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मंत्री स्वाति सिंह ने कहा- लड़की और लड़के के बीच की दूरी सबसे पहले घर से खत्म करनी होगी

यूपी के प्रयागराज में मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में जेंडर सेंसिटिविटी इक्विटी इक्वलिटी विषय पर कार्यशाला आयोजित हुई. इस कार्यशाला में राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार स्वाति सिंह बतौर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं.

द्वीप प्रज्वलित करतीं बाल विकास मंत्री स्वाति सिंह.
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Published : Sep 22, 2019, 9:28 AM IST

प्रयागराज: जिले में मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में जेंडर सेंसिटिविटी इक्विटी इक्वलिटी विषय पर कार्यशाला आयोजित हुई. इस कार्यशाला में राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार स्वाति सिंह बतौर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं. इस दौरान उन्होने कार्यशाला में मौजूद महिलाओं से यह भी अपील की कि अगर उनके साथ कोई समस्या है तो उसे अपने अंदर दबाएं नहीं बल्कि खुलकर सामने रखें. अपने सम्बोधन के दौरान उन्होंने अपने अनुभव भी बताए. कार्यशाला की आयोजक प्रोफेसर गीतिका ने समाज में महिलाओं को लेकर खींची जाने वाली लक्ष्मण रेखा पर चिंता जताई.

बातचीत करतीं राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार स्वाति सिंह.

इसे भी पढ़ें- नैमिषारण्य के विकास को लेकर सरकार बेहद गंभीरः स्वाति सिंह

राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार स्वाति सिंह ने संबोधन में कहा कि लड़की और लड़के के बीच का अंतर सबसे पहले हमें घर से खत्म करना होगा, तभी हमें समाज में समान अवसर मिलेगा. हमें अपने आप को बदलना है, तब जाकर लड़कियों के साथ होने वाले अपराधों में कमी आएगी. आज किसी भी क्षेत्र में महिलाएं कदम से कदम मिलाकर कार्य कर रही है, लेकिन यह दुर्भाग्य है कि उन्हें अपने कार्य क्षेत्र के दौरान असहज अनुमति होती है. अगर ऐसा हो रहा है तो हमारे 70 साल की आजादी का कोई अर्थ नहीं है. सरकार का यह प्रयास है कि उन्हें बेहतर सुरक्षा का माहौल देकर आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया जाए.

संस्थान के निदेशक राजीव त्रिपाठी ने अपने संबोधन में हुए कहा कि हमारी भारतीय संस्कृति में नारी को सर्वोच्च स्थान दिया गया, लेकिन समाज मे पुरुष और महिला को देखने का नजरिया अलग है. इसके लिए सभी को आगे आना पड़ेगा और अपना नजरिया बदलना पड़ेगा. तब जाकर सही मायने में समानता आएगी.

प्रयागराज: जिले में मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में जेंडर सेंसिटिविटी इक्विटी इक्वलिटी विषय पर कार्यशाला आयोजित हुई. इस कार्यशाला में राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार स्वाति सिंह बतौर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं. इस दौरान उन्होने कार्यशाला में मौजूद महिलाओं से यह भी अपील की कि अगर उनके साथ कोई समस्या है तो उसे अपने अंदर दबाएं नहीं बल्कि खुलकर सामने रखें. अपने सम्बोधन के दौरान उन्होंने अपने अनुभव भी बताए. कार्यशाला की आयोजक प्रोफेसर गीतिका ने समाज में महिलाओं को लेकर खींची जाने वाली लक्ष्मण रेखा पर चिंता जताई.

बातचीत करतीं राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार स्वाति सिंह.

इसे भी पढ़ें- नैमिषारण्य के विकास को लेकर सरकार बेहद गंभीरः स्वाति सिंह

राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार स्वाति सिंह ने संबोधन में कहा कि लड़की और लड़के के बीच का अंतर सबसे पहले हमें घर से खत्म करना होगा, तभी हमें समाज में समान अवसर मिलेगा. हमें अपने आप को बदलना है, तब जाकर लड़कियों के साथ होने वाले अपराधों में कमी आएगी. आज किसी भी क्षेत्र में महिलाएं कदम से कदम मिलाकर कार्य कर रही है, लेकिन यह दुर्भाग्य है कि उन्हें अपने कार्य क्षेत्र के दौरान असहज अनुमति होती है. अगर ऐसा हो रहा है तो हमारे 70 साल की आजादी का कोई अर्थ नहीं है. सरकार का यह प्रयास है कि उन्हें बेहतर सुरक्षा का माहौल देकर आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया जाए.

संस्थान के निदेशक राजीव त्रिपाठी ने अपने संबोधन में हुए कहा कि हमारी भारतीय संस्कृति में नारी को सर्वोच्च स्थान दिया गया, लेकिन समाज मे पुरुष और महिला को देखने का नजरिया अलग है. इसके लिए सभी को आगे आना पड़ेगा और अपना नजरिया बदलना पड़ेगा. तब जाकर सही मायने में समानता आएगी.

Intro:लड़की और लड़के के बीच का अंतर सबसे पहले हमें घर से खत्म करना होगा तभी मैं समाज में समान अवसर मिलेगा यह बातें आज उत्तर प्रदेश के राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार स्वाति सिंह ने मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में आयोजित जेंडर सेंसटिविटी इक्विटी इक्वलिटी विषय पर आयोजित हुई कार्यशाला के दौरान कही है। कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि अपना संबोधन देते हुए उन्होंने कहा कि हमें अपने आप को बदलना है तभी जाकर के लड़कियों के साथ होने वाले अपराधों में कमी आएगी आज कोई भी कार्य क्षेत्र वहां पर महिलाएं कदम से कदम मिलाकर कार्य कर रही है लेकिन या दुर्भाग्य है कि उन्हें अपने कार्य क्षेत्र के दौरान असहज अनुमति होती है अगर ऐसा हो रहा है तो हमारे 70 साल की आजादी का कोई अर्थ नहीं है।


Body:अपने संबोधन के दौरान उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा महिलाओं के लिए चलाई जा रही विभिन्न प्रकार की योजनाओं के बारे में बताया और उन्होंने कहा कि सरकार का यह प्रयास है कि उन्हें बेहतर सुरक्षा का माहौल देकर आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया जाए साथ ही साथ उन्होंने कार्यशाला में मौजूद महिलाओं से यह भी अपील की कि अगर उनके साथ कोई समस्या है तो उसे अपने अंदर दबाए नहीं बल्कि खुलकर सामने रखें। अपने सम्बोधन के दौरान उन्होंने अपने अनुभव भी बताई। कार्यशाला की आयोजक प्रोफ़ेसर गीतिका ने समाज में महिलाओं को लेकर खीची जाने वाली लक्ष्मण रेखा पर चिंता जताई।


Conclusion:संस्थान के निदेशक राजीव त्रिपाठी ने अपना संबोधन देते हुए कहा हमारी भारतीय संस्कृति में नारी को सर्वोच्च स्थान दिया गया। लेकिन समाज मे पुरुष और महिला को देखने का नजरिया अलग है। इसके लिए सभी को आगे आना पड़ेगा और अपना नजरिया बदलना पड़ेगा। सही मायने में तभी समानता आएगी।

बाईट: स्वाति सिंह बाल पुष्टाहार व बाल विकास मंत्री उत्तर प्रदेश

प्रवीण मिश्र
प्रयागराज
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