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रायबरेली: गोकुल मिशन के तहत होगा जिले के 500 गांवों का चयन

यूपी के रायबरेली में गोकुल मिशन के तहत इस बार 500 गांवों का चयन किया जाएगा. योजना के तहत हजारों की संख्या में दुधारू पशुओं को कृत्रिम गर्भधारण का निशुल्क इलाज दिया जाएगा. इससे दुधारू पशुओं की संख्या बढ़ेगी.

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गोकुल मिशन के तहत होगा जिले के 500 गांवों का चयन
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Published : Jul 23, 2020, 6:30 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:19 PM IST

रायबरेली: किसानों की आय दोगुनी करने के मकसद से शुरू किए गए गोकुल मिशन के जरिए रायबरेली में नया कीर्तिमान रचने की तैयारी की जा रही हैं. गोकुल मिशन के जरिए जिले में उन्नत नस्ल के दुधारू पशुओं की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है. यही कारण है कि इस बार 300 की बजाए 500 ग्रामों के चयन की तैयारी है. योजना के तहत हजारों की संख्या में दुधारू पशुओं को कृत्रिम गर्भधारण का निशुल्क इलाज देते हुए बेहतर नस्ल के पशुओं को जन्म देने योग्य बनाया जाएगा.

मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. गजेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत बीते वर्ष जिले में 300 गांव का चयन किया गया था. इस वर्ष योजना में 500 गांवों को शामिल किया जाएगा. आगामी 1 अगस्त से 31 मई 2021 तक दस माह के अंतराल में इन सभी नए चयनित 500 ग्रामों में योजना को साकार रूप दिया जाएगा. उन्नत नस्ल के वीर्य के माध्यम से कृत्रिम गर्भधारण के जरिए बेहतर दुधारू गोवंश को जन्म दिया जा सकेगा.

मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी दावा करते है कि गांव के चयन में इस बात का खास ध्यान रखा गया है कि उन गांव में कम से कम 'सौ ब्रीडेबल' गोवंश या महिषवंश होना अनिवार्य मापदंड है. इस दौरान कोई गोवंश या महिषवंश यदि पहली बार में गर्भधारण नहीं कर पाते है, तो उन्हें दो और अवसर प्रदान किए जाएंगे.

डॉ. गजेंद्र कहते है कि योजना का मकसद पशुपालकों को उन्नत नस्ल के दुधारू पशुओं के जरिए दूध के उत्पादन क्षमता को बढ़ाना है. इस प्रयास के जरिए किसानों की आय को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही कई बार गर्भधारण में समस्या होने के कारण पशुपालक गोवंश को आवारा छोड़ देते है. इस योजना से उस समस्या से भी निजात मिलने की उम्मीद है.

रायबरेली: किसानों की आय दोगुनी करने के मकसद से शुरू किए गए गोकुल मिशन के जरिए रायबरेली में नया कीर्तिमान रचने की तैयारी की जा रही हैं. गोकुल मिशन के जरिए जिले में उन्नत नस्ल के दुधारू पशुओं की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है. यही कारण है कि इस बार 300 की बजाए 500 ग्रामों के चयन की तैयारी है. योजना के तहत हजारों की संख्या में दुधारू पशुओं को कृत्रिम गर्भधारण का निशुल्क इलाज देते हुए बेहतर नस्ल के पशुओं को जन्म देने योग्य बनाया जाएगा.

मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. गजेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत बीते वर्ष जिले में 300 गांव का चयन किया गया था. इस वर्ष योजना में 500 गांवों को शामिल किया जाएगा. आगामी 1 अगस्त से 31 मई 2021 तक दस माह के अंतराल में इन सभी नए चयनित 500 ग्रामों में योजना को साकार रूप दिया जाएगा. उन्नत नस्ल के वीर्य के माध्यम से कृत्रिम गर्भधारण के जरिए बेहतर दुधारू गोवंश को जन्म दिया जा सकेगा.

मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी दावा करते है कि गांव के चयन में इस बात का खास ध्यान रखा गया है कि उन गांव में कम से कम 'सौ ब्रीडेबल' गोवंश या महिषवंश होना अनिवार्य मापदंड है. इस दौरान कोई गोवंश या महिषवंश यदि पहली बार में गर्भधारण नहीं कर पाते है, तो उन्हें दो और अवसर प्रदान किए जाएंगे.

डॉ. गजेंद्र कहते है कि योजना का मकसद पशुपालकों को उन्नत नस्ल के दुधारू पशुओं के जरिए दूध के उत्पादन क्षमता को बढ़ाना है. इस प्रयास के जरिए किसानों की आय को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही कई बार गर्भधारण में समस्या होने के कारण पशुपालक गोवंश को आवारा छोड़ देते है. इस योजना से उस समस्या से भी निजात मिलने की उम्मीद है.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:19 PM IST
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