प्रयागराज: शिवरात्रि के पावन अवसर पर हर कोई भगवान शिव की पूजा-अर्चना में जुटा है. शिवालयों में भगवान शिव के जयकारे से वातावरण भक्ति में डूबा हुआ है. वहीं आज के दिन भगवान शिव की पूजा अर्चना के बाद नंदी बाबा के कानों में मनोकामना कहते हैं. क्या आपको पता है इसके पीछे का राज़ क्या है?
दरअसल धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान ने अपने परम भक्त नंदी को यह वरदान दिया था कि अगर उनके कान में कोई अपनी इच्छा या मनोकामना प्रकट करता है, तो वो उन तक जरूर पहुंचेगी. इसलिए नंदी बाबा के कानों में कही गई मनोकामना भगवान शिव तक जरूर पहुंचती है. वहीं भोलेनाथ परम भक्त नंदी के माध्यम से उन तक पहुंचने वाली मनोकामनों को अवश्य पूरा करते हैं.
जलाभिषेक के बाद कहते हैं मनोकामना
पूजारी सुनील कुमार व्यास का कहना है कि ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव की पूजा अर्चना के बाद नंदी बाबा की पूजा की जाती है और श्रद्धालुओं की जो भी मनोकामना होती है. वह नंदी बाबा के कानों में कहते हैं और मनोकामना निश्चित रूप से पूर्ण होती है. इसलिए मंदिर में आने वाले भक्त शिव पूजा के बाद नंदी भगवान का जलाभिषेक के पुनः बाद कानों में कहकर मन्नत मांगते हैं.
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मनोकामना पूर्ण होने पर चढ़ाते हैं घंटा
पूजारी सुनील कुमार व्यास का कहना है कि नंदी बाबा भगवान शिव के सबसे करीबी भक्त हैं इसलिए नंदी बाबा के कानों में कही गई मनोकामना भगवान शिव तक जरूर पहुंचती हैं. ऐसे में भक्तों की जब मनोकामना पूर्ण होती है तो कोई भगवान शिव मंदिर पहुंचकर झंडा चढ़ाता है, तो कोई घन्टा चढ़ाता है, तो कोई लड्डुओं का भोग लगाता है.