाद उसे भी बंद कर दिया गया. उसकी जगह पर सिर्फ 500 रुपये की प्रोत्साहन राशि उन्हें दी जाने लगी.

जिसको लेकर आंगनबाड़ी कर्मियों ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए मानदेय न बढ़ाने पर 2 अक्टूबर से कलेक्ट्रेट परिसर में सैकड़ो की संख्या में जमा होकर धरना शुरू कर दिया.तब से उनका प्रदर्शन लगातार जारी है. इसी बीच उन्हें विभाग की ओर से काम पर लौटने का संदेश भिजवाया गया साथ ही कहा गया कि अगर वो धरना समाप्त नहीं करती है तो उनकी सेवा समाप्त कर दी जाएगी.

इसे भी पढ़ें- संतान की चाहत में चाचा ने घरवालों के साथ मिलकर की मासूम की हत्या, गिरफ्तार

रायबरेली: मानदेय और अन्य मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कर्मी कलेक्ट्रेट परिसर में पिछले कई दिनों से धरना प्रदर्शन कर रही हैं, लेकिन इनकी व्यथा सुनने के लिए अभी तक कोई भी जिम्मेदार मौके पर नहीं पहुचा. इतना ही नहीं आलम यह है कि जिम्मेदारों ने उन्हें प्रदर्शन न खत्म करने पर बर्खास्त करने की चेतावनी दी है. इससे प्रदर्शन कर रही आंगनबाड़ी कर्मचारियों का गुस्सा बढ़ गया है. प्रदर्शन कर रही इन आंगनबाड़ी कर्मचारियों का कहना है कि अगर सरकार हमारी मांगे नहीं मानती है तो हम अनिश्चितकाल तक यहां बैठे रहेंगे.

जानकारी के अनुसार, महिला व बाल विकास पुष्टाहार विभाग के तहत जिलों में आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन किया जाता है. इन केंद्रों में श्रमिकों के मासूम बच्चों को पोषक तत्व देने के लिए हर केंद्र पर कार्यकर्ता और सहायिका को तैनात किया गया था, जिन्हें मानदेय दिया जाता है, लेकिन बढ़ रही महंगाई को देखते हुए ये मानदेय इन लोगों के लिए ऊंट के मुंह मे जीरा साबित हो रहा है. ये अपना मानदेय बढ़ाने की मांग लम्बे समय से कर रही हैं.सरकार ने भी कुछ माह पहले 15 सौ रुपये मानदेय देने की घोषणा की. जो कुछ माह तक तो उन्हें मिला लेकिन उसके बाद उसे भी बंद कर दिया गया. उसकी जगह पर सिर्फ 500 रुपये की प्रोत्साहन राशि उन्हें दी जाने लगी.

जिसको लेकर आंगनबाड़ी कर्मियों ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए मानदेय न बढ़ाने पर 2 अक्टूबर से कलेक्ट्रेट परिसर में सैकड़ो की संख्या में जमा होकर धरना शुरू कर दिया.तब से उनका प्रदर्शन लगातार जारी है. इसी बीच उन्हें विभाग की ओर से काम पर लौटने का संदेश भिजवाया गया साथ ही कहा गया कि अगर वो धरना समाप्त नहीं करती है तो उनकी सेवा समाप्त कर दी जाएगी.

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