प्रयागराजः शहीद चंद्रशेखर आजाद पार्क में लगी हुई आजाद की प्रतिमा इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है. इस चर्चा के पीछे मुख्य वजह आजाद की प्रतिमा से बूंद-बूंद टपकने वाला पानी है. अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा से टपक रहे इस पानी को लेकर अलग अलग तरह की चर्चाएं हो रही हैं. कुछ लोग इसे आस्था और श्रद्धा से जोड़कर देख रहे हैं. जबकि विज्ञान के जानकार इसे एक आम रासायनिक प्रक्रिया बता रहे हैं.
प्रयागराज स्थित चंद्रशेखर आजाद पार्क में मिश्रित धातुओं से बनी अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद की विशालकाय प्रतिमा लगी हुई है. इस प्रतिमा से कुछ दिनों पहले पानी की बूंदे टपकती दिख रही थी. जिसके बाद मेजा के रहने वाले रजनीकांत ने पहली बार टपकते हुए पानी को देखा और उसे साफ कर दिया. लेकिन अगले दिन भी जब उनको उसी स्थान से पानी टपकता हुआ दिखा तो उन्होंने उद्यान अधीक्षक और जिलाधिकारी से इसकी शिकायत की. रजनी कांत से जानकारी मिलने के बाद मूर्ति की मरम्मत का कार्य शुरू करवा दिया गया. वहीं, दूसरी तरफ आजाद की मूर्ति से पानी टपकने की जानकारी पर लोग वहां पहुंचकर उस जल को पवित्र मानकर रहे हैं. कुछ लोग तो उस जल को अमर शहीद का आशीर्वाद मानकर माथे पर लगाकर आशीर्वाद भी ले रहे हैं.
इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के रसायन विज्ञान विभाग के प्रोफेसर रामेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि प्रतिमा में कहीं क्रैक हो सकता है. जिससे ठंड की वजह से भी प्रतिमा के अंदर में रिसाव हो सकता है. उनका कहना है कि आजाद की प्रतिमा के पास पानी का कोई जल स्रोत नहीं है. ऐसे में प्रतिमा से जल कैसे टपक रहा है. उसको लेकर कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं. वहीं, देश की अन्य प्रतिमाओं की देखरेख करने वाली संस्था इंटेक को बुलाया गया है. जो मूर्ति की जांच पड़ताल करके पानी टपकने के वैज्ञानिक वजह का पता लगाएगी. इसके साथ ही मूर्ति में आयी कमी को मरम्मत करके सही करेगी. जिससे पानी टपकना बंद हो जाएगा.
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