रायबरेली: प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत जिले के 20 गांवों में कायापलट की तैयारी चल रही है. योजना के तहत चयनित गांवों में विभिन्न मानकों पर विकास का खाका खींचा जाएगा. 50 प्रतिशत से अधिक दलित आबादी वाले गांव को हाईटेक बनाने की कवायद की शुरुआत जिले में हो चुकी है. समाज कल्याण विभाग अधिकारी का दावा है कि आने वाले समय मे इन अभावग्रस्त गांवों को विकास की नई ऊंचाई पर स्थापित किया जाएगा.
जिला समाज कल्याण विकास अधिकारी सुनीता सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत जिले के 20 गांवों को कायापलट किए जाने की योजना है. सरकार की मंशा के अनुरुप 50 फीसदी से ज्यादा दलित आबादी वाले गांवों को ही इस योजना के तहत चुना गया है. खास बात यह है कि इन गांवों के सर्वांगीण विकास पर जोर दिया जाना है. शौचालय युक्त घर और पीने के पानी से लेकर स्कूलों तक उपलब्धता पर जोर दिया जाना है. साथ ही डिजिटल गांव के कांसेप्ट को भी इन गांव में साकार रुप दिया जाना है. इसके अलावा स्वास्थ समेत तमाम सुविधाओं से गांवों को सम्पन्न किया जाएगा.
सुनीता सिंह ने कहा कि बछरावां ब्लॉक के 8 गांव, शिवगढ़ से 2, महाराजगंज से 1, अमावां से 3, छत्तोह से 2, डलमऊ से 2, सलोन से 1 और खीरों से 1 गांव का चयन किया गया है. पानी, विद्युत, चिकित्सा और स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण समेत कुल दस कार्यक्षेत्र में सर्वे के अनुसार विकास को गति दिए जाने की तैयारी है.