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रायबरेली: प्रधानमंत्री आवास योजना में घोटाला, गरीबों को नहीं मिली छत

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Published : Mar 5, 2020, 12:20 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:19 PM IST

उत्तर प्रदेश के रायबरेली में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत गरीबों को छत नहीं मिल पा रही है. लोग अभी भी कच्चे, टूटे-फूटे मकानों में रहने को मजबूर हैं. ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान और ग्राम सचिव पर आवास योजना में घोटाले का आरोप लगाया है.

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प्रधानमंत्री आवास योजना में रीबों को नहीं मिले आवास. .

रायबरेली: देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गरीबो को एक अदद छत मुहैया कराने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना शुरू की. इस योजना का मकसद गरीब परिवारों छत मुहैया कराना है, लेकिन यह योजना सरकारी बंदरबांट के चलते पूरी होती नहीं दिख रही है.

प्रधानमंत्री आवास योजना में रीबों को नहीं मिले आवास.

ताजा मामला रायबरेली के सलोन विधानसभा के पकसरांवा ग्रामसभा का है, जहां गांव के प्रधान और सेक्रेटरी की मिली भगत के चलते पात्र गरीबों को आवास नहीं मिल पा रहा है. गरीब परिवार मिट्टी से बने टूटे फूटे जर्जर मकानों में रह रहे हैं तो कोई पॉलिथीन से अपने को सुरक्षित करने की कोशिश कर रहा है, जबकि इस गांव के लोगों को भी प्रधानमंत्री आवास मिला था, लेकिन दबंग प्रधान और ग्राम सचिव की मिलीभगत के चलते वो सिर्फ कागजों पर ही बनकर रह गए.

इस मामले की शिकायत करने पर जांच भी की गई, लेकिन तीन महीने बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

इसे भी पढ़ें:-वाराणसी: रंगभरी एकादशी पर आज होगी माता गौरा की विदाई, भक्त खेलेंगे होली

पात्र परिवारों को ही मकान दिए गए हैं. फिर भी अगर कहीं कोई घोटाला हुआ है तो हम इसकी जांच कराएंगे.
अभिषेक गोयल,मुख्य विकास अधिकारी

रायबरेली: देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गरीबो को एक अदद छत मुहैया कराने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना शुरू की. इस योजना का मकसद गरीब परिवारों छत मुहैया कराना है, लेकिन यह योजना सरकारी बंदरबांट के चलते पूरी होती नहीं दिख रही है.

प्रधानमंत्री आवास योजना में रीबों को नहीं मिले आवास.

ताजा मामला रायबरेली के सलोन विधानसभा के पकसरांवा ग्रामसभा का है, जहां गांव के प्रधान और सेक्रेटरी की मिली भगत के चलते पात्र गरीबों को आवास नहीं मिल पा रहा है. गरीब परिवार मिट्टी से बने टूटे फूटे जर्जर मकानों में रह रहे हैं तो कोई पॉलिथीन से अपने को सुरक्षित करने की कोशिश कर रहा है, जबकि इस गांव के लोगों को भी प्रधानमंत्री आवास मिला था, लेकिन दबंग प्रधान और ग्राम सचिव की मिलीभगत के चलते वो सिर्फ कागजों पर ही बनकर रह गए.

इस मामले की शिकायत करने पर जांच भी की गई, लेकिन तीन महीने बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

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पात्र परिवारों को ही मकान दिए गए हैं. फिर भी अगर कहीं कोई घोटाला हुआ है तो हम इसकी जांच कराएंगे.
अभिषेक गोयल,मुख्य विकास अधिकारी

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:19 PM IST
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